पटना। वह चाय की दुकान पर बैठता है. किसी मसीहा की तलाश करता है. वह है सुखदेव पासवान.10 साल से धृतराष्ट्र बन गया है. 25 तक देख पा रहा था.एक दिन यकायक आंख की रोशनी गायब हो गयी. बालूपर मोहल्ला में रहने वाले परिवार के मुखिया का इस बीच (पिताजी ) दुखन पासवान चल बसे. परलोक चले जाने से बोझ पड गयी दिव्यांग की मां देवंती देवी पर टपक गया. दिव्यांग के 3 भाई और 1 बहन हैं. 2 भाई और 1 बहन का विवाह हो चुका है. दिव्यांग का विवाह नहीं हुआ है.
दिव्यांग सुखदेव पासवान कहते हैं कि पीएमसीएच में जाकर दिखाने पर चिकित्सक ने कहा क्लोबोमा नामक रोग है. आपरेशन के बाद आंख में रोशनी आ गयी. कुछ माह के बाद गायब हो गयी.
उन्होंने कहा नेपाल में इलाज संभव है. दाई का काम मां देवंती देवी के पास राशि नहीं है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री सहायता कोष है.इसमें आवेदन देना है. आवेदन के साथ प्राक्कलन राशि और आय प्रमाण पत्र पेश करना होगा. इस तरह का काम करने वाला आदमी चाहिए .
आलोक कुमार
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