Friday 24 June 2016

एक अनार सौ बीमार के बीच में एक अधिकारी और चार विभागों में कार्यरत अधिकारी


बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के दायरे से बाहर है सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना 

पटना। इन्दिरा भवन में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से मिलने आये थे पश्चिमी चम्पारण से भिखारी बैठा। इसी तरह सीएम नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा से मंजू देवी और सीएम के कार्य स्थल पटना से विक्टर केरोबिन भी आये थे। इनलोगों ने बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत सूचना एवं जनसर्म्पक विभाग के काउंटर पर बैठे कार्यपालक सहायक को आवेदन दिया था।

इंदिरा भवन में कार्यशील कार्यपालक सहायकों ने बताया कि विभागीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी एस0के0सिंह परिवाद की सुनवाई और निवारण करेंगे। हां, इनके अधीन चार विभाग है। अव्वल अनुसूचित जनजाति आयोग, पिछड़ा/अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक आयोग और समाज कल्याण विभाग। इस तरह एक पदाधिकारी और चार विभागों को देख रहे हैं। अभी 11 से 1 बजे तक अल्पसंख्यक आयोग में सुनवाई कर रहे हैं। 2 से 5 बजे तक समाज कल्याण विभाग में सुनवाई करेंगे। 

जी हां, इसका खामियाजा परिवादी और उनके परिजन भुगत रहे हैं। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के द्वारा निर्गत पावती में नियत तिथि 21 जून 2016 और समय 11 बजे अंकित है। इसके आलोक में परिवादी ओर उनके परिजन आये थे। इनको अतिरिक्त जानकारी विभाग द्वारा निर्देशित नहीं की गयी। इन्दिरा भवन के समाज कल्याण विभाग में आने के बाद ही परिवादी और परिजनों को जानकारी दी गयी कि साहब 2 बजे आएंगे। और साहब सवा तीन बजे आये। 

पश्चिमी चम्पारण जिले के नरकटिगंज प्रखंड,थाना शिकारपुर अन्तर्गत गौरीपुर मझरियां से 102 साल के भिखारी बैठा लाठी के सहारे आये थे। लोक सेवाओं का अधिकार के तहत 3 सितम्बर 2013 और 1 अगस्त 2015 को प्रखंड विकास पदाधिकारी के नाम से आवेदन दिये थे। आवेदन में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना से लाभान्वित करने का आग्रह किया गया। जो आजतक लाभान्वित नहीं हो सके हैं। तब 13 जून 2016 को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन दिया। घर से 6 सौ रू0 लेकर आये थे। इसमें 3 सौ रू0खर्च हो गया। सुनवाई स्थल की जानकारी नहीं होने के कारण टेम्पों चालक ने राजधानी में दौर लगाकर अंत में इंदिरा भवन में लाकर छोड़ दिया। एक सौ रू0 डकार गया।

सीएम नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा से मंजू देवी आयी थीं। इस्लामपुर से आयी हैं। इनके पंचायत के मुखिया ने लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना से लाभ दिलवाना बंद कर दिया है। मुखिया का कहना है कि आपने वोट नहीं दिया है। इसके आलोक में योजना से लाभ नहीं मिलेगा। उसी तरह सीएम के कार्य स्थल पटना से विक्टर केरोबिन भी आये थे। इनको भी योजना से लाभ मिल रहा था। पेंशन बुक खो जाने के बाद लाभ मिलना बंद हो गया है। पटना जिले के डीएम और अनुमंडल पदाधिकारी के पास आवेदन दिये। दोनों ने सुनवाई नहीं होने पर बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन दिया है। 

आखिरकार सवा घंटे विलम्ब से विभागीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी एस0के0सिंह पहुंचे। परिवादी और उनके परिजनों को बताया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से बाहर रखा गया है। आप अनुमंडल पदाधिकारी से संर्पक करें और उनके पास ही फरियाद करें। यह कहा गया कि विक्टर केरोबिन ने 18 मार्च 2010 को माननीय जिलाधिकारी महोदय को और 27 मई 2015 को माननीय अनुमंडलाधिकारी महोदय को आवेदन दिया है। इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। तब भी विभागीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी गाइड लाइन के हवाला देकर हाथ खड़ा कर दिये। यह व्यवस्था लोक सेवाओं का अधिकार के तहत कर दी गयी है। अतः आपका आवेदन नेगेटिव है। इधर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो सकती। तीनों बैरंग घर चले गये।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना। 

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