Wednesday 16 March 2016

वह कहां से आयी थी और कहां से चली गयीं


आप सही पकड़े हैं

पटना। वह कहां से आयी थी, किसी को मालूम नहीं है। मौत तक पहेली बनी रहीं। अब मौत के बाद कोई नहीं पूछेंगा कि वह कहां से आयीं थी? एक महिला द्वारा गोसाई टोली स्थित मंदिर में बैठाकर चले जाने के 48 घंटे के बाद घर आ सकी थीं। वहां से लौटने के बाद कमजोर हो गयी थीं जो मौत का कारण बन गयी।

वह गंदे कपड़े पहनकर सड़क किनारे रहती थींः एल.सी.टी.घाट मुसहरी में स्व0 जित्तू मांझी रहते थे। उसे जित्तू घर लाया। अपने साथ रखने लगा। वह जित्तू को पति समझने लगी थीं। कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ। इस बीच गंगा नदी में डूब जाने से जित्तू मांझी मौत हो गयी। तब जित्तू मांझी की विधवा भाभी खाना-दाना देने लगी। विधवा भाभी मरने के बाद जित्तू मांझी के भतीजा पप्पू मांझी भोजन देने लगे। जितना हो सकता था वह चाची की सेवा करते रहा।मौत के बाद पप्पू मांझी ने विधवा चाची की मुग्खानि दिया।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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