Friday 18 February 2022

भाकपा-माले ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया

मुजफ्फरपुर। शराबबंदी के नाम पर पुलिस द्वारा दलितों-महादलितों व गरीबों को तंग-तबाह करना व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग सरकार से भाकपा-माले ने की है। शुक्रवार को शराबबंदी के नाम पर दलितों-महादलितों पर पुलिसिया दमन के खिलाफ भाकपा-माले ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया।

शराबबंदी के नाम पर पुलिस द्वारा दलितों-महादलितों व गरीबों को तंग-तबाह करने तथा गिरफ्तारी के खिलाफ भाकपा-माले ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के पूर्व हरिसभा स्थित माले कार्यालय से झंडा-बैनर और  जोरदार नारों के साथ शहर में प्रतिवाद मार्च भी निकाला गया जिसमें बड़ी संख्या में पुलिस प्रताड़ना से तबाह महादलित मांझी व अन्य समुदाय की महिलाएं भी शामिल थीं। प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी को मांग-पत्र प्रस्तुत कर शराबबंदी के नाम पर पुलिस द्वारा कुढ़नी सहित जिले के अन्य क्षेत्रों में दलितों-महादलितों व गरीबों के टोले व घर में घुसकर तंग-तबाह करने, महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार और गालीगलौज करने, उनके सामानों को तोड़-फोड़ देने पर रोक लगाने, बेवजह गिरफ्तार कर जेल में डाले गए दलितों-महादलितों व गरीबों को रिहा करने तथा ज्यादती कर रही पुलिस पर सख्त कारवाई करने की मांग की गई। जिलाधिकारी को बताया गया कि पिछले 13 फरवरी की संध्या व 14फरवरी के दोपहर में कुढ़नी प्रखंड के अंतर्गत चढ़ुआ पंचायत के धरमुंहा मुसहर टोले में तुर्की ओपी की दर्जनों पुलिस पहुंच कर महिलाओं के साथ ज्यादती और गाली-गलौज की तथा जेल में भेजने की धमकी दी। इसके एक सप्ताह पूर्व पुलिस ने उसी टोले के 65वर्षीय गुलाबचंद मांझी को 9बजे रात्रि में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसी तरह गायघाट के बेनीबाद में एक सप्ताह के भीतर पासी समुदाय के तीन गरीबों को बेनीबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बोचहां, मुशहरी,बंदरा सहित सभी प्रखंडों में शराबबंदी के नाम पर पुलिसिया उत्पात जारी है जिस पर रोक लगाई जाए।

प्रदर्शन का नेतृत्व माले कार्यकर्ता गुड्डू मांझी, महिला कार्यकर्ता सुमित्रा मांझी, कुसुमी देवी, माले नेता परशुराम पाठक, इंसाफ मंच के राज्य अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह, खेग्रामस के राज्य कार्यकारी सचिव शत्रुघ्न सहनी, माले जिला कमिटी सदस्य अरविंद कुमार डे, बिन्देश्वर साह, ऐक्टू नेता मनोज यादव, मुन्ना कुरैशी, उर्मिला देवी, किरण देवी ने किया। 

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश राज में शराबबंदी के नाम पर शराब माफियाओं और धंधेबाजों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। पुलिस-प्रशासन का उनके साथ सांठगांठ है। लेकिन दलितों-महादलितों और गरीबों को खासकर मांझी-मुसहर, पासी, पासवान व सहनी समुदाय को दिनरात तंग-तबाह करने का अभियान जारी है। पुलिसिया आतंक से वे घर से भागे रहते हैं और जीना दूभर हो गया है।

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीरा बनाने की बात करते हैं लेकिन परंपरागत रूप से ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों को संसाधन उपलब्ध कराने की कोई योजना जमीन पर नहीं दिख रही है। वे रोजी-रोटी की समस्या और भुखमरी से जूझ रहें हैं। नीतीश सरकार को पुलिस जोर-जुल्म पर रोक लगा कर उनको रोजगार देने की गारंटी करनी चाहिए।


आलोक कुमार

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