Friday 18 March 2016

दिव्यांग वैजंती की व्यथा


पटना। ससुराल वाले पुत्रवधु के घर वालों पर और नैयर वाले दामाद के घर वालों पर ठोका मुकदमा। दोनों के मुकदमा ठोंकाठोकी के बीच में वैजंती की जिदंगी फंसकर रह गयी है। 

पूरी कहानी यह है कि वैजंती को हल्का पोलियो हो गया था। उसे चलने-फिरने में दिक्कत नहीं होती है। बाल्यावस्था में पंखा में अंगुली फंसकर अंगुठे की बगल वाली अंगुली कट गयी। इन दोनों बाधाओं को दूर करके वैजंती आगे से आगे बढ़ रही है। वह मजे से सिलाई मशीन चलाती हैं। मेंहदी लगाने में कलाबाजी करती हैं। 3 मासीय डिजाइन कम्प्यूटर में प्रशिक्षण प्राप्त है। 

आरा में रहती हैं दिव्यांग वैजंतीः आरा में धागड़ नामक गांव है। यहां पर 800 घरों में बिन्द जाति के लोग रहते हैं। करीब साढ़े चार जनसंख्या है। सभी बिन्द जाति होने के बावजूद ‘चौधरी’टाइटल्स रखते हैं। दिव्यांग वैजंती के पिताश्री सुभाष चौधरी और माताश्री नागेश्वरी देवी हैं। दोनों के सहयोग से 5 लड़के और 1 लड़की है। धनंजय चौधरी,रंजन चौधरी,वैजंती ,राकेश चौधरी और सुनील चौधरी हैं। राहुल चौधरी 12 वीं और राकेश चौधरी 11वीं के छात्र हैं। वैजंती 10 वीं उर्त्तीण हैं। धनंजय,रंजन और राहुल की शादी हो चुकी है।

25 फरवरी 2012 को वैजंती की शादीः कुर्जी बिन्द टोली में भाभी रंजू के घर आयी हैं वैजंती । रंजू की शादी धनंजय चौधरी के साथ हुई है। वैजंती की भाभी रंजू कहती हैं कि डेढ़ लाख रू0नकद राशि दी गयी। 2 भर सोने का हार दी गयी। पीतल और स्टील का बर्त्तन दिया गया। शादी पूर्व पुराना भोजपुर,मठिया,बक्सर से बीर बहादुर चौधरी और 10 अन्य लोग वैजंती को देखने आये थे। तीन-चार बार चलने को कहा गया। अंदर से बाहर और बाहर से अंदर गयी। कागज में पापा और मां का नाम लिखने को कहा गया। यह पूछा गया कि कितनी क्लास तक पढ़ी हो तो उन लोगों को बताया गया। बीर बहादुर चौधरी का पुत्र सुन्दर लाल चौधरी हैं जो मैट्रिक उर्त्तीण हैं।बाइक हड़पने को लेकर ‘मड़वा’ में ही कर दिया हंगामा। कहने लगे कि लड़की विकलांग है। हमलोग शादी नहीं करेंगे। बाइक देने का आश्वासन के बाद ही विवाह करने पर राजी हो गये।

वैजंती शादी के 2 माह ही ससुराल में रहीःससुराल में सुहागरात मनायी गयी। 2 माह तक सुन्दर लाल चौधरी कहते रहे कि घर वाले बोलते रहे कि मगर हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे। मगर यह छलावा साबित हुआ। सबसे पहले पति सुन्दर लाल चौधरी की मां कलावती देवी विरोध करना शुरू कर दी। इसके बाद मां के स्वर में कथित पतिदेव भी स्वर मिलाने लगे। इस बीच अप्रैल 2013 को रीति रिवाज को पूर्ण करने वैजंती घर आ गयी। इसके कुछ सप्ताह के बाद ही बक्सर कोर्ट से कागज आया। उसमें जबरदस्ती से विवाह करने का आरोप लगाया गया। इसके बाद ससुराल से कोई भी लोग आकर ले जाने नहीं आये। 

इस बीच सुभाष चौधरी ने दहेज लेने और मांगने को आधार बनाकर आरा कोर्ट में मामला दायर कियाः वैजंती के पिताश्री सुभाष चौधरी ने दहेज लेने और मांगने को आधार बनाकर 2013 में ही आरा कोर्ट में मामला दर्ज कर दिया है। वैजंती की भाभी कहती है कि कोर्ट का मामला निपटारा होने में काफी विलम्ब लगेगा। अच्छा होगा कि वैजंती की शादी कर दी जाए। तो उसे बताया गया कि जबतक कोर्ट का परिणाम हार-जीत का सामाने नहीं आता है तबतक विवाह करने का सवाल ही नहीं उठता है। 

जन्म-जन्म तक साथ निभाने का वादा करने वाले सुन्दर लाल चौधरी के पास वैजंती फोन करती है। जैसे ही सुन्दर लाल चौधरी को ज्ञात हो जाता कि वैजंती फोन की है वैसे ही वह फोन काट देता है और तो और सीम भी बदल देता है। किसी तरह से जानकारी लेकर वैजंती पूजा के नाम से फोन करती हैं। दस मिनट तक गोल-गोल बात करता है जैसे ही उसे भान हो जाता कि वैजंती नाम बदलकर बात कर रही हैं तो फोन काटकर सीम बदल देता है। कोई चार बार सीम बदल चुका है। एक सवाल के जवाब में वैजंती कहती है कि अभी तक वह विवाह नहीं किया है। जब जानकारी होगी तो विरोध करेगी। मगर सफल नहीं हो सकेंगे। हम लोग आरा मे रहते हैं। वे लोग बक्सर में रहते हैं। जाते-जाते सात फेरा समाप्त हो जाएगा। 


आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।










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