Monday 24 April 2017

‘तोत्तो-चान’ का नाट्य मंचन

भोपाल। प्रारंभिक स्कूली शिक्षा पर आधारित मशहूर किताब है ‘तोत्तो-चान’। इस ‘तोत्तो-चान’ का नाट्य मंचन लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल में होगा। यह प्रस्तुति अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया जाएगा। मॉडल हायर सेकण्डरी स्कूल, साउथ टी. टी. नगर के सभागार में 24 अप्रैल की शाम 7 बजे से आयेाजित किया जा रहा है। रंगमंच के क्षेत्र में सक्रिय भोपाल की ‘विहान’ संस्था ने इस नाटक की परिकल्पना, मंच-सज्जा, गीत-संगीत आदि का संयोजन सौरभ अनंत के निर्देशन में किया है। ‘विहान’ द्वारा अब तक लगभग 50 से ज्यादा प्रदर्शन देश के प्रमुख नाट्य उत्सवों और मंचों पर प्रस्तुत किए जा चुके हैं। 

अपर संचालक,लोक शिक्षण भोपाल संभाग श्री डी एस कुशवाह ने बताया कि नाटक का मंचन स्कूली शिक्षकों एवं शिक्षा से सरोकार रखने वाले व्यक्तियों के लिए विशेष तौर पर किया जा रहा है। इसमें प्राथमिक, माध्यमिक और हाई स्कूल से जुडे शिक्षक शामिल होंगे,साथ ही इस नाट्य प्रदर्शनमें शिक्षा में रूचि रखने वाले सभी व्यक्ति आमंत्रित है। 

यह नाटक 1981 में जापानी भाषा में प्रकाशित उपन्यास मैडोगिवा नो तोत्तो-चान पर आधारित है। बच्चों के सपनों के स्कूल की कल्पना को साकार करता यह नाटक शिक्षा के विविध आयामों को खोलता है। नाटक में आरंभिक शिक्षा के उन अपरंपरागत विचारों और पढाने के तरीकों के शामिल है, जो लेखिका ‘तेत्सुको कुरोयानागी’ को अपने अनूठे स्कूल ‘तोमोए’ में हासिल हुए थे। 

क्हानी छोटी बच्ची ‘तोत्तो-चान’ की है जो बहुत जिज्ञासाओं और कौतूहल से भरी एक ख़ुश मिज़ाज लड़की है। उसकी बाल सुलभ शरारतों के कारण उसे स्कूल से निकाल दिया जाता है। तोत्तो की माँ को एहसास होता है कि अपनी बेटी के लिए एक ऐसे स्कूल की ज़रूरत है, जहाँ बच्चों को अभिव्यक्ति और विचारों की स्वतंत्रता मिलती हो। तब वो उसे नए स्कूल ‘तोमोए’ में ले जाती है जो रेल की ख़राब पड़ी बोगियों में लगता है। यहाँ तात्तो पहली बार हेडमास्टर सोसाकूको बायाशी से मिलती है। उनके पढ़ाने का ढंग बेहद निराला है। वे बच्चों को  प्रकृति के ज़रिए सिखाते हैं, खेल-खेल में। ये स्कूल तोत्तो को अपने सपनो ंका स्कूल लगता है।

आलोक कुमार

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