मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र नालंदा में पटरी से उतरी
फिर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को पटरी पर लाने की कवायद तेज
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बताते चले कि गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों को ही 30 रू0 राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्मार्ट कार्ड निर्गत किया जाता है। स्मार्ट कार्ड से सभी सरकारी और चयनित निजी अस्पतालों में भर्त्ती करके इलाज किया जाता है। बीपीएल परिवार के किसी पांच लोगों का नाम स्मार्ट कार्ड में फोटो के साथ अंकित रहता है। इन लोगों के ऊपर सालभर में भर्त्ती करके 30 हजार रू0 तक का इलाज किया जा सकता है। इनके संपूर्ण खर्च को बीमा कम्पनी व्यय करती है। मरीजों को दवा-दारू के साथ भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है। उनको आवाजाही करने के लिए 100 रू0 भी दिया जाता है।
इस बैठक में जिले के 150 चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। गैर सरकारी संस्था चाम्स, प्रगति ग्रामीण विकास समिति और निर्धनतम क्षेत्र नागरिक समाज के दर्जनों प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। चिकित्सकों के द्वारा स्मार्ट कार्डधारकों से परिचय पत्र और बीपीएल सूची की छाया प्रति मांगने पर एतराज दर्ज किया गया। चूंकि पूरी प्रमाणिकता के बाद ही स्मार्ट कार्ड बनता है। तो चिकित्सकों के द्वारा मांग अनुचित है। ऐसा करने से भोलेभाले ग्रामीण फजीयत में पड़ जाएंगे। मुसीबत के दौरान स्मार्ट कार्ड लेने में दिक्कत होती है। तो अन्य कागजात को जुगाड़ करने में समस्या आ जाएंगी। हां, ग्रामीणों के बीच जागरूकता अभियान चलाने पर सहमति बनी। वहीं चिकित्सकों को बीमा कम्पनी के द्वारा जल्द से जल्द भुगतान करने पर बल दिया गया। दिल खोलकर मरीजों की सेवा बीमा कम्पनी करें। बैठक में शामिल लोगों ने आह्वान किया। यह जानकारी बैठक के बाद प्रगति ग्रामीण विकास समिति के जिला समन्वयक चन्द्रशेखर ने दी।
आलोक कुमार