Thursday 23 February 2017

हुजूर से निवेदन है कि 249 मदारीस को मंजूरी प्रदान कर दें


पटना। आप जानते हैं कि सूबे में 2459 प्लस 1 कोटि का मदरसा संचालित है। इनके क्रियाकलाप के आलोक में 2010 में 814 मदरसों को सरकारीकरण किया गया। वर्ष 2010 के बाद से मदरसों को मंजूरी देने का कार्य लगभग ठप है। हालांकि 249 मदरसों की फाइल मंजूरी के लिए सचिवालय में धूल फांक रही है। इसके कारण 249 मदारीस शिक्षक और छात्र दिक्कतों की सामना कर रहे हैं।
2459 प्लस 1 के ऑल बिहार मदरसा टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले सोमवार से गर्दनीबाग हड़ताली स्थल पर बेमियादी धरना शुरू किया गया। इसमें काफी संख्या में उपेक्षित मदरसा के शिक्षक शामिल हुए। अनिश्चितकालीन धरना स्थल पर एसोसिएशन के महासचिव जैबुुल हक ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नारा बुलंद करने में माहिर हैं। कहते हैं कि हम इंसाफ के साथ विकास करेंगे। दुर्भाग्य से यह नारा मुसलिम अल्पसंख्यकों के लिए नाइंसाफ दिख रहा है। 2459 प्लस 1 कोटि के मदारीस को मंजूरी देने का ऐलान किया गया। 2010 के ऐलान में केवल 814 मदरसों को ही मंजूरी दी गयी। अन्य को छोड़ दिया गया। इस समय 249 मदरसों की फाइल मदरसा  बोर्ड से मुक्कमल जांच कराकर शिक्षा विभाग के मार्फत सचिवालय भेज दिया गया। सात साल गुजर रहा है मंजूरी नहीं मिली। इसका खामियाजा 249 मदारीस शिक्षक और बच्चे उठा रहे हैं। मजे की बात है कि उस समय के शिक्षा मंत्री ने वादा किया था कि दो महीने के बाद हमारी सरकार बनेगी तो हम 249 मदरसों को मंजूरी दे देंगे। उसी उसी के इंतजार में हैं शिक्षकों और बच्चे। शिक्षकों को वेतन और बच्चों को शिक्षण पठन-पाठन खरीदने में काफी दिक्कत हो रही है। दोनों को एक वक्त की रोटी भी काफी मुश्किल से मिल रही है।


अपनी हालात को सरकार के समक्ष जगजाहिर करने के  उद्ेश्य से अंततः 249 मदारीस अहिंसक आंदोलन करने को मजबूर हो गये। निर्णयानुसार बेमियादी करने हड़ताली स्थल पर जम गये हैं। हमलोगों का कहना है हमलोगों की मांग पूरी हो। अगर मांग पूर्ण नहीं जाएगी तबतक अनिश्चितकालीन धरना देते रहेंगे। इससे अगर सरकार पर प्रभाव नहीं पड़ा तो आमरण अनशन करने पर विचार किया जा सकता है। मात्रः एक सूत्री मांग है कि 2459 प्लस 1 कोटि के मदारीस के 249 मदरसों को यथाशी्रघ  मंजूरी दें। तथा उनके शिक्षकों की वेतन भुगतान मंजूर 814 मदरसों की तरह से ही की जाए।

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