Sunday, 8 October 2023

लोकतान्त्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के बैनर से ‘जागते रहो‘ नुक्कड़ नाटक


बोधगया. अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर दो अक्टूबर से लोकतान्त्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान चलाया गया. लोकतान्त्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के बैनर से ‘जागते रहो‘ नुक्कड़ नाटक सोमवार 02 अक्टूबर को गांधी चौक, बकरौर, छपरा और बसाढी में. मंगलवार 03 अक्टूबर को मटिहानी, सर्वाेदयपुरी, खजवती और मोचारिम. बुधवार 04 अक्टूबर को पत्थलगढ़,शेखवारा, परसावां और महुडर. गुरुवार 05 अक्टूबर को जानपुर, भागलपुर, पडरिया और   दोमुहान. शुक्रवार 06 अक्टूबर को मस्तीपुर, प्रज्ञा बिहार, रामपुर और कटोरबा में  प्रस्तुत किए गए.

   इस अभियान की शुरुआत गांधी चौक, बोधगया से  कला जत्था का कार्यक्रम सुबह नौ बजे से शुरू होकर 10 बजे तक चला. बोधगया प्रखंड के लगभग 20 गांव में कलाजत्था के माध्यम से मंहगाई, बेरोजगारी,सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाने तथा नफरत के खिलाफ प्रेम बढ़ाने और लोकतंत्र की बहाली के लिए नाटक, गीत के माध्यम से प्रदर्शन किया गया.लोगों के बीच में जन जागरण पैदा करने के बाद 6 अक्टूबर को शाम 6 बजे कटोरवा गांव में समाप्त हो गया.

  संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है. बताया गया कि शायद महात्मा गौतम बुद्ध से ही महात्मा गांधी जी ने प्रेरणा लिया होगा.बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत कहो. और अब चौथा हो गया है बुरा मत सोचो. मन से ही आदमी का सबसे चंचल है जो मन पर काबु कर लिया. वह बुद्धत्व को पा लिया.बुद्ध के अनुसार मन ही सब कुछ है. आत्मा होता ही नहीं है. आत्मा अंधविश्वास को जन्म देता है.

  इसके बाद कला जत्था ऐतिहासिक गांव शेखवारा पहुंचा. 2 अक्टूबर को एस टी एम जी स्कूल के बच्चे जुलूस के शक्ल में गांधी चौक आए और गांधी के प्रिय भजन गाए.और गांधी जी चरणों पुष्प अर्पित किए.

   अक्टूबर इसके बाद बकरौर,बसाढी, कोमल पूजन आवासीय विद्यालय में भी कार्यक्रम किया गया. 4 अक्टूबर को छात्र-युवा संघर्ष वाहिनी के ऐतिहासिक गांव शेखवारा के ग्राम कचहरी में सरपंच मनमोहन और नवल जी ने कलाकारों का स्वागत किया.बताते चले कि यह गांव कभी आंदोलन का केंद्र रहा है.बोधगया आंदोलन का यह गांव केंद्र रहा है.


आलोक कुमार


  

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