Sunday, 26 May 2013

प्रदूषण से मानव के अस्तित्व पर खतरा

पटना। डा.जगन्नाथ मिश्र कहे कि अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता जल एवं वायु में बढ़ते प्रदूषण से मानव के अस्तित्व पर खतरा है।अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डां.जगन्नाथ मिश्र, पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि निःसंदेह भूमि, जल एवं वायु में बढ़ते प्रदूषण से प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है इससे हमारी जैव विविधता भी प्रभावित हो रही है, इस संकट से बचाने के लिए जन-जागरूकता पैदा करना ही एक मात्र उपाय रह गया है। मानव अपनी सुख सुविधा के लिए प्राकृतिक संसाधनों का आवश्यकता से अधिक दोहन कर रहा है। प्राकृतिक संसाधनोे के प्रति इस प्रकार के अभिलेख ही व्यवहार से वर्त्तमान के साथ-साथ भविष्य की पीढ़ी के अस्तित्व के लिए भी गंभीर संकट पैदा हो सकता है। इसलिए समय रहते हमें सतर्क हो कर जैव विविधता संरक्षण एवं संवर्धन हेतु प्रयास करना होगा। पिछले कई दशकों से हमारी पृथ्वी की जैव-विविधता पर खतरा मंडराता रहा है। पर्यावरण में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण प्रति वर्ष हजारों प्रजातियां पृथ्वी से विलुप्त होती जा रही हैं। वैज्ञानिकों और विश्लेषकों का मानना है कि इसके पीछे कारण इन प्रजातियों के आस-पास के परिसीमन में होने वाला व्यापक परिवर्तन है। यह परिवर्तन विभिन्न रूपों में मानव, जीव-जंतुओं, पौधो, सूक्ष्म जीव समूहों और इनके गुणों को प्रभावित करता है।