Thursday 2 June 2016

ऐसे हो गयी अतिक्रमण मुक्त दीघा हाट


खार्की वर्दीधारियों के जाते ही सजने लगी दुकान

पटना। दीघा थानान्तर्गत है दीघा हाट। सब्जी दुकानदारों के कारण अतिक्रमण होने से जाम की स्थिति बन जाती थी। सो जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाया गया। उनके जाने के बाद पुनः दुकान सजने लगी।पटना। 

इसमें जिला प्रशासन भी दोषी है,जो सब्जी विक्रेताओं को उचित जगह देने में नाकामयाब हुआ है। उसी तरह दीघा थाना की पुलिसकर्मी भी हैं। इनके द्वारा झोली लेकर सब्जी बटोरने का कार्य किया जाता रहा है। मजे की बात है कि जो सड़क किनारे दुकान सजाते हैं उनसे ही सब्जी बटोरते हैं। इसका मतलब है कि सीधे तौर पर पुलिसकर्मी ही सड़क किनारे दुकान सजाने के लिए सब्जी लेकर प्रोत्साहित करते हैं। जब पुलिसकर्मियों द्वारा नाले पर दुकान सजाने वालों से भी सब्जी बटोरने का प्रयास किये तब दुकानदारों ने विरोध दर्ज करते हैं। दुकानदार मामला तब के सांसद और अब के मंत्री रामकृपाल यादव के समक्ष पहुंचा देते हैं। समय के अन्तराल में दुकानदार ने सड़क के दोनों किनारे दुकान लगाने लगे। इसका परिणाम यह निकला कि सदैव मार्ग जाम होने लगा। एक तो करैला तीत है दूसरे चढ़े नीम पर कहावत चरितार्थ होने लगी।


बताते चले कि पटना-दीघा-दानापुर मुख्य मार्ग पर मिशनरी और निजी विघालय संचालित है। इनके पास लम्बे-चौड़े वाहन है। इसके अलावे टेम्पों,मिनी बस और निजी वाहन भी है। लगातार चलते रहने से दीघा हाट पर जाम की स्थिति बन जाती है। जो जिला प्रशासन और स्थानीय थाना दीघा के लिए सिरदर्द साबित होने लगा। यातायात विभाग ने लक्ष्मण रेखा भी निर्धारित कर रखा है। इसके अंदर ही रहकर सब्जी बेचना है। जबतक खार्की वर्दी तैनात रहे तबतक लक्ष्मण रेखा के अंदर रहकर सब्जी बेचा गया। जैसे ही खार्की वर्दीधारियों को हटा लिया गया,वैसे ही अतिक्रमण करके हाफ रोड तक पैर पसार दिये। जो घातक साबित होने लगा। 


सब्जी खरीदने वाले छोटे वाहन लेकर आते हैं। उनको वाहन स्ट्रैण्ड करके की व्यवस्था नहीं है। ऐसे लोग सड़क पर ही वाहन लगाकर सब्जी खरीदने चले जाते हैं। उनके आगमन तक जाम लगा रहता है। इस बीच बच्चे बिलाबिलाने लगते हैं। एम्बुलैंस ड्राइवर हॉर्न बजा बजाकर थक जात हैं। 
इसके आलोक में जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान चला। जो सब्जी विक्रेताओं के बीच में दहशत कर पाने में कामयाब रहा। जैसे ही खाकी वर्दीधारी पलटे कि सब्जी विक्रेता दुकान सजाने लगे। जरूरी है दुकानदारों को स्थायी ठौर मिले। जहां पर जाकर रोजगार कर सके। ऐसा नहीं करने से सड़क पर जाम बरकरार रहेगा। 


अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों का कहना है कि जिला प्रशासन ने घंटाभर के समय दिये थे। मिले समय में झोपड़ी और पोलिथिन को हटाने में सफल हो गये। इसके बाद फल और सब्जियों को भी हटा दिये। वैसे तो काफी नुकसान नहीं हुआ और न किसी तरह का अत्याचार ही किया गया। सब कुछ सामान्य ही चला। दीघा पोस्ट ऑफिस वाली खाली जगह पर दुकान सजाने को बोला गया है। जो वाजिब जगह नहीं है। पोस्ट ऑफिस वाली सड़क पर जलजमाव रहता है। जलनिकासी व्यवस्था नहीं रहने के कारण सालभर गंदे पानी का जमाव रहता है। तब लोग उसी खाली जगह से आवाजाही करते हैं। अगर दुकान सज जायेगी तो आवाजाही करने में दिक्कत होने लगेगी। 


आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पट



No comments: