वास्तव में संत मोनिका निश्चय ही एक दृढ़ महिला थी, वह अपने आचरण से मजबूत थी. वह एक ऐसी महिला थी जो एक पत्नी एवं माता के रूप में समाज में अपनी भूमिका से पूरी तरह वाकिफ थी. वह दृढ़ निश्चयी थी, जीवन दे सकती थी, अपने आस-पास के लोगों को अधिक मानवीय बना सकती थी. उसने इस कार्य को अपने पति एवं बच्चों के द्वारा दिखलाया जो उनके व्यवहार एवं ख्रीस्तीय जीवन में परिलक्षित हुआ.न केवल उसके बेटे अगस्टीन का मन-परिवर्तन हुआ किन्तु उसके दो अन्य बेटों के जीवन में भी परिवर्तन हुआ.
मोनिका निश्चय ही एक सफल महिला की आदर्श हैं किन्तु उसने भी कई बार गलती की. उसने ईश्वर की इच्छा और योजना पर अधिक ध्यान न देकर अपनी इच्छा अनुसार अपने बेटे अगस्टीन का मन-परिवर्तन चाहा था, पर ईश्वर ने धीरे-धीरे उनका मार्गदर्शन किया और उन्हें एक आदर्श माँ बनने एवं ईश्वर के समय का सम्मान करना सिखलाया.शाहपुर पल्ली पुरोहित फादर भास्कर बोज्जा आयोजित धार्मिक अनुष्ठान के मुख्य उत्सवकर्ता थे. अपने भाषण में उन्होंने संत मोनिका के बारे में बात की.वह जीवन भर ईश्वर के प्रति वफादार रही.जश्न में करीब 300 लोग मौजूद थे.
संत माग्देलीन संघ
उन्होंने कहा कि संत माग्देलीन संघ की अध्यक्ष और सचिव पल्ली में समूह का नेतृत्व करेंगे. वे पल्ली में महिलाओं को प्रेरित और प्रोत्साहित करेंगे.इनका कार्यकाल पांच साल का होगा.
आलोक कुमार
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