13-14 अप्रैल को जंतर-मंतर पर सत्याग्रह
पटना। गत वर्ष 2 अक्तूबर से ग्वालियर से चलकर आगरा पहुंचने के बाद जन सत्याग्रह और भारत सरकार के बीच में भूमि सुधारों पर 11 अक्तूबर
2012 को आगरा में समझौता हो पाया था। इसके बाद भारत सरकार ने कई कदम उठाये। उठाये गये कदम के अनुसार भूमि सुधारों के लिए भारत सरकार द्वारा सभी राज्य सरकारों को दिशा निर्देश। इन्दिरा आवास योजना में भारत सरकार के द्वारा दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी। भूमि संबंधी न्यायाधीकरण , भूमि सुधार आयोग आदि के लिए सभी राज्य सरकारों को दिशा निर्देश।
राजनीति हलकों में मध्यावधि चुनाव को लेकर गर्मागमी जारी है। इसके कारण जन संगठन के गांधीवादी कर्ताधर्ताओं पर भी दबाव बढ़ने लगा है। अगर मध्यावधि चुनाव हो जाता है। तो सुदूर गांव के वंचित समुदाय के लोगों के आशाओं पर वज्रपात हो जाएगी। सरकार को यह समझना चाहिए कि आपके द्वारा जन संगठनों को आश दिला देते हैं और उसे अमल नहीं करते हैं। इस समय मौका है कि सरकार उक्त कलंक के धब्बा को धो ले। वक्त की मांग है कि सरकार ‘नेशनल होमस्टीड राइट एक्ट’ और ‘नेशनल लेंड रिर्फोम पॉलिशि’ को मंत्रीमंडल की स्वीकृति लेकर अध्यादेश जारी कर दें और आगामी सत्र में कानून का दर्जा प्रदान कर दें।और केन्द्र सरकार मोहब्बत की नगरी आगरा को यादगार बनाने में बिफल रह गयी। 2 अक्तूबर 2012 को जन सत्याग्रह के महानायक पी.व्ही.राजगोपाल के नेतृत्व में ग्वालियर से 50 हजार से अधिक की संख्या में वंचित समुदाय दिल्ली कूच किये। ग्वालियर में मान मनोव्वल के बात नहीं बनते ही केन्द्र सरकार परेशान होने लगी। किसी तरह सत्याग्रही पदयात्रियों की हुजूम को दिल्ली में प्रवेश करने नहीं देना चाहती थी। जन सत्याग्रह के कर्ताधर्ताओं के बीच में वार्ता शुरू हो गयी। मोहब्बत की नगरी आगरा में जन सत्याग्रह के महानायक पी.व्ही.राजगोपाल और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के बीच में सौहाद्धपूर्ण माहौल में समझौता की गयी। लगभग केन्द्र सरकार झुककर सत्याग्रहियों की मांग को स्वीकार कर ली। इन्दिरा आवास योजना की राशि में इजाफा कर दी गयी। नेशनल होमस्टीड राइट एक्ट और नेशनल लेंड रिर्फोम पॉलिशि बनाने की घोषणा 6 माह के अंदर कर दी जाएगी। जो नहीं हो सका। आज 11 अप्रैल को मियाद खत्म हो जाने के बाद 13 और 14 अप्रैल को जंतर-मंतर पर जमा होकर सरकार पर दबाव जमाएंगे।
जन सत्याग्रह/एकता परिषद के राजगोपाल पी.व्ही. के अनुसार इन प्रयासों के साथ-साथ राष्ट्रीय भूमि सुधार के कानून और नीति लागू करने में सरकार लापरवाही बरत रही है तो दूसरी ओर गैर कृषि कार्यों के लिए हर रोज बड़े पैमाने पर भूमि का हस्तांतरण हो रहा है। भूमि सुधारों के इन मुद्दों पर सरकार और समाज का ध्यान आकर्शित करने के लिए
13-14 अप्रैल
2013 को जन सत्याग्रह के समस्त संगठनों के साथ दो दिवसीय जन सभा आयोजित की जा रही है। हमें विश्वास है कि प्रस्तावित जनसभा राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति तथा आवासीय भूमि अधिकार कानून घोषित करने की दिशा में सार्थक साबित होगी। 13-14 अप्रैल को जंतर-मंतर पर सत्याग्रह
करेंगे।