Tuesday 11 April 2017

मृतका के परिजनों को 10 लाख रू. मुआवजा दिया जाये


माननीय मुख्यमंत्री महोदय,                                                                               दिनांक 09.04.2017                        
बिहार।
     
विषयः जहानाबाद जिला में कोपल क्लिनिक है। जो गया-पटना रोड पर कनौदी में स्थित हैं। इस क्लिनिक में डाक्टर श्रीमती अनीता एम0डी0 सेवा प्रदान करती हैं। इनके लापरवाही के कारण ऑपरेशन टेबल पर ही पिंकी देवी नामक गर्भवती महिला की मौत हो गयी। किसी तरह से बच्चा जीवित है। चिंताजनक हालत में ही पिंकी देवी को रेफर कर दी। जच्चा-बच्चा के तमाम रिकॉर्ड को गोपनीय ढंग से गायब कर दिया गया। इसके एवज में बी.ए. उर्त्तीण मृतक को 10 लाख रू. मुआवजा देने के संबंध में प्रेषित। 
महाशय
      सेवा में निवेदन पूर्वक कहना है कि विश्वास के कारण ही कोपल क्लिनिक में गये थे। महाराणा प्रताप की पत्नी हैं पिंकी देवी। इस क्लिनिक में महाराणा प्रताप की पत्नी पिंकी देवी का ऑपरेशन से द्वितीय बच्ची हुई थी। इसी विश्वास के साथ तीसरे गर्भधारण के समय जांच और ऑपरेशन से लड़का बच्चा हुआ। 
      संपूर्ण कथा यह है कि जिला अरवल,प्रखंड कुर्था, गांव धर्मपुर पौंदिल बड़का गांव में उमेश सिंह यादव और शांति देवी रहते हैं। इन दोनों के सहयोग से 2 बच्चे हुए। एक नवल किशोर और द्वितीय महाराणा प्रताप। यह परिवार गरीबी रेखा के दलदल में हैं। इनका 206 क्रमांक 12 है। उमेश सिंह यादव गार्ड का काम करते हैं और उनके पुत्र महाराणा प्रताप नौकरी की तलाश में पलायन करके अन्य प्रदेश में कार्य करते हैं। जब 24 साल का महाराणा प्रताप थे तो उनकी शादी 22 साल की पिंकी देवी के साथ हुई। दोनों का विवाह 2012 में हुआ। इस समय महाराणा प्रताप 28 साल और पिंकी देवी 26 साल की हैं। पिंकी देवी का घर पटना जिले के पालीगंज थानान्तर्गत मौरी गांव में है। दोनों दम्पति पिंकी और महाराणा के सहयोग से 3 बच्चे हुए।  2 लड़की और 1 लड़का। बड़ी पुत्र शिवानी कुमारी (3 साल), भवानी कुमारी (1 1/2साल) और गंगापुत्र (149 दिन)। तीनों बच्चे ऑपरेशन से ही हुए। भवानी और गंगापुत्र का जन्म कोपल क्लिनिक में हुआ। 
अचानक पिंकी देवी को दर्द और योनि से रक्तस्त्राव होने लगा था। तब उसे 7 अक्टूबर 2016 को कोपल क्लिनिक लाया गया। डाक्टर अनीता ने जांच पड़ताल की। 2 प्रकार की दवा लिखकर कहा कि दवा का सेवन करें। जब कभी भी दर्द हो तो फौरन ही क्लिनिक में आ जाये।

अचानक 12 नवम्बर 2016 को पिंकी देवी को प्रसव पीड़ा हुआ। यहां पर पहले से ही डाक्टर अनीता से जांच हो रहा था। इसी भरोसा पर डाक्टर साहब के पास गर्भवती को लिया गया। यहां पर पहले भी द्वितीय बच्ची का एल0एस0सी0एस0 से जन्म हुआ। श्री यादव कहते हैं कि इस बार तो अनर्थ ही हो गया। कोपल क्लिनिक के कारनामा और धरती के भगवान पर से विश्वास ही टूट गया । तथाकथित डाक्टर अनीता की खुल्लमखुला लापरवाही सामने आ गयी। गर्भवती के साथ महाराणा प्रताप और उसकी मां शांति देवी साथ थीं। महाराणा प्रताप कहते हैं कि मेरी पत्नी पिंकी देवी का कोपल क्लिनिक में 12 नवम्बर 2016 को एल0एस0सी0एस0 किया गया। लड़का बच्चा का जन्म हुआ। 

ऑपरेशन थियेटर से जल्दी से नर्स ने पिंकी देवी का शिशु लेकर परिजनों के हाथ में सौंप दिया। शाम 6 से रात 9 बजे तक एल0एस0सी0एस0 हुआ। ऑपरेशन थियेटर जाने के क्रम में वह नर्स ने परिजनों को पिंकी देवी के बारे में और हालात की जानकारी नहीं दीं। हड़बड़ी में जाकर ऑपरेशन थियेटर को पानी से धोने लगी। रक्तस्त्राव वाला पानी बाहर बहने से परिजन हैरान होने लगे। इस बीच कोपल क्लिनिक के द्वारा मोबाइल कॉल करके एम्बुलेंस बुलाया गया।

इस एम्बुलेंस में जीवन रक्षण करने वाले साधन नहीं थे। ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं है और न ही सेक्शन मशीन ही था। इस बीच कोपल क्लिनिक के तमाम लेनदेन 10 हजार 850 रू0 जमा करवा लिये।  ओ0टी0चार्ज 9500रू0, बेड चार्ज 400 रू0, नर्सिग चार्ज 500 रू0 बी0एल0टी0एल0 500 रू0। अलग से दवा खरीदी गयी। पिंकी देवी को ग्लुकोस वाटर चढ़ रहा था। वह भी बोतल में पानी नहीं था। कंडुला से रक्त भी नहीं दिखायी और बहाव नहीं हो रहा था। 

10 बजकर 45 मिनट पर कहा गया कि पिंकी देवी को सेंट्रल हॉस्पीटल में रेफर किया जा रहा है। यह हॉस्पीटल बाईपास में है। इसका मतलब साधनहीन कोपल क्लिनिक के पास और तो और कुशल डाक्टर भी नहीं है। जो आपातकाल में स्थिति को काबू में ला सके। साबित होता है कि न ही डाक्टर अनीता सक्षम डाक्टर है जो आपातकालीन स्थिति की सामना कर सके। वह केवल नोट खींचना जानती है। लापरवाही से किसी का परिवार उजड़ जाए। उसकी चिंता नहीं करती हैं।

इस बीच पिंकी देवी के ससुर उमेश सिंह यादव ने कोपल क्लिनिक के कम्पाउंडर सत्येन्द्र कुमार के हवाले से कहते हैं कि एल0एस0सी0एस0 करने के दरम्यान ही पिंकी देवी का नस कट गया। इस पर नवजात शिशु के पिता महाराणा प्रताप ने सीधे डाक्टर अनीता पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। ऑपरेशन टेबल पर नाइफ से जान लेने वाली डाक्टर अनीता पर कानूनी कार्रवाई हो। बी.ए. उर्त्तीण पिंकी देवी के परिजनों को बतौर 10 लाख रू0 मुआवजा दिया जाए। 

पिंकी देवी की मौत की जांच हो।
डाक्टर श्रीमती अनीता की डिग्री की जांच हो।
कोपल क्लिनिक के साधनों की जांच हो।
कोपल क्लिनिक के क्रियाकलापों की पारदर्शिता हो।
महरूम बी.ए. उर्त्तीण पिंकी देवी को बतौर 10 लाख रू0 मुजावजा दिया जाये।
डाक्टर श्रीमती अनीता पर कानूनी कार्रवाई हो।
सभी मरीजों को कागजात उपलब्ध करवायी जाये।

अतः माननीय मुख्यमंत्री जी से आग्रह है कि कोपल क्लिनिक की जांच हो। और ।
प्रतिलिपि प्रेषित
1.माननीय अध्यक्ष महोदय,
2.राज्य मानवाधिकार आयोग।
3.माननीय जिलाधिकारी महोदय,जहानाबाद।
4.स्वास्थ्य मंत्री,बिहार सरकार।
5. केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री।                                आपका विश्वासभाजन

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