‘बिहार राज्य में मनरेगा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रारम्भ में ही जिला पूर्वी चंपारण को मिला प्रथम स्थान‘.द्वितीय स्थान किशनगंज,तृतीय स्थान शेखपुरा और चतुर्थ स्थान नालंदा को मिला है..
नालंदा. आज उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में हरदेव भवन सभागार में सभी कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा, कनीय अभियंता मनरेगा, लेखापाल एवं कार्यपालक सहायक के साथ मनरेगा एवं जल जीवन हरियाली योजना की समीक्षा बैठक की गई. बैठक में मुख्य रूप से ज्यादा से ज्यादा इच्छुक लोगों को रोजगार देने के साथ-साथ अधिक से अधिक उत्कृष्ट योजनाओं जैसे- आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण, चेक डैम का निर्माण, विद्यालयों में पार्क निर्माण, हाट का निर्माण आदि के साथ साथ लोगों के जल जमाव के समस्या के निवारण के लिए जल निकासी की योजना पर विस्तृत चर्चा की गई.
समीक्षा में सभी कर्मियों को आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए उपयुक्त छोटी छोटी बातों का ध्यान रखकर कार्य कराने के बारे में जानकारी दी गई. गौरतलब है कि नालंदा जिला मनरेगा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में मानव दिवस के सृजन के अपने लक्ष्य से ज्यादा उपलब्धि प्राप्त किया है। इस वर्ष लगभग 1 करोड़ मानव दिवस सृजन के लिए कर्मियों को प्रेरित किया गया.
बैठक में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, सभी कार्यक्रम पदाधिकारी, कनीय अभियंता, लेखापाल एवं कार्यपालक सहायक उपस्थित थे.
Purshottam Prasad जी कहते हैं कि यह सब मात्र खाओ और पकाओं वाली बैठक है, इसमें मेरा स्पष्ट कहना है कि सबसे पहले बेन प्रखंड कार्यालय स्वयं जलकर के जमीन पर अवैध ढंग से पद का दुरुपयोग कर स्वेच्छाचारिता पूर्वक नियम - नीति, आदेश - निर्देश, विनिर्देशों को ताक पर रख संबंधित अधिकारी कर्मी और जन प्रतिनिधि द्वारा अवैध निर्माण किया कराया गया है. और उ अवैध भवन (प्रखंड कार्यालय-बेन) में बैठ कर स्पष्ट विचार प्रकटीकरण होने का प्रश्न ही नहीं उठता ?
और लगले बेन थाना भी जलकर में बना हुआ है.ऐसे हीं सब असफल पदाधिकारी का देन है भ्रष्टाचार.इतना के विवाद समझ में आया तो ठीक नहीं तो स्वयं एक दिन आप ठीक हो जाईये.
आलोक कुमार
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