जदयू और भाजपा
में तलाक होने
के बाद अशांत
हो गया बिहार
गया। बिहार में एनडीए
शासन में जदयू
और भाजपा के
शासकों ने मिलकर
शानदार ढंग से
शासन किये। इस
दौरान मुख्यमंत्री नीतीश
कुमार प्रभावशाली दिखे
और जदयू उभयपक्ष
बनकर दबदबा बना
रखा। वहीं पूर्व
उप मुख्यमंत्री सुशील
कुमार मोदी के
नेतृत्व में भाजपा
‘बी’ टीम बनकर
रह गयी। केवल
मुख्यमंत्री जी का
अनुशरण करते रहे।
पहले मुख्यमंत्री हवाई
भ्रमण करते थे
तो उसके बाद
पूर्व उप मुख्यमंत्री
भ्रमण किया करते
थे।
खैर,जदयू
और भाजपा में
तलाक होने के
बाद जदयू बैकफूट
पर आ गया
है। वहीं भाजपा
फ्रंटफूट में है।
इधर बिहार लगातार
अशांत हो गया
है। अपराध और
घटनाओं का सिलसिला
थमने का नाम
नहीं ले रहा
है। पश्चिम चम्पारण
में थारूओं पर
गोलीकांड का मामला
ठंडा भी नहीं
हुआ कि बोधगया
में आतंकी हमला
हो गया। अभी
तक बदमाशों को
हिरासत में नहीं
लिया जा सका
है। बदमाशों का
स्केच जारी किया
गया। इस बीच
छपरा में मिड-
डे मील का
मामला आ गया
है। 21 बच्चों की मौत
हो गयी है।
बिहार में नीतीश
कुमार के जदयू
दल बचाव करने
के मूड में
आ गया है।
इस बचाव वाले
मूड से आम
चुनाव 2014 में चारों
खाने चित पड़
जाएंगे। यह राजनीतिज्ञों
का मानना है।
वहीं जुझारूपन बन
गये भाजपा को
काफी फायदा होने
वाला है। वह
वर्तमान तेवर से
जगजाहिर हो रहा
है।
इस समय बोधगया
राजनीतिज्ञों का पर्यटन
स्थल बन गया
है। आये दिन
बयानबाजी का दौड़
जारी है। इसका
अंत कर बदमाषों
को कॉलर पकड़ने
की जरूरत हैं।
ताकि ऐसे तत्वों
का मनोबल गिर
सके। वहीं बिहारी
राजनीतिज्ञ व्यक्तिगत आलोचना करने
पर उतारू हो
गये हैं। आज
भी बोधगया में
सामूहिक बलात्कार करने वाले
बदमाशों को हिरासत
में नहीं लिया
गया है। आंतकवादी
घटनाओं की बीच
में पीड़िता कुन्ती
कुमारी (काल्पनिक नाम ) सिकसकती
आवाज दम तोड़
दी है।
आलोक कुमार