Sunday 13 March 2016

14 मुकाम के समय गाते हैं खड़ी होती दुःखित माता


क्रूस के निकट वह रोती रहती
जिस पर टंगा है बेटा


पटना। कुर्जी पल्ली में है प्रेरितों की रानी ईश मंदिर। पवित्र शुक्रवार को आशा दीप,होली कॉस सोसायटी,फेयरफील्ड से सुबह 6.00 बजे से प्रभु येसु के क्रूस की यात्रा को दर्शाने वाली झांकी निकाली जाएगी। इसको लेकर जोरदार ढंग से रिहर्सल किया जा रहा है। 

रिहर्सल करने वालों में हैं प्रभु येसु ख्रीस्त की भूमिका निभाने वाले विक्टर फ्रांसिस। स्टेफन लुकस (पिलातुस), एलिटस, मरिया ग्रोटी, मेरी टुडू ,संध्या, आशा पीटर और वेरोनिका (महिलाएं),विनय पंचम, प्रदीप साह, नीरज आल्फ्रेड,नीतीश आल्फ्रेड, रंजीत,शैलेश अंथोनी और संजय साह (सिपाही), निर्मला जोन (वेरोनिका) नीलम (मदर मेरी) चार्ली (सिमोन), अंश्रय (निकोदुमस), अनिल कुमार( धनवान), दीपक पास्कल (ग्रामीण), प्रशांत कुमार और आलबर्ट शेखर (डाकू) बने हैं।

इनके अलावे प्रभात कुमार,रोनी,बेला,प्रिया साह सारिका, विनिता विक्टर, रोसा , रोजी रिचर्ड,शीला रोबिन, डाक्टर ऑसवल्ड अंथोनी,क्लारेंस हेनरी आदि भी भूमिका अदा कर रहे हैं। इनलोगों में कोई पाठ अध्ययन करेंगे। अधिकांश दुखभरी गीत प्रस्तुत करेंगे। 

कुर्जी पल्ली परिषद के पार्षद क्लारेंस हेनरी बताते हैं कि ईसाई समुदाय फेयरफील्ड में 25 मार्च को सुबह 5:45 बजे पहुंचेंगे। 6:00 बजे झांकी शुरू हो जाएगी। झांकी चर्च में पहुंचकर क्रूस यात्रा में तब्दील हो जाएगी। प्रथम क्रूस यात्रा शुरू होगी। 

इस अवसर पर 14 मुकाम के समय धर्मावलम्बी गीत गाएंगे। (1) खड़ी होती दुःखित माता,क्रूस निकट वह रोती रहती। जिस पर टंगा है बेटा ।। (2) उसके कुचले दिल के आर पार जो दुख सागर में डूबा है। गड़ गई है तेज तलवार।। (3) आह! खेदित और शोकमय कैसी,है वह अति मुबारक स्त्री। इस इकलौते की माता।। (4)मां हाय मारती,मां कराहती,दिल उसका बिल्कुल टूट जाता। प्रेमी बेटा देखते ही।। (5) कौन सा होता जो न रोता,जब वह देखता इस संकट में। येसु ख्रीस्त की शोकित मां।। (6) किसको दया न आवेगी,मरिया पर नजर डाल के । जो बेटे के साथ दुख झेलती।। (7) जो हमारे पाप के कारण,चोट घावों से भरा होता। उसकी मां करती दर्शन।। (8) मां दुलारी बेटा ताकती,जो मर जाता कष्ट से भरा। मरण तक उस पास रहती।। (9) प्रेम का सोता माता मेरी,दुख का साझी मुझे बना। और सिखला शोक की शक्ति।। (10) येसु लिए ईश्वर मेरे,खूब जल जाये मेरी प्रीति। और हमेशा बढ़ जावे।। (11) हे संत माता विनती सुन ले,येसु ख्रीस्त के घाव देखने पर। दुख से मेरा दिल छिदे।। (12) दुख और शोक का भागी होना,हे मरिया माता मेरी। तेरे संग मैं खूब चाहता।। (13) आंसू तेरे आंसू मेरे, जबतक मैं जीता रहूंगा। सदा एक साह बह रहें।। (14) क्रूस के सामने एक संग रहना, एक साथ रोना प्रार्थना करना। यही है मेरी इच्छा।। 

आलोक कुमार
मखदुमपुर दीघा घाट,पटना। 


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