राजगीर. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में स्थित राजगीर में आयोजित बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी का दो दिवसीय नव संकल्प शिविर सफलतापूर्वक संपन्न हो गया.इस दो दिवसीय शिविर में पहले दिन पार्टी के बड़े नेताओं के साथ-साथ कई समूहों के प्रमुख ने अपने विचार और प्रस्ताव शिविर में पेश किया. तो वहीं शिविर के दूसरे दिन और आखिरी दिन पूर्व मंत्री अवधेश सिंह ने राजनीतिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया.
समापन सत्र को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने शिविर को सफल बताते हुए कहा कि पार्टी ने लंबे अरसे बाद कोई बड़ा कार्यक्रम किया. उन्होंने आगे कहा कि इस शिविर में पार्टी की मजबूती और अटूट भरोसे के साथ सभी कार्यकर्ताओं में एक नया उत्साह देखा गया जो शिविर का उद्देश्य तथा मकसद भी था. उन्होंने कहा कि गठित छह समितियों द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किए गए हैं.
शिविर के दूसरे और आखिरी दिन कांग्रेस नेताओं ने यह संकल्प लिया कि राज्य में जनता के लिए, जनता का, जनता के द्वारा संघर्ष की जमीन पार्टी तैयार करेगी. यह भी संकल्प लिया गया कि समाज को जाति और धर्म के आधार पर बंटने से रोका जाएगा और धर्म और जाति के नाम पर समाज को बांट कर राजनीति करने वालों से सीधी टक्कर ली जाएगी.
पूर्व मंत्री शकीलुज्जमा अंसारी ने देश के अंदर सरकार की हुई विफलताओं को जनता तक पहुंचाने का काम पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस सशक्त पार्टी के रूप में उभरने जा रही है. इसके लिए नौजवान कार्यकर्ताओं को तैयार कर नव संकल्प शिविर के माध्यम से जनता के बीच जाकर सीधे संवाद के रूप में पहुंचना होगा.उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार सभी मोर्चे पर फेल हो रही है.
इससे पहले गठित छह समितियों की एक बैठक हुई.जिसमें 50-50 सदस्य शामिल थे.समितियों में शामिल सभी सदस्यों की राय ली गई, जिसके बाद एक समुचित रिपोर्ट को तैयार किया गया. समितियों के प्रमुखों ने अपनी रिपोर्ट व प्रस्ताव शिविर में पेश किए.
इस शिविर के माध्यम से राज्य स्तर पर पब्लिक इनसाइड डिपार्टमेंट तैयार करने पर बल दिया गया.ताकि इससे भिन्न- भिन्न विषयों पर जनता के विचार जानने एवं नीति निर्माण के लिए तर्कसंगत फीडबैक मिल सके. इसके अलावे कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान का गठन हो.ताकि पार्टी की नीतियों, विचारधारा, दृष्टि, सरकार की नीति में व मौजूदा ज्वलंत मुद्दे पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का व्यापक प्रशिक्षण हो. इसके साथ इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट बनाई जाए. ताकि चुनाव की तैयारी प्रभावशाली तरीके से की जा सके.कांग्रेस में वैसे कार्यकर्ताओं और नेताओं व पदाधिकारियों के कार्य का मूल्यांकन किया जाना चाहिए, जो बेहतरीन काम करते आ रहे हैं, वैसे कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान के साथ चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिले.वहीं निष्क्रिय लोगों को समय-समय पर छंटनी भी हो. ऐसा करने से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा. और तो और पार्टी धारदार भी बनेगी. इस कड़ी में 5 वर्षों से अधिक समय तक कांग्रेस के किसी पद पर रहे इकाइयों में दलित, आदिवासी,पिछड़े, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिले. इनका सकारात्मक रूख का अनुभव के बाद ही किसी व्यक्ति को टिकट के लिए पात्र माना जाए.
पूर्व मंत्री अवधेश सिंह ने राजनीतिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जबकि पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कृषि और किसानों से संबंधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया.
आलोक कुमार
No comments:
Post a Comment