महादलित
किशोरी के संग
सामूहिक दुष्कर्म करने वाला
41 दिनों के बाद
गिरफ्तार
गया।
महादलित मुसहर समुदाय की
किशोरी के साथ
सामूहिक दुष्कर्म करने वालों
में दो में
से एक को
पुलिस ने धड़
दबोचा। एक अन्य
फिलवक्त पुलिस की गिरफ्त
से बाहर बताया
जाता है। बोधगया
थाना पुलिस पर
सर्वत्र से आये
दबाव के बाद
घटना के 41 दिनों
के बाद बालाजी
नामक अपराधी को
पकड़ा जा सका
है। वहीं 42 दिनों
के बाद भी
पुलिस को मेडिकल
रिपोर्ट अप्राप्त है। देख
रहे हैं कि
मुख्यमंत्री जी आपके
सुशासन राज में
किस तरह से
पुलिस निष्क्रयता की
भूमिका में आ
गयी है। जो
ऊपरी दबाव पर
ही कार्य कर
पाती है।
बिहार की पुलिस
असंवेदनशील है। यह
हम नहीं कर
रहे हैं। बल्कि
पुलिसिया क्रियाकलाप की परत
दर परत खोलती
कार्यवाही से पता
चल रहा है।
हुआ यह कि
गंगहर गांव के
श्रीकृष्ण मांझी की पत्नी
और उनकी बेटी
रिश्तेदार से मिलकर
बोधगया बाजार में समान
खरीदने चली गयीं।
इस बीच मां-बेटी बिछुड़
गयीं। काफी खोजने
के बाद मां
नहीं मिली। तब
बेटी ने सोची
कि टेम्पू पर
बैठकर घर चला
जाए। अकेली किशोरी
देखने के बाद
टेम्पू चालक का
मन डगमगा गया।
टेम्पू चालक ने
अपने मित्र के
साथ मिलकर अकेली
किशोरी की आबरू
तार-तार करके
रख दिया। फल्गु
नदी के तट
पर टेम्पू चालक
और उसके मित्र
सामूहिक बलात्कार किये। शराब
पीकर कई बार
मुंह काला किये।
जब किशोरी बेहोश
होने लगी। तब
नदी के तट
पर सुनसान जगह
पर ही छोड़कर
नौ-दो-ग्यारह
हो गये।
अपनी
बेटी कुन्ती कुमारी,
13 साल (काल्पनिक नाम) की
खोज करने के
दरम्यान माता-पिता-बेटी का
मिलन हो गया।
यह खुषी का
मिलन नहीं परन्तु
अस्मत लूटा देने
की खबर देने
वाला साबित हुआ।
मां-और बेटी
ने रोते हुए
कहा कि 6 जून,2013
की रात में
बालाजी और पप्पू
कुमार ने सामूहिक
बलात्कार किये। 7 जून को
बोधगया में जाकर
जघन्य बलात्कार कांड
के बारे में
जानकारी दी गयी।
8 जून को बोधगया
थाना में एफआईआर
दर्ज किया गया।
9 जून को मेडिकल
चेकअप किया गया।
इसको लेकर दैनिक
संमार्ग ने विस्तृत
समाचार प्रकाशित किया।
बोधगया थाना की
पुलिस की शिथिलता
को ध्यान में
रखकर 5 जुलाई,2013 को राज्य
महादलित आयोाग, बिहार मानवाधिकार
आयोग आदि को
आवेदन देकर कुन्ती
कुमारी को न्याय
दिलवाने की मांग
की गयी। इसकी
खबर भी संमार्ग
ने प्रमुखता से
प्रकाशित किया। इस बीच
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और
गया जिले के
डीएम बालामुरूगन डी.को मेल
से वस्तुस्थिति की
जानकारी दी गयी।
बहरहाल पुलिस ने बालाजी
को धड़ दबोचा
है। अब भी
पप्पू कुमार भागा
फिर रह है।
इसको जल्द से
जल्द गिरफ्तार करने
की जरूरत है।
वहीं पीड़िता कुन्ती
कुमारी का कहना
है कि बोधगया
पुलिस ने दबाव
बनाकर गलत रिपोर्ट
कोर्ट में पेश
करवाई है। जो
साक्ष्य के तौर
पर कपड़े थे
उसे भी कोर्ट
में पेश नहीं
किया गया है।
पीड़िता ने दावा
किया है कि
जो गलत बयानबाजी
दिलवाने में अहम
किरदार अदा किये
हैं उसे पहचानती
है और जरूरत
पड़ने पर पर्दाफाश
कर सकती है।
एकता
परिषद, बिहार की संचालन
समिति की सदस्य
मंजू डुंगडुंग ने
कहा कि आज
भी अधिकांश थानों
में महिला पुलिस
की बहाली नहीं
की गयी है।
पटना में स्थित
नौबतपुर थाने में
महिला पुलिस के
अभाव में स्वर्गीय
हो गये चौकीदार
की बेटी
ने महिला पुलिस
की भूमिका अदा।
वहीं बोधगया थाने
में महिला पुलिस
के अभाव में
पुरूष मानसिकता वाले
पुलिस ने पीड़िता
से सादे कागज
पर हस्ताक्षर करवाकर
कागज को खुद
पुलिस ने रख
लिया है। जो
बदमाशों के पक्ष
में है।
आलोक
कुमार