संवाद
यात्रा 11 सितम्बर
को गया
में पहुंचेगी
2
अक्तूबर को
कारगिल चौक
पर महाधरना
व जन
संसद
पटना। एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक प्रदीप प्रियदर्शी की अध्यक्षता में बैठक की गयी। बैठक में भूमि अधिकार संवाद यात्रा को लेकर काफी मंथन की गयी।
पटना में
2 सितम्बर को
जन संवादः
स्थानीय अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान में एक जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। बिहार के कुछ जिले अररिया, कटिहार, दरभंगा, बांका, नालंदा, जहानाबाद,गया और भोजपुर में 22 से 29 अगस्त तक गांव विकास यात्रा कार्यक्रम करना है। इस यात्रा के दौरान निकली ग्रामीण समस्याओं को संस्था/संगठनों के प्रतिनिधियों के सामने पेश किया जाएगा। इसके बाद प्रतिनिधियों से विचार किया जाएगा। भूमि अधिकार अभियान को सशक्त बनाने पर विचार-विर्मश होगा।
अब भय,भूख और
भ्रष्टाचार मुक्त
समाज की
दिशा में
पहलः
भूमि अधिकार संवाद यात्रा 5 सितम्बर,2013 से शुरू होगी। भय, भूख और भ्रष्टाचार मुक्त समाज की दिशा में पहल की जाएगी। इसके साथ जल,जंगल और जमीन पर चर्चा की जाएगी। एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक प्रदीप प्रियदर्शी का स्पष्ट रूप से कहना है कि हम लोग इस भूमि अधिकार संवाद यात्रा में पूरी तरह से गैर राजनीति दल की छवि पेश करेंगे। इस यात्रा में सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जाएगा। जो खुले मन से अपनी बात को जगजाहिर करेंगे। हम लोग देश में व्याप्त गरीबी पर जमकर बोलेंगे और बरसेंगे। खासकर वंचित समुदाय के साथ जल,जंगल और जमीन के मसले को लेकर पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाया गया है। उसका पर्दाफाश करेंगे। आजादी के इन 66 साल में गरीब और गरीब ही होते चला जा रहा है। वहीं सरकार आंकड़ों के सहारे गरीबी रेखा के नीचे रहने जीवन बसर करने वालों की संख्या बल को घटाने पर आमादा है। जरूरत है कि आम नागरिकों के सामाजिक-आर्थिक स्तर को उठाएं। हम गरीबों की समस्याओं को उठाने का प्रयास करेंगे। वह चाहे केन्द्र और चाहे राज्य सरकार क्यों न हो।
केन्द्र सरकार और
एकता परिषद
के साथ
10 सूत्री समझौताः
जन सत्याग्रह 2012 के दौरान 11 अक्तूबर,2012 को आगरा में केन्द्र सरकार और एकता परिषद के बीच में 10 सूत्री मांगों को लेकर समझौता की गयी थी। इसके बाद केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने सरकारी चिट्ठी लिखकर राज्य के सभी मुख्यमंत्रियों के पास एडवाइसरी भेज दिया है। उसी एडवाइसरी के आलोक में राज्य के मुख्यमंत्रियों को भूमि सुधार का कार्य करना है। इसके अलावे केन्द्र सरकार ने आवास भूमि अधिकार कानून-13 का भी प्रारूप मुख्यमंत्रियों के समक्ष विचारार्थ प्रेषित किया है। इसमें आवासीय भूमिहीनों को 10 डिसमिल जमीन देना है। यह कानून बन जाने के बाद आवासीय भूमिहीनों को अधिकार मिल जाएगा। सर्वाधिक फायदा बिहार के आवासीय भूमिहीनों को होने वाला है। इन सब बातों को लेकर जन जागरण और जन प्रेरित किया जाएगा।
जो जमीन
देने की
बात करेगा
वह दिल्ली
में राज
करेगाः
आम सभा 2014 और बिहार विधान सभा का चुनाव 2015 के आलोक में आगे जमीन पीछे वोट नहीं जमीन नहीं वोट और जो जमीन देने की बात करेगा वह दिल्ली में राज करेगा का नारा बुलंद किया जाएगा। वहीं आगामी आम चुनाव में सीधे राजनीति की धरमी पर आकर हस्तक्षेप करने का निर्णय लिया गया। लोकतंत्र बचाओ मोर्चा का प्लेटफॉम बनाया गया है। बिहार के संदर्भ में कहा गया कि अभी 3 जिलों में पकड़ मजबूत है। इसके अलावे 27 विधान सभाई क्षेत्र में जबर्दस्त पहचान और पकड़ है। चुनाव को प्रभावित करने की शक्ति है। 11 विधान सभाई क्षेत्र में सीधे हस्तक्षेप करक उम्मीदवार को जय और पराजय की शक्ति
व्याप्त है।
पटना से 5 सितम्बर से शुरू होगी संवाद यात्राः
पटना जिले में 5 सितम्बर को, भोजपुर में 6, बक्सर में 7, कैमूर और रोहतास में 8, औरंगाबाद और अरवल में 9,जहानाबाद में 10, गया में 11, नवादा और नालंदा में 12, शेखपुरा और लखीसराय में 13, जमुई और मुंगेर में 14, बांका और भागलपुर में 15, कटिहार में 16, पूर्णिया और किशनगंज में 17, अररिया और सुपौल में 18, मधेपुरा में 19, सहरसा में 20, खगरिया में 21, बेगूसराय और समस्तीपुर में 22, दरभंगा और मधुबनी में 23, सीतामढ़ी और शिवहर में 24, पूर्वी चम्पारण में 25, पश्चिमी चम्पारण में 26, गोपालगंज में 27, सीवान में 28, सारण में 29, मुजफ्फरपुर में 30 सितम्बर, वैशाली में 1 अक्तूबर और पटना के कारगिल चौक पर 2 अक्तूबर को महाधरना और जनसंवाद होगा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मंजू डुंगडुंग, सिन्धु सिन्हा, विजय गौरेया, वीके सिंह, अनिल पासवान, संजय कुमार प्रसाद, बाबूलाल चौहान, उमेश कुमार, चन्दशेखर , अनिमेश निरंजन आदि थे।
आलोक कुमार