पटना। दुःखभोग शुरू होने के पूर्व अंतिम
विवाह कुर्जी पल्ली में 25 फरवरी को हुआ। उल्लेख्य
है कि माता कलीसिया
के नियमानुसार दुःखभोग अवधि में किसी तरह का जश्न चर्च
में नहीं होगा? इसके आलोक में चालीस दिन विवाह नहीं होगा। ईस्टर के बाद धकाधक
शुरू हो जाएगा।
खैर, 28 फरवरी मंगलवार को गोस्त और
भूजा का पर्व है।
इसको लेकर ईसाई समुदाय इंतजार करते हैं। मस्ती में हर प्रकार का
लजीज भोजन बनता है। इस बार शराब
पीने के मस्ती से
महरूम हो जाएंगे। बिहार
में शराब बिक्री पर पाबंदी है।
जुगाड़ करने पर मिल जाता
है। मगर काफी कोस्टली है। मूल्य 400 रू0 है और 1500 रू0
में बिक रहा है। गारंटी के साथ शराब
मिल जाती है।
एक मार्च से
दुःखभोग शुरू हो जाएगा। सुबह
6.30 बजे से पवित्र मिस्सा।
उसी समय राख बुधवार का रस्म अदायगी
कर दी जाएगी। पुरोहित
ललाट पर राख लगाकर
क्रूस का चिन्ह बनाएंगे।
इस अवसर पर परमप्रसाद वितरण
होगा। चर्च से निकलते ही
उपवास और परहेज लागू
हो जाएगा। पहला क्रूस रास्ता 3.30 बजे और द्वितीय क्रूस
रास्ता 5.00 बजे से आरंभ। इसके
बाद पवित्र मिस्सा। इसके बाद उपवास और परहेज तोड़ेंगे।
जो इसमें शामिल हुए हैं। हरेक बुधवार और शुक्रवार को
प्रथम क्रूस रास्ता 3.30 बजे और द्वितीय क्रूस
रास्ता 5.00 बजे से। इसके बाद तुरंत पवित्र मिस्सा। इस अवसर पर
पापस्वीकार के लिए पुरोहित
उपस्थित रहेंगे।
हालांकि दुःखभोग की अवधि 40 दिन
है। अपने मनोच्छा द्वारा श्रद्धालु उपवास और परहेज रखेंगे।
माता कलीसिया के अनुसार पवित्र
राख बुधवार 1 मार्च और ईसा मसीह
की मृत्यु दिवस गुड फ्राइडेे 14 अप्रैल को अनिवार्य रूप
से उपवास और परहेज रखना
है। इस साल 14 अप्रैल
को गुड फ्राइडे और संविधान निर्माता
भीमराव अम्बेडकर जी का जन्म
जयंती है। साथ -साथ मनेगा।
बताते चले कि 1 मार्च को राख बुधवार
है। 9 अप्रैल को खजूर रविवार
है। 13 अप्रैल को पवित्र वृहस्पतिवार
है। 14 अप्रैल को गुड फ्राइडे
है। 15 अप्रैल को पवित्र शनिवार
है और 16 अप्रैल को ईस्टर
संडे
है।
आलोक कुमार
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