पटना। सीएम नीतीश कुमार ने घोषित किए
थे कि बाढ़ के
दौरान बाढ़ पीड़ित गर्भवती महिलाओं को लड़का शिशु
होने पर 10 हजार और लड़की होने
पर 15 हजार रू0 दिया जाएगा। बिन्द टोली, कुर्जी में रहने वाले दर्जनों महिलाओं के बीच में
केवल 1 लड़की को 15 हजार रू0 देने से गुस्से से
लाल हैं। सीएम से निवेदन है
कि घोषित राशि दिलवाने की व्ववस्था की
जाए।
पूर्व मध्य रेलवे परियोजना से विस्थापित हैं
बिन्द टोली के लोग। अभी
कुर्जी दियारा क्षेत्र में पुनर्वासित किये गये हैं। इनको प्रथम बार बाढ़ से मुकाबला करना
पड़ा। अनुभव नहीं होने के कारण अवसर
मिलते ही वहां सुरक्षित
स्थान में जाकर पनाह लिये। हालांकि जिला प्रशासन ने चिन्हित करके
बिन्द टोली को शिविर में
रहने की व्यवस्था कर
दी। इनको बिहार विघापीठ और आईटीआई में
निर्मित शिविर में जाना था। बिन्द टोली के कुछ लोग
बिहार विघापीठ बाढ़ राहत शिविर में गये। शेष लोग फोरलाइन के तटबंध पर,
कुर्जी मंदिर, कुर्जी अपार्टमेंट और से जहां
से विस्थापित हुए थे वहीं पर
जाकर तटबंध पर पनाह ले
लिये।यहां पर प्रशासन द्वारा
सारी व्यवस्था करायी जाती थी।
इस बीच सीएम
नीतीश कुमार ने घोषणा किये
कि जो शिशु जन्म
देने वाली गर्भवती महिलाओं को राशि दी
जाएगी। लड़का शिशु
होने पर 10 हजार और लड़की होने
पर 15 हजार रू0देय होगा।
बिन्द टोली की कई दर्जन
महिलाएं मां बनी। केवल पुजारी महतो और शोभा देवी
की सुपुत्री गंगिया कुमारी को 15 हजार रू0 को चेक मिला।
बिहार विघापीठ बाढ़ राहत शिविर में पुजारी महतो रहते थे। प्रसव पीड़ा होने पर शिविर में
पदास्थापित चिकित्सा पदाधिकारी ने शोभा देवी
को अनुमंडल हॉस्पिटल, दानापुर रेफर किया। वहीं पर गंगिया कुमारी
का जन्म हुआ। 29 अगस्त,2016 को जन्म हुआ।
जन्म के समय वजन
2500 किलोग्राम था। जन्म के बाद ही
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के हाथों से
पुजारी महतो को 15 हजार रू0 का चेक मिला।
इस चेक को शोभा देवी
ने बैंक में डाल रखी। जो गंगिया के
18 साल के बाद ही
इस्तेमाल कर सकती है।
फोरलाइन तटबंध पर रविन्द्र महतो
के परिवार रहते थे। इनका पुत्रवधु गर्भवती थीं। उसे अचानक रक्तस्त्राव होने लगा तो उठाकर कुर्जी
होली फैमिली हॉस्पिटल लिया गया। वहां पर आईसीयू में
भर्ती किया गया। कुछ दिनों के बाद जुड़वा
शिशु हुआ। फिलवक्त दोनों जुड़वा लड़का स्वस्थ हैं। रविन्द्र महतो ने आवेदन लिखकर
सीओ को दिये। मगर
पटना सदर के सीओ घोषित
राशि नहीं दिला सके। इसी तरह दर्जनों बच्चों को घोषित राशि
का फायदा नहीं मिला। इसको लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
आलोक कुमार
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