Thursday 23 February 2017

अब टी0बी0बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को फैमिली डॉट्स दवा


.एन.एम.दीदी और आशा बहन के बाद परिजनों के हवाले मरीज

पटना। पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर-22 सी में है एल.सी.टी.घाट मुसहरी। यह मुसहरी गंगा अपार्टमेंट के सामने है। यहां पर अनेकों टी.बी.के मरीज थे। दर्जनों टी.बी.की बीमारी से परलोक सिधार चुके हैं। अभी सुजय मांझी पीड़ित हैं। जानकारी के अभाव में सुजय मांझी ने 2 हजार रू0व्यय करके जांच और दवा ली है।
इसी मुसहरी में सुमन कुमारी रहती हैं। वह काफी बीमार है। जब वह 7 साल की थीं तो उसे इंसेफ्लाइटिस बीमारी हो गयी थी। दवा और दुआ से ठीक हुई। अंधविश्वासी उपाय झारफुक भी किया गया। जब वह ठीक हुई तो आंख की रोशनी गायब हो गयी। धृतराष्ट्र बनकर जिदंगी जी रही है। सुमन कुमारी के पिता अर्जुन मांझी और मां रीता देवी के अनुसार सुमन को ठंड लग गयी है। इलाज कराया जा रहा है। जहां वह बेहतर है।

वहीं एक साल पहले कंचन कुमारी की शादी हुई थी। वह मनोरोग से पीड़ित है। 6 माह का गर्भधारण भी है। मनोरोग चिकित्सक से दिखाकर दवा-दारू हो रहा था। जब कंचन कुमारी गर्भधारण हो गयी तो मनोरोगी दवा को बंद कर दिया गया। हद तो तब हो गया जब कंचन ने कुत्तों के लिए सूखी रोटी को उठाकर खाने लगी। इससे परिजन परेशान हो उठे हैं। अब कैसे कंचन और पल रहे बच्चा को बचाया जा सके। अब दवा और दुआ की जरूरत है।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।



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