सेवा में,
माननीय
मुख्यमंत्री
बिहार,पटना।
विषय- धरना के माध्यम से
मांगों का संलेख समर्पित
करने के संबंध में।
महाशय,
उपयुक्त
विषय के संबंध में
कहना है कि पूर्व
सूचना के अनुसार आज
दिनांक 27.02.2017 को बिहार राज्य
प्राथमिक शिक्षक संघ (गोप गुट) के बैनर तले
हजारों शिक्षकों ने 21 सूत्री मांगों के समर्थन में
आपके (विधान सभा) समक्ष धरना दिया। इसके पूर्व भी बिहार के
सभी जिला पदाधिकारियों के समक्ष धरना
देकर 21 सूत्री मांगों का ज्ञापन भवदीय
को सौंपा गया है। मांगों का संलेख समर्पित
करते हुए आपसे कहना है कि केन्द्रीय
कर्मियों को 01.01.2016 से केन्द्र सरकार
ने उन्हें सप्तम वेतन आयोग की अनुशंसाओं के
आलोक में केन्द्रीय वेतनमान एवं अन्य सुविधाएं लागू कर दी, परन्तु
आपकी सरकार ने इसे अभी
तक लागू नहीं किया है। राज्य वेतन आयोग के गठन की
कोई आवश्यकता नहीं थी। बावजूद इसका गठन कर दिया गया।
पिछली बार केन्द्र सरकार ने छठे वेतन
आयोग की अनुशंसा के
संदर्भ में शिक्षकों को एक स्टेज
ऊपर कर वेतनमान दिया
गया था, परन्तु राज्य सरकार शिक्षकों के लिए सामान्य
वेतनमान लागू कर दिया।
नियोजित शिक्षक जो बिहार में
लाखों लाखों की संख्या में
हैं,उन्हें निम्नतम वेतनमान (ग्रुप डी) दिया जा रहा है,
जो सर्वोच्च न्यायालय के मान-सम्मान
के अनुरूप भी नहीं है
और इन्हें राज्य सरकार के कर्मी भी
नहीं मानी जा रही है।
एैसे नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों
की सेवा शर्त के अधीन लाकर
सप्तम वेतन का लाभ दिया
जाय।
पूरे बिहार में प्रधानाध्यापक का शत प्रतिशत
पद रिक्त पड़ा हुआ है। विघालय में प्रधानाध्यापक नहीं होने के कारण विघालय
में पठन-पाठन एवं अन्य व्यवस्था चरमराये हुए है। बच्चों के शिक्षा पर
इसका प्रतिकुल प्रभाव पड़ रहा है।
शिक्षा का स्तर गिरने
के साथ-साथ समाज में शिक्षकों को सम्मान नहीं
मिल रहा है। इसका एक ही इलाज
है कि दोहरी शिक्षा
नीति को समाप्त कर
समान स्कूल व्यवस्था लागू किया जाय। साथ ही बिहार में
एक विशेष नीति निर्धारित कर सभी विघालयों
में प्रधानाध्यापक को पदस्थापित किया
जाय।
अतः 21 सूत्री मांगों की सूची संलग्न
करते हुए अनुरोध है कि इस
पर त्वरित कार्रवाई करने की कृपा की
जाय।
मांग-पत्र
1.
दिनांक
01.01.2016 से केन्द्र की भांति वेतन
अपग्रेड कर सप्तम वेतन
आयोग की अनुशंसा 01.01.2016 से
हु-ब-हु लागू
किया जाय।
2. नियोजित
शिक्षकों को सप्तम वेतन
का लाभ नियमित शिक्षकों की भांति हु-ब-हु दिया
जाय।
3. राज्य
के अन्य वेतन भोगी कर्मियों की भांति प्रखंड,पंचायत,नगर शिक्षकों को पीआएएन नम्बर
आवंटित किया जाय।
4. नियोजित
शिक्षकों को नियमित शिक्षकों
की सेवा शर्त के अधीन किया
जाय।
5. समान
काम-समान वेतन सिद्धांत के अनुसार नियोजित
शिक्षकों को वेतनमान 9300-34,800 दिया जाये।
6. प्रधानाध्यापक
के पद पर प्रोन्नति
में जिला के बजाय शिक्षकों
को वन टाइम शीथलीकरण
का लाभ दिया जाये।
7. बिहार
राज्य प्रधानाध्यापक/स्नातम प्रशिक्षित , प्रवरण वेतनमान इत्यादि लंबित प्रोन्नति को त्वरित निष्पादन
किया जाये।
8. 34,540 के तहत
नियुक्त शिक्षकों का अन्तर जिला
एवं जिला के अन्दर स्थानान्तरण
सुनिश्चित किया जाये।
9. व्ेसिक
ग्रेड में कार्यरत नियोजित शिक्षकों को स्नातक ग्रेड
में प्रोन्नति की जाय।
10. अप्रशिक्षित
नियोजित शिक्षकों को एकमुश्त सवैतनिक
प्रशिक्षण दी जाय एवं
निजी प्रशिक्षण संस्थान में सरकारी खर्च पर प्रशिक्षण की
व्यवस्था की जाय।
11. टीइटी/एसटीइटी उर्त्तीण नियोजित शिक्षकों को सप्तम वेतन
में केन्द्र सरकार नियोजित न्यूनतम वेतन दिया जाय।
12. शिक्षा
अधिकार कानून के आलोक में
शिक्षकों को तमाम गैर
शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया
जाये।
13. डीपीइ
प्रशिक्षण समाप्ति की तिथि से
नियोजित शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान
दिया जाये।
14. लोक
संवाद में माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा
दिये गये आश्वासन के तहत शिक्षकों
को एमडीएम से अविलम्ब मुक्त
किया जाये।
15. शिक्षक
संघों को राज्य स्तरीय,
प्रमंडल स्तरीय,जिला स्तरीय,जिला स्तरीय एवं प्रखंड स्तरीय शिक्षा विभाग के कार्यालय का
निरीक्षण करने का संवैधानिक अधिकार
दिया जाये।
17. एमडीएम
में टाम बेस्ड इंस्पेक्सन पर की गई
कार्रवाई पर रोक लगाई
जाये।
18. बिहार
में गठित समान स्कूल प्रणाली आयोग की अनुशंसा को
लागू किया जाये।
19. सेवानिवृत्ति
की उम्र सीमा 62 वर्ष किया जाये।
20. सर्वोच्च
न्यायालय कांड संख्या-139/2013 के आधार पर
पटना कोतवाली थाना कांड संख्या-109/2013 को समाप्त किया
जाये।
21. प्रधान
सचिव,शिक्षा विभाग , बिहार, पटना का पत्रांक- 2558/29.10.2013 एवं मध्यान्ह भोजन योजना निदेशक पटना के पत्रांक 1758 दिनांक
27.10.2016 को निरस्त करते हुए शिक्षकों से रिकभरी आदेश
वापस लिया जाये।
नागेन्द्र सिंह
महासचिव
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