Tuesday 20 August 2013

यूपीए-1 और यूपीए-2 के केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री आमने-सामने


यूपीए-1 के समय में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डा.रघुवंश प्रसाद सिंह थे
यूपीए-2 के केन्द्रीय गा्रमीण विकास मंत्री जयराम रमेश हैं

यूपीए-1 के कार्यकाल में राजद के केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डा.रघुवंश प्रसाद सिंह थे। इनके समय में जन संगठन एकता परिषद और उनके सहविचारी लोग जनादेश 2007 सत्याग्रह पदयात्रा निकाले थे। इनको बहुत सरलता से ठग लिये। रामलीला मैदान,दिल्ली में वंचित समुदाय के 25 हजार की संख्या वाली सत्याग्रही पदयात्रियों के बीच में बिहार स्टाइल में भाषण दिये कि आप लोगों की मांग एकसिरे से प्रधानमंत्री मान लिये हैं। इसके अलावे प्रधानमंत्री ने अपने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय भूमि सुधार समिति बनाने के लिए अनुमति दे दिये हैं। कुछ माह के बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय भूमि सुधार समिति गठित कर दी गयी। गठित परिषद में राज्य के मुख्यमंत्री, नौकरशाह और जन संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस परिषद में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जन  संगठन एकता परिषद के संस्थाक अध्यक्ष पी.व्ही.राजगोपाल आदि शामिल थे। इसी तरह समिति में भी विशेष लोगों को शामिल किया गया। समिति ने राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति के प्रारूप बनाकर प्रधानमंत्री को सौंप दिये। यह सब हवाबाजी में लटक गया। मात्रः सरकार आश्वासन देकर कार्य करके 2009 के आम चुनाव में चले गये। एक सवाल के जवाब में मंत्री से सांसद बने डा. सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति के बारे में संसद में आवाज बुलंद नहीं कर सकता हूं। चूंकि यह मामला ग्रामीण विकास से संबंधित है। अगर संसद में राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति के बारे में आवाज बुलंद करता हूं तो संसद से आवाज आयेगी कि साहब आप मंत्री होकर कुछ नहीं कर सके तो सांसद होकर करेंगे क्या? बैठ जाइए माननीय जी। अब क्या होगा चूहा बिल में और बाहर लाठी भांज रहे हैं।  
यूपीए-2 के कार्यकाल में कांग्रेस के केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश हैं। इनके समय में भी जन संगठन एकता परिषद और उनके समान विचारधारा के नेतृत्वकर्ताओं के द्वारा जन सत्याग्रह 2012 सत्याग्रह पदयात्रा निकाले गये। एक बार फिर केन्द्रीय मंत्री के द्वारा सत्याग्रहियों को ठगने का प्रयास हो रहा था। मगर इस बार पदयात्री नहीं ठगाएं। केन्द्रीय गा्रमीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने मोहब्बत की नगरी आगरा में 11 सूत्री मांग पर हस्ताक्षर किये। जन सत्याग्रह के महानायक पी.व्ही.राजगोपाल और केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने हस्ताक्षर किये। इन्होंने कार्य को काफी आगे बढ़ाने का वादा किया जो निभा रहे हैं। सबसे पहले आगरा में महती जनसभा को संबोधित करते हुए 60 हजार वंचित समुदाय के सामने कहा कि हम इंदिरा आवास योजना की राशि में बढ़ोतरी करने जा रहे हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 80 हजार और गैर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 70 हजार रूपए करने जा रहे हैं। उपस्थित लोगों ने ताली और नारा लगाकार स्वागत किया। इसके बाद भूमि सुधार के लिए टास्क फोर्स का गठन किया। सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों को एडवाइसरी भेजा है। प्रस्तावित आवास का अधिकार कानून- 1013 को आगे बढ़ाया है। अभी राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति का प्रारूप तैयार करवाया है। भूमि संसाधन विभाग ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने चर्चा और टिप्पणी करने के लिए सार्वजनिक कर रखा है। संभवतः शीतकालीन सत्र में संसद से पास करवा लिया जाएगा।
  इस संदर्भ में अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सिसिल साह ने कहा कि कांग्रेस परिवार और उनके कांग्रेसी मंत्री जन सरोकारों के प्रति समर्पित रहते हैं। हवाबाजी करने में यकीन नहीं रखते हैं। आपने जो राजद और कांग्रेस के मंत्री को आमने-सामने किया है। वह दर्शाता है कि हम लोग अपने किये गये वायदे को पूर्ण करने के लिए वचनबद्ध और कार्यशील हैं। सिसिल साह ने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं जिन्होंने झारखंड प्रदेश में जाकर आदिम जातियों के कल्याण और विकास के लिए प्रयासरत हैं। विपरित परिस्थिति में मंत्री महोदय समय-समय पर झारखंड प्रदेश का दौरा करते हैं और विका के कार्य किया करते हैं। ऐसी अवस्था में अन्य दल के मंत्रीगण मंत्री जी के सामने बौने साबित हो जा रहे हैं।  अपने किये गये वायदे को पूर्ण करने मके लिए इस तरह राजद के पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री और  सांसद डा. रघुवंश प्रसाद सिंह को भारी बहुमत से पराजित कर दिया है। कांग्रेस के केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के आगे राजद के पूर्व केन्द्रीय मंत्री ठिक नहीं पाएं।

आलोक कुमार