जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि मंडे मिटिंग का उदेश्य ग्राउंड लेवल पर सर्विस डिलेवरी को बेहतर बनाना है. बड़े प्रोजेक्ट को तीव्र गति से कार्यान्वित कराना है. साथ ही लंबित मामलों का त्वरित गति से निष्पादन कराना है. सभी बीडीओ, सीओ आदि सर्विस डिलेवरी को बेहतर बनाने की दिशा में तत्परतापूर्वक अपने-अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन करें.
उन्होंने कहा कि आमजनों को बेवजह परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े, इसका विशेष ध्यान रखा जाय. आमलोगों का सरकार तथा जिला प्रशासन के प्रति परसेप्शन को सुदृढ़ करने के लिए सभी अधिकारियों को पूर्ण पारदर्शी तरीके से ससमय कार्यों का निष्पादन करना होगा. इसमें लापरवाही, शिथिलता एवं कोताही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई निश्चित है.
उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम में बेहतर कार्य किया गया है इसे और बेहतर करना है. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना अंतर्गत शत-प्रतिशत अभिलेख संधारण अविलंब किया जाय. इस योजना की नियमित मॉनिटरिंग अत्यंत ही आवश्यक है. सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी लगातार निरीक्षण करेंगे तथा मेंटेनेंश वर्क कराना सुनिश्चित करेंगे ताकि आमजनों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े, उन्हें पेयजल उपलब्ध हो सके.
जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि जिले से होकर उतरप्रदेश की ओर जाने वाली विभिन्न बसों आदि की नियमित जांच की जाय. इस दौरान विशेषतः यह देखा जाय कि इनके पास परमिट है अथवा नहीं. बिना परमिट परिचालन होने पर नियमानुकूल कार्रवाई किया जाय.
समीक्षा के क्रम में विभिन्न प्रखंडों, अंचलों द्वारा विभिन्न समस्याओं से जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। जिलाधिकारी द्वारा ऑन द स्पॉट कई समस्याओं का निराकरण किया गया तथा कुछ मामलों में संबंधित अधिकारियों को त्वरित गति से मामले को निष्पादित करने के लिए निर्देशित किया गया.
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, अपर समाहर्ता, श्री नंदकिशोर साह, प्रबंधक, बेतिया राज, श्री विनोद कुमार सिंह, सभी जिलास्तरीय पदाधिकारी, सभी एसडीएम, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी आदि उपस्थित रहे.
आलोक कुमार
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