Wednesday 28 September 2016

पटना के सिविल सर्जन के नाम लेकर रिश्वत देने की माँग


पाँच हजार रू. देने वालों की वेतन निकासी सुनिश्चित

जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल हस्तक्षेप करें

पटना। आजकल तेरे मेरे प्यार की चर्चा हर जुबां पर सबको मालूम और सबको खबर हो गयी। इसी फिल्मी गाने की तर्ज पर खबर है प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से। नवनियुक्त 25 ए.एन.एम. से कागजी खानापूर्ति करने के एवज में साढ़े तीन हजार रूपये डकारे। कुल 87हजार 500 रू. बटोरे। अब नौ माह का वेतन निकासी करने के एवज में पाँच हजार रूपये की माँग होने लगी है। बंद कमरे में बैठक करके चेताया गया कि जाकर अपनी सीनियर ए.एन.एम.दीदी से कहना कि काम के बदले 5 हजार रूपये की मांग की जा रही है। अब 1 लाख 25 हजार रू. लेने की तैयारी कर रहे हैं। कुल चेतावनी देने के बाद भी आजकल रिश्वत लेने की चर्चा हर जुबां पर है। किसी से मत कहना वह तो अब जगजाहिर हो गया।

हुआ यह कि बिहार सरकार द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,धनुरूआ में 25 ए.एन.एम.की नियुक्ति की गयी। इस केन्द्र में कार्यरत बड़ा बाबू और छोटा बाबू ने बहाल 25 ए.एन.एम. का प्रमाण‘-पत्र की प्रमाणिकता के नाम पर साढ़े तीन हजार रूपये गड़क गया है। तब भी बड़ा और छोटा बाबू ने नौ महीने समय लगा दिये। सचिवालय से नियुक्ति की संपुष्टि,बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से स्कूली प्रमाण‘-पत्र और बिहार परिचारिका निबंधन परिषद से जारी ए.एन.एम. के रिजल्ट को खंगाला गया। हर तरह कार्य निपटारा करने के एवज में सीनियर ए.एन.एम. दीदी से सेवा के नाम पर मेवा खाने वाले नवनियुक्त ए.एन.एम. से राशि ऐंठने का जुगाड़ लगा लिये। इस बार प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी भी जुड़ गये हैं। 

इस संदर्भ में बताया जाता है कि सीनियर और जूनियर ए.एन.एम. की बैठक की गयी। बैठक समाप्ति के बाद अलग से बंद कमरे में जूनियर ए.एन.एम. की बैठक की गयी। इस बैठक में दलाल टाइप के कर्मी नवनियुक्त ए.एन.एम. को समझाने लगे। हमलोग नौ माह का वेतन देने की प्रक्रिया शुरू कर कर रहे हैं।अभी तक वेतन मद की राशि आंवटित नहीं है। सीनियर ए.एन.एम.दीदी के वेतन मद से राशि निकालकर दे रहे हैं। इसकी भनक सीनियर ए.एन.एम.दीदी को नहीं लगे। इसके बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी दरबार में नवनियुक्त 25 ए.एन.एम. को लिया गया। यहाँ पर चूना लगाने को तैयार बैठे थे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी कहने लगे कि दशहरा त्योहार के पहले वेतन देंगे। इसके लिए आप लोगों को 5 हजार रू. देना होगा। इस राशि को सिविल सर्जन,पटना तक पहुँचा देना है। हाँ, याद रहे कि किसी को पता नहीं चले। 

मजे की बात है कि नवनियुक्त 25 ए.एन.एम. ने वेतन में सेंधमारी करने वाले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की पोल खोल दी। कार्यालय द्वारा चेतावनी देने की किसी सीनियर दीदी को मत बताना। सभी ने अपने सीनियर दीदी को बता दिये। यह शर्त रहा कि दीदी किसी को मत बता दीजिएगा। हद तो यह है कि आजकल रिश्वत लेने की चर्चा हर जुबां पर है। किसी से मत कहना वह अब तो जगजाहिर हो गया।

सरकार कानून बनायेः बिहार सरकार कानून बनाये। हर तरह के कार्य अंजाम देने का समय सीमा निर्धारित करें। समय सीमा से अधिक समय लगाने वाले कर्मियों को दण्डित करें। अब जरा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,धनरूआ की नवनिर्वाचित ए.एन.एम. को देखे। इनलोगों ने शुरूआत में साढ़े तीन हजार रू.0 दिये और अब पाँच हजार रू. देने की माँग की जा रही है। इनलोगों को 9 माह से वेतन नहीं मिल रहा है। इनके घरों में उदासी है। घर चलाने के लिए कर्ज ले रहे हैं। अब जले पर नमक छिड़काव किया जा रहा है। पटना जिले के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल जांच करके देखें। दोषियों को निलम्बित करें। यह सुनिश्चित करें कि कर्मचारियों को काम के बदले दाम नहीं देना पड़ेगा।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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