Thursday 17 March 2016

जिदंगी के 22 साल अन्नु राम ने शराब को रखैल बना रखा


एक दिन में करता था खर्च 30 रू0

स्व विवेक से 4 साल से रखैल से हो गया मुक्त

पटना। महादलित मुसहर अन्नु राम की जिदंगी में 2 बार परिवर्तन हुआ। प्रथम पिता यमुना राम की मौत के बाद पीएमसीएच में अनुकंपा के आधार पर नौकरी और द्वितीय स्व विवेक से शराब रूपी रखैल को टा-टा-बाई-बाई करने में सफल हो गया। 

पटना जिले के पोठिही मुसहरी में रहती है रजली कुमारी। वहीं दीघा मुसहरी में रहते हैं स्व0 यमुना राम के पुत्र अन्नु राम। इन दोनों के बीच विवाह हुआ और विवा के बाद से ही पति अन्नु राम और पत्नी रजली देवी के बीच छत्तीस का आंकड़ा हो गया। 

इसका दुष्परिणाम सामने आया। पारिवारिक तनाव को बहाना बनाकर अन्नु राम शराब पीने लगे। इस रखैल के गिरफ्त में आ गये। घर में बीबी को खर्चा दे या न दें। कोई फर्क नहीं पड़ता था। पर नियमित शराब खरीदने की राशि जुगाड़ कर लेते। इसी तरह जिदंगी के महत्वपूर्ण दिन और राशि बर्बाद कर दिये। अन्नु राम कहते हैं कि प्रत्येक दिन शराब पीते थे। 

यहां पर मोटे-मोटे ढंग से अंदाज लगाया जा रहा है कि अगर अन्नु राम शराब पर केवल 30 रू0 खर्च करते थे तब जाकर 365 दिनों में काफी राशि शराब डकारने में व्यय कर दिये। 30 रू0 की दर से 1 साल में केवल शराब पर 10 हजार 950 रू0 किये। कुल 22 साल में 2 लाख 40 हजार 9 सौ रू0 खर्च कर दिये।

बताते चले कि एक शराबी मात्रः30 रू0ही खर्च नहीं करता है। कुछ खाने पर भी खर्च करता है। जबतक रखैल का नशा रहता है तबतक मस्ती में रहता है। जैसे ही रखैल का नशा लुफ्त हो जाता है वैसे ही पुनःशराब खरीदकर पी लेता। फिर से शराबी खर्च करके शराब पी लेता है। तब अनुमान लगा सकते हैं कि 22 साल में कितनी राशि बर्बाद कर चुका है। 

अन्नु राम कहते हैं कि मेरे पिताजी पीएमसीएच में चतुर्थवर्गीय कर्मी थे। पीएमसीएच के निकट पूर्वी लोहानीपुर मुसहरी है। यहीं पर पिताजी रहने लगे और काम करने जाने लगे। हां, काफी शराब पिताजी पीते थे। इसका नतीजा परलोक सिधार गये। स्व0 यमुना राम की मौत पर पुत्र अन्नु राम को अनुकंपा पर नौकरी मिली। तब दोनों दम्पति पूर्वी लोहानीपुर मुसहरी में रहने लगे। यहीं से अन्नु राम भी अनुकंपा पर नौकरी करने पीएमसीएच में जाने लगे। अभी अन्नु राम को 25 हजार रू0 मिलता है। 2027 में अवकाश ग्रहण करेंगे। 

दोनों दम्पति में 33 का संबंध हो गयाः पूर्वी लोहानीपुर मुसहरी में रहने से पति अन्नु राम और पत्नी रजली देवी के बीच में नाटकीय ढंग से स्नेह प्रगाढ़ होने लगा। इसका नतीजा गर्भधारण से जाहिर हुआ। प्रथम प्रसव में बबलू और द्वितीय प्रसव में डब्लू जन्म लिया। पढ़ लिखकर बी0ए0 उर्त्तीण हो गया बबलू कुमार। डब्लू कुमार आठवीं कक्षा में अध्ययनरत है।

बबलू की शादी और दोनों दम्पति दादा-दादी बन गयेः काफी राशि खर्च करके बबलू की शादी कर दी गयी। अभी-अभी बबलू का द्वितीय बच्चा ने जन्म लिया है। इसके कारण परिवार में हर्ष का माहौल व्याप्त है। रजली देवी कहती हैं कि बहुत कष्ट सहे हैं अब जिदंगी का मजा आ रहा है। पतिदेव शराब छोड़ दिये हैं। धीरे-धीरे करके शराब को टा-टा-बाई-बाई कर दिये। 

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना। 

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