Wednesday, 10 August 2016

सड़क दुर्घटना में सोहन मांझी की मौत 13 अक्टूबर, 2015 को


अंतिम रिपोर्ट 220 दिनों के बाद 21 मई,2016 को दायर

आई0 ओ0 एस0आई0 देव कुमार राम पर कार्रवाई करने की मांग

पटना।एल0 सी0 टी0 घाट में सड़क दुर्घटना में सोहन मांझी की मौत 13 अक्टूबर, 2015 को हो गयी। पाटलिपुत्र थाना में 14 अक्टूबर,2015 को एफ0 आई0 आर0 दर्ज किया गया। धारा 279/304 (ए)आई0पी0सी0 )दर्ज है। इसके आई0 ओ0 एस0 आई0 देव कुमार राम हैं। पाटलिपुत्र थाना कांड संख्या-384/15 के अंतिम रिपोर्ट 220 दिनों के बाद 21 मई,2016 को दायर की गयी। अंतिम आरोप पत्र संख्या- 95/2016 है। नियमानुसार आई0 ओ0 एस0 आई0 देव कुमार राम को 90 दिनों के अंदर अंतिम आरोप पत्र दायर कर देना चाहिए था। आई0ओ0 पूरे 130 दिन विलम्ब कर अंतिम आरोप पत्र दायर किये। दूसरी ओर जिला- पटना, थाना-गर्दनीबाग, वर्ष-2012,प्राथमिकी संख्या 172/12 और तिथि 8.6.2012 का अंतिम आरोप पत्र सं0193/12 को 7.9.2012 को दायर कर दिया गया। तय 90 दिनों के 1 दिन पूर्व ही अंतिम आरोप पत्र दायर कर दिया गया। पाटलिपुत्र थाना के आई0ओ0 एस0आई0 देव कुमार राम के द्वारा 130 दिन विलम्ब करके अंतिम आरोप पत्र दायर किया गया। आई0 ओ0 डी0 के0 राम पर कार्रवाई करने की मांग की गयी है।

इसका परिणाम यह निकला कि नासरीगंज बिस्कुट फैक्ट्री के निकट मुसहरी में रहने वाले स्व0 राजेन्द्र मांझी के पुत्र सोहन मांझी(42 वर्ष) के आश्रितों को मुआवजा मिलने में विलम्ब होने लगा है। अपनी पत्नी शनिचरी देवी के मैयके एल0सी0टी0घाट सोहन मांझी गये थे। दुर्भाग्य से सोहन मांझी मौत सड़क दुर्घटना में 13 अक्टूबर, 2015 की रात में हो गयी। महादलित मुसहर समुदाय के सोहन मांझी के आश्रितों को मुआवजा दिलवाने का प्रयास किया जाने लगा। इस बाबत राज्य अनुसूचित जाति आयोग, बिहार में मुजावजा देने के संबंध में विषयक आवेदन दिया गया। आवेदन 26.11.2015 को पंजीकृत किया गया। आवेदन का क्रमांक 1445/15 है। 

राज्य अनुसूचित जाति आयोग, बिहार के उप सचिव ने ज्ञापांक 633 पटना,दिनांक 15 दिसम्बर,2015 को वरीय पुलिस अधीक्षक,पटना को प्रेषित किया। यह आग्रह किया गया कि आवेदन प्राप्त हुआ है। उसके आलोक में पाटलिपुत्र थाना कांड संख्या-384/15 के मृत महादलित स्व0 सोहन मांझी के आश्रित को मुआवजा देने के संबंध में विषयक अभ्यावेदन में उठाये गये बिन्दुओं की जांच कराकर विधिसम्मत कार्रवाई करते हुये मुआवजा दिलाने की कृपा की जाय एवं कृत कार्रवाई से आयोग एवं आवेदिका को 15 दिनों के अन्दर अवगत कराया जाय। 15 दिसम्बर, से लेकर 15 अगस्त,2016 कुल 243 दिनों के बाद भी मुआवजा मिलना दूर-दूर प्रकाश में नहीं आ रहा है। हां, यह जरूर है कि कागजी दौर जारी है। राज्य अनुसूचित जाति आयोग, बिहार द्वारा प्रेषित अभ्यावेदन वरीय पुलिस अधीक्षक, कार्यालय के मानवाधिकार आयोग को मिला। इस कार्यालय से डीआर नम्बर-10761/सामान्य शाखा ने 19.12.15 को पुलिस उपाधीक्षक,विधि व्यवस्था को आवश्यक जांच करने को अभ्यावेदन प्रेषित किया। पुनः तहकीकात करने जाने पर कहा गया कि अभी तक अंतिम आरोप पत्र प्रेषित नहीं करने पर 23.12.2015 को 6534/15 से कार्रवाई की जांच प्रेतिवेदन मांगी गयी। नवीनतम जानकारी के अनुसार पाटलिपुत्र थाना कांड संख्या-384/15 के अंतिम रिपोर्ट 220 दिनों के बाद 21 मई,2016 को दायर की गयी। अंतिम आरोप पत्र संख्या- 95/2016 है। 

सफेद हाथी बनाः आप स्वयं पढ़कर समझ लेंगे कि राज्य अनुसूचित जाति आयोग, बिहार सफेद हाथी है। आयोग के उप सचिव ने वरीय पुलिस अधीक्षक,पटना को लेटर प्रेषित किया था। अभ्यावेदन में उठाये गये बिन्दुओं की जांच कराकर विधिसम्मत कार्रवाई करते हुये मुआवजा दिलाने की कृपा की जाय एवं कृत कार्रवाई से आयोग एवं आवेदिका को 15 दिनों के अन्दर अवगत कराया जाय। 243 दिनों के बाद भी कार्रवाई नहीं की गयी और न ही आवेदिका को ही जानकारी दी गयी। यह सुशासन बाबू का आयोग है। लेटर अग्रसारित कर दों और कार्रवाई नगण्य ??

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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