पटना। पटना के करीब 8000 खीस्तीय विश्वासीगणों ने ईसा मसीह के प्रति अपनी भक्ति एवं विश्वास की उद्घोषणा करने हेतु युखरीस्तीय यात्रा का आयोजन किया। इस वर्ष की यात्रा का मुख्य शीर्ष कथा:-ईश्वरीय अनुकम्पा और दया का हम अपने जीवन में अनुकरण करें रहा। यात्रा कुर्जी होली फैमली अस्पताल के प्राँगण से प्रारम्भ होकर संत माइकल प्राइमरी स्कूल होते हुए प्रेरितों की महारानी ईश-मन्दिर कुर्जी पल्ली में आकर समाप्त हुई। यात्रा में खीस्तीय मान्यताओं के अनुसार रोटी के रूप में उपस्थित प्रभु येसु को पटना के महाधर्माध्यक्ष, पुरोहितगण, धर्मबन्धुओं, धर्मबहनों एवं विभिन्न पल्लियों से आए भक्तजनों के साथ यात्रा के रूप् में लेकर चले। ग्रेसी अल्फ्रेड के सहयोग से सफेद पोशाकों में बालिकाएँ प्रभु येसु खीस्त की स्तुति में पुष्प बिखेरती रहीं। जब यात्रा संत माइकल स्कूल में पल्ली पुरोहित फादर जॉनसन, ये॰स॰ ने उपस्थित विश्वासियों को अपने प्रवचन द्वारा इस पर्व के महत्व के बारे में समझाते हुए ईश्वरीय अनुकम्पा का संन्देश सुनाया।
यात्रा के अन्तिम चरण की समापन विधि सम्पन्न करने हेतु कुर्जी पल्ली के प्राँगण में समस्त भक्तगण एकत्र हुए, जहाँ महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूज़ा, ये॰स॰ के अगुआई में पवित्र मिस्सा बलिदान हुआ।मिस्सा की समाप्ति पर महाधर्माध्यक्ष ने दया और अनुकम्पा के द्वार जो 20 दिसम्बर को यहाँ खोला गया था उसे बन्द करने की घोषणा की। पटना के विभिन्न भागों से आए हुए विश्वासियों ने गीतों और प्रार्थनाओं द्वारा इस यात्रा को भक्तिमय एवं सफल बनाया।
पल्ली के पुरोहितगण फादर जॉनसन, ये॰स॰तथा फादर सुशील साह, ये॰स॰ के नेतृत्व में आयोजित की गई थी। स्वयंसेवकों ने भी इस यात्रा की सफलता के लिए अथक परिश्रम किए। यात्रा के अन्तिम चरण में पल्ली पुरोहित ने धन्यवाद ज्ञापन में संचालक समूह एवं उपस्थित भक्तजनों को धन्यवाद दिया।
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