Saturday, 1 June 2013

ग्राहकों की इंतजारी में बिछायी नजरे




व्यस्त सड़क पर बेखौफ जिस्म के सौदागरों के द्वारा ग्राहकों को पटाने में व्यस्त

गया। सूबे के रेलवे स्टेशनों से आंखों देखी खबर है। जिस्म के सौदागरों के द्वारा बाजार सजायी जाती है। बाजार किसी होटल अथवा घर में लगती है। गया रेलवे स्टेशन का यह हाल है कि यहां की सौदागर स्टेशन के सामने वाले होटल में ले जाती हैं। पटना में
आइजीआइएमएस के बगल में रेलवे स्टेशन के बगल में लोदीपुर आदि जगहों में जिस्मफरोसी का धंधा जोर-षोर से जारी है।
बीच शहर में सुषासन बाबू के राज में जिस्मफरोसी के धंधे में लिप्त महिलाओं को देखा जा सकता है। आदमकाल से प्रचलित इस धंधे में लगी महिलाएं मधु मक्खियों की तरह कभी महावीर स्थान  तो कभी पटना जंक्षन के आसपास मडराते फिरती हैं। उनकी निगाहे हरदम मनचले ग्राहकों की खोज में ही लगी रहती हैं। अपने अदाओं और इशारों से ग्राहकों को अपनी ओर खींच पाने में सफल हो जाती हैं। आखिर हो क्यों नहीं? मुंह में पान,कुछ के कंधे से लटकता बैंग और हाथ में प्लास्टिक का थैला रहता है। पुरूषों की भीड़ से निकलकर चलती हैं। इन लोगों ने धार्मिक स्थल और पटना जंक्षन को ही पनाह स्थल बना रखा है। महावीर स्थान के सामने इस महिला को देख सकते हैं जो ग्राहक की तलाश में खड़ी हैं। गुलाबी रंग की साड़ी और काला ब्लाउज पहन रखी हैं। ऐसे दर्जनों की संख्या में मडराती फिरती हैं। 
खैर, दानापुर थाना क्षेत्र में सन्नी चौधरी नामक गाड़ी चालक ने आपबीती बयान किये कि एक दिन पटना जंक्शन से निकलकर महावीर स्थान के सामने झांकी वाली रेल के समीप खड़े हुए कि दो महिलाओं ने इशारा करके पास गयीं। इसके पहले इन लोगों ने किसी और व्यक्ति को इशारे किये थे। परन्तु वह व्यक्ति इशारे पर गौर ही नहीं किया। चालक ने आगे कहा कि जिस्मफरोसी के धंधे में लिप्त महिलाओं ने अपने इशारे और धंधे के बारे में बातचीत करने लगी। उन दोनों में से एक जिस्म का सौदागर महिला ने तपाक से आखिकार पूछ ही लिया कि का हो चलब....? घबराते हुए चालक सन्नी ने कहा कि कहां जाना है ? दोनों ने कहा कि चल चले ट्रेन के पीछे। चालक ने उन दोनों से सवाल किया कि वहां पर जाकर आखिर क्या करना होगा है? हाथ से अश्लील इशारों के द्वारा दिखाकर कहती हैं कि वहां पर काम करना है? उत्सुकतावश चालक ने कहा कि काम करने का दाम कितना है यानी रेट क्या है? तन का सौदा करने वालों ने कहा कि मात्र 400 रूपए प्रति खेप है। भावी समस्या और डर के बारे में चालक ने पूछ ही लिया कि कोई पकड़ भी लेगा क्या ? पूरी तरह से भरोसा दिलवाते हुए कहती हैं कि कोई वंदा पकड़ नहीं सकेगा। वहां तो सुरक्षित स्थान है। हर समय जिस्मफरोसी धंधा करने के लिए सेज सजा रहता है। यहां पर बहुत लोग जाते और मजा लूटकर चले जाते हैं। कोई फरिन्दा भी पर नहीं मार पाता है। घबराने की जरूरत नहीं है। यह सब जानकारी लेने के बाद चालक सन्नी चौधरी नहीं....नहीं... करके प्रस्थान कर जाता है।
जानकार लोगों का कहना है कि वेश्यावृति के धंधे में शामिल महिलाओं की मिलीभगत खाकी वर्दीधारियों से है। ग्राहक को पटाने के बाद ग्राहक से पहले ही तयशुदा रकम ले लेती है। इसके बाद रिक्शा अथवा टेम्पों पर बैठकर जाती हैं। जैसे ही कोई पुलिस अथवा पुलिस चेकपोस्ट नजर आती है। वैसे ही रिक्शा अथवा टेम्पों से उतर कर भागने लगी है। इस तरह से महिला को भागते देख रिक्शा अथवा टेम्पों पर बैठे ग्राहक को पुलिस दबोचकर थाने में ले जाती है। उसके बाद नाजायज मोटी रकम लेकर थाना से ही पुलिस मनचले को छोड़ देते हैं। नकदी नहीं मिलने से जेल भेज दी जाती है।