मुजफ्फरपुर. इस जिले के जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर प्रणव कुमार ने मुशहरी ग्रामीण के रोहुआ राजाराम पंचायत के आंगनवाड़ी केंद्र संख्या- 211 का निरीक्षण किया था. जिलाधिकारी द्वारा केंद्र में संधारित वजन पंजी सहित सभी पंजी की बारीकी से जांच की गई.केंद्र के माध्यम से संचालित विभिन्न योजनाओं की स्थिति की भी जानकारी ली गई और महत्वपूर्ण निर्देश इस संबंध में जिलाधिकारी के द्वारा दिए गए.सेविका का कार्य संतोषप्रद पाया गया.
केंद्र के निकट स्थित महादलित टोला में जिलाधिकारी ने एईएस/चमकी बुखार से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम में भाग लिया.जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित अभिभावकों को चमकी बुखार के रोकथाम एवं बचाव को लेकर ’क्या करें ना करें’ संबंधित विस्तृत जानकारी साझा की गई.उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि बच्चों को धूप में न खेलने दें एवं बच्चों को भरपेट भोजन करावे. उन्होंने कहा कि यदि बच्चे में एईएस का लक्षण दिखाई पड़े तो तत्काल टैग किए गए वाहनों अथवा किसी भी वाहन के माध्यम से निकट के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में शीघ्र भेजना सुनिश्चित करें ताकि बच्चे का इलाज स-समय किया जा सके. उन्होंने कहा कि किसी भी वाहन से बच्चे को अस्पताल ले जाने पर सरकार द्वारा निर्धारित भाड़ा तत्काल दे दिया जाएगा.साथ ही उन्होंने उपस्थित सेविका/सहायिका आशा तथा जीविका दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिदिन होम विजिट करते हुए अभिभावकों को जागरूक करें. लाइन लिस्टिंग किए गए सभी बच्चों पर विशेष नजर रखी जाए.अभिभावकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पीड़ित बच्चों के इलाज को लेकर सभी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. एईएस/चमकी बुखार को लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है. यदि लक्षण दिखाई दे तो तत्काल बच्चे को अस्पताल ले जाना सुनिश्चित किया जाए.अभिभावकों के मोबाइल में आंगनवाड़ी सेविका, आशा वाहन ड्राइवर एवं चिकित्सा प्रभारी का नंबर सेव है कि नहीं इसकी भी जांच द्वारा रैंडम्बली की गई.पाया गया कि नंबर सेव है.
जिलाधिकारी द्वारा मुशहरी अंचल कार्यालय का भी निरीक्षण किया गया.निरीक्षण के क्रम में उन्होंने निर्देश दिया कि लंबित कार्यों का निष्पादन शीघ्रता से की जाय. जिलाधिकारी ने कहा कि ससमय निष्पादन को लेकर अपने कर्तव्यों का गंभीरता पूर्वक निर्वहन करें ताकि आम लोगों को परेशानियों से रूबरू नहीं होना पड़े. मुख्य रूप से ऑनलाइन म्यूटेशन ,एलपीसी परिमार्जन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई.समीक्षा के क्रम में ऑनलाइन म्यूटेशन 90 प्रतिशत से ऊपर पाया गया. कुछ रेकर्ड भी देखे गए जिसमे अस्वीकृत आवेदनों के कारणों को जायज भी पाया गया. उन्होंने निर्देश दिया कि कि लोगों को स- समय सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ताकि आवेदकों द्वारा आपत्ति का निराकरण स-समय किया जा सके और कम से कम आवेदनों को अस्वीकृत किया जा सके। इस पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई.परिमार्जन और एलपीसी की स्थिति संतोषजनक पाई गई.
आलोक कुमार
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