दानापुर। दानापुर थाना क्षेत्रान्तर्गत गाबतल में रहते हैं सनोज प्रसाद।इनकी पत्नी का नाम है सुधा देवी(35 साल) है। इनको यक्ष्मा बीमारी हो गयी है। वह 3 बार डाट्स और 1 बार निजी क्लिनिक से इलाज करवाकर दवा खायी है।चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों ने रोगी को बेहतर ढंग से समझाने व बुझाने में नाकामयाब रहे, जिसके कारण सुधा देवी दवाई बीच में ही छोड़ देती। फिर से वह एक बार गंभीर होकर अनुमंडलीय अस्पताल,दानापुर में जांच करवा रही है। लगातार दो दिन बलगम जांच की गयी। 3 अगस्त, 2016 और 4 अगस्त, 2016 को बलगम पॉजेटिव निकला। पॉजेटिव का मतलब है कि इस रोगी के माध्यम से अन्य लोगों को भी बीमारी फैल सकती है। संयुक्त परिवार में सुधा देवी रहती हैं। चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को चाहिए कि रोगी के परिजनों को पीपीडी जांच करें ताकि यह ज्ञात हो सके कि यह बीमारी किसी और भी संक्रमण नहीं न कर सकी है।
कम पूंजी रहने के कारण रोगी के पति सनोज प्रसाद ने गाभतल में लिट्टी,कचरी आदि की दुकान खोल रखा है। इसी से समस्त परिवार का भरण-पोषण करते हैं। सनोज प्रसाद की बहन ने भाभी को ठेला पर बैठाकर अनुमंडल अस्पताल ले जाती है। रोगी की ननद का कहना है कि
भाभी दवा खाती ही नहीं है। एक हाथ से दवा लेती हैं और किसी के नहीं रहने पर दूसरी हाथ से दवा फेंक देती हैं। इसके कारण 5 वीं बार दवा शुरू होने वाली है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, खगौल से दवा दी जाती है। पीएचसी कर्मियों को चाहिए कि वे किसी आशा अथवा ए0एन0एम0 को अधिकृत करके रोगी को दवा खिलाये। ऐसा करने से पूर्ण कोर्स हो सकता है।
बताते चले कि इस तरह की रोगी को अगमकुंआ स्थित टी0बी0 अस्पताल में भर्ती करके इलाज किया जाता है। मगर डाट्स और चिकित्सक गंभीरता समझते ही नहीं है जिसके कारण सुधा देवी को अगमकुंआ टी0बी0 अस्पताल में भेजी नहीं गयी है। फेफड़े में रोग जकड़ लिया है।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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