मानव बल हैं धीरज |
सभी आरोपित पकड़ से बाहर
पटना। साउथ बिहार और नौर्थ बिहार पावर वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा मानवाधिकार विहिन शर्तं तैयार किया है जिसके तहत कनीय सारणी पुरूषों (मानव बलों) को प्रतिमाह कंपनी द्वारा निर्धारित राशि संवेदक द्वारा भुगतान किया जाएगा इसके अतिरिक्त कोई भी भत्ता एवं अन्य सुविधा देय नहीं होगा। कनीय सारणी पुरूषों को पूर्णिमा की चांद की तरह राशि मिलती है। इसके अतिरिक्त कुछ नहीं मिलता है। काफी हंगामा करने के बाद कार्य करने के दौरान 34 मृतकों में से केवल 2 मृतकों को 2 लाख रूपए का भुगतान किया गया। शेष 32 मृतकों की विधवा मुआवजा हासिल करने को लेकर चक्कर पर चक्कर मार रहे हैं। मगर मुआवजा मिला ही नहीं। जेई के अत्याचार के कारण धीरज ने आत्महत्या कर ली है।
मानव बल की मौतः
इन दिनों बिजली विभाग के द्वारा मानव बल रखा जाता है। जो पूर्णतः बंधुआ मजदूरों की तरह है। इनको 5 हजार रू0 मिलता है। इस राशि में बंदर बांट हो जाती है। 1 हजार रू0 कनीय अभियंता और ठेकेदार आपस में बांट लेते हैं। मानव बल के हिस्से 4 हजार रू0जाता है। अभी.अभी अभिषेक उर्फ गुड्डु नामक मानव बल को बिजली के झटके लगने से परलोक सिधार गया है। बिजली के झटके लगने वाले अभिषेक को बिजली विभाग के द्वारा मुआवजा नहीं मिला। इस तरह तीन बार बिजली का झटका अभिषेक को लगा है। जो जानलेवा साबित हुआ। संपूर्ण अस्पतलीय खर्च वहन करना पड़ा। वह फतुआ के निवासी था।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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