Friday 9 August 2013

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महादलित टोला में आगमन को लेकर खासा उत्साह



मुख्यमंत्री को खुश करने में अधिकारी जुटे

पेंशन, पर्चा,दवा,निरोध,काम और आजीविका के लिए आश्वासन भी बांटे

राजधानी से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर चिरैड़ाटांड़ मुसहरी है। शासन और प्रशासन से उपेक्षित महादलित मुसहर समुदाय का टोला है। यहां पर तंगी की हालत में कितने लोग दम तोड़ दिये। अब प्रशासन की नींद खुली है। अब जाकर प्रजा की चिंता तंत्र को होने लगी है।

 खैर, महादलित टोला में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15 अगस्त,2013 को झंडोत्तोलन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसको लेकर महादलित मुसहर समुदाय के लोगों में खासा उत्साह व्याप्त है। बिहार सरकार के मुखिया का आगमन मुसहरी टोला में हो रहा है। इसी तरह मुख्यमंत्री का आगमन होगा तो मुसहरी का विकास  हो जाएगा। हां, सचमुच मुसहरी टोला में विकास होना शुरू हो गया है।  बिहार में जर्जर रोड की चर्चा करने के दरम्यान  लोग उपहास के क्रम में कहते हैं कि ओमप्रकाश की चिपके गाल की तरह सड़क को हेमा की गाल  सड़क को बना देंगे। आप यकीन माने इसी तरह से हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आसन्न आगमन को देखते हुए मुख्य मार्ग को शानदार ढंग से बनाया जा रहा है। यह सब अधिकारी मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए ही कर रहे हैं। अधिकारी कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहते हैं ताकि मुख्यमंत्री के निशाने पर जाए। इससे बचने के लिए  सभी अधिकारियों के सिर पर भूत सवार हो गया है किसी भी तरह से बिहटा प्रखंड के महादलित मुसहर टोला चिरैयाटांड़ को  मॉडल गांव बना सके।
बाबू, यहां पर रहते 150 साल हो गया हैः

यहां के बद्री मांझी का कहना है कि हम लोग कई पुश्त से रहते हैं। मुसहरी का रकवा 2 एकड़ है। इतने ही में 114 परिवार रहते हैं। जनसंख्या 401 है। यहां पर राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम, ग्रामीण भूमिहीन नियोजन गारंटी कार्यक्रम और अब इन्दिरा आवास योजना से मकान बनाया जा रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम के तहत खप्परैल घर बनाया गया था। जो जर्जर होकर गिर गया है। यही हाल ग्रामीण भूमिहीन नियोजन गारंटी कार्यक्रम से बने मकान का भी है। छत के कुछ हिस्सा टूट कर एक महिला के सर पर गिरने से बीमार हो गयी। उसे किसी तरह से साल भर इलाज करके बचाया गया। अंत में परलोक सिधार गयी। इसके बाद इन्दिरा आवास योजना से मकान बनाया। इसमें सरकार की ओर से 45 हजार रूपए दिया गया। मकान के लिंटर तक तैयार करने के लिए 30 हजार रूपए दिये गये। संजय मांझी और शीला देवी ने मिलकर मकान की छत ढालना लायक तैयारी कर लिये हैं। उसी तरह उसके भाई खेसाड़ी मांझी और उसकी पत्नी लीला देवी भी कर लिये हैं। जामुन मांझी और संगीता देवी और शत्रुध्न मांझी और आशा देवी मकान अधूरा बना सकी हैं। इन लोगों को मकान बनाने के लिए डेढ़ साल पहले तीस हजार रूपए मिले थे। इस राशि में दलाल भी हिस्सेदारी किये थे। अभी तक अधूरा ही मकान रह गया है। इस संदर्भ में बिहटा  प्रखंड की सीओ को कहना है कि डीएम साहब और बीडीओ साहब आये थे सभी को शेष राशि देकर मकान बनवा दिया जाएगा। इस समय इन्दिरा आवास योजना से 70 हजार रूपए स्वीकृत है। 50 हजार रूपए मिले है। 15  दिनों के अंदर मकान तैयार कर लेना है। इसमें 6 हजार दलाल डकार लिया है।
डेढ़ डिसमिल जमीन का परवाना दियाः

हम लोग महादलित राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम, ग्रामीण भूमिहीन नियोजन गारंटी कार्यक्रम और अब इन्दिरा आवास योजना से मकान बनाकर रहते हैं। सभी को डेढ़ डिसमिल जमीन का परवाना दिया गया है। जीतनी देवी कहती हैं कि जन संगठन एकता परिषद के द्वारा आयोजित सत्याग्रह में भाग लेने का परिणाम सामने रहा है। मगर सरकार ने लगभग ढंग ही ली है। अखबारों में तीन डिसमिल जमीन देने की बात लिखी गयी है। इसका मतलब चिरैयाटांड़ मुसहरी टोला में बनाये गये आवास से नहीं है। कोई नयी जमीन दी गयी है। हां जी, मुख्यमंत्री जी के महादलित टोला में आगमन की घोषणा के बाद ही यहां पर विकास का द्वार खोल दिया गया है। दनादन अधिकारी आकर विकास की पोटली खोलने लगे। अनुमंडल कार्यालय,दानापुर, गृह योजना अन्तर्गत गैर मजरूआ आम भूमि की बन्दोबस्ती का पर्चा दे दिये हैं। सरकार ने 103 लोगों को परवाना निर्गत किया है। गौरतलब है कि सरकार ने किसी तरह की जमीन निर्गत करते समय पत्नी और पति के नाम से संयुक्त पर्चा देने की घोषणा करती है। मगर इसका पालन अधिकारियों ने नहीं किया है। निर्गत 103  में पति के नाम से 94 लोगों, 2 को बेनाम और  विधवाओं के नाम से परवाना दिया गया है। अलबता पत्नी और पति के संयुक्त फोटो लेकर परवाना में चिपका दिया गया है।
आदमी तो आदमी भगवान के लिए भी जगह नहीं हैः

हुजूर, महादलित टोला का यह हाल है कि आदमी तो आदमी भगवान को शरण देने के लिए भी जगह नहीं है। इस महादलित टोला में एक घर में पांच से अधिक परिवार हम साथ-साथ कह कर रहते हैं। रात्रि पहर काफी दिक्कत से सोते हैं। घर के चार परिवार चार कोना में दुबक जाते हैं। और पांचवां परिवार घर के बीच में ही सो जाता है। आप सहज अनुमान लगा सकते हैं कि किस हालात में मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। घर में जगह नहीं रहने के कारण जगदम्बा देवी को सीढ़ी के नीचे कुछ जगह खाली कर देवी स्थान बना दिया गया है। वहीं पर लोग सिर झुकाकर नमन किया करते हैं। यहां की जनसंख्या के आलोक में सर्वें करने की जरूरत है। इसके बाद महादलितों को अन्य जगह में ले जाकर बसाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री जी मेरे मुसहरी में भी आनाः

बिहटा प्रखंड के चिरैयाटांड़ महादलित टोला को मॉडल के रूप में चयनित करके विकास का द्वार खोलने से अन्य मुसहरी के लोगों में बैचेनी बढ़ गयी है। अब सभी लोग कहने लगे हैं कि मुख्यमंत्री जी मेरे मुसहरी में भी आना। चिरैयाटांड़ मुसहरी में 103 महादलितों के बीच में तीन-तीन डिसमिल जमीन का पर्चा बांटा गया। वास्तव में महादलितों को डेढ़ डिसमिल का ही परवाना दिया गया है। मॉडल महादलित टोला बनाने में उपयोगी सभी आवश्यक कार्यों का निरीक्षण किया जा रहा है।  अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। इसमें मनरेगा से नाली और सड़क निर्माण किया जा रहा है। यहां पर आंगनबाड़ी केन्द्र और प्राथमिक विघालय सहित कई अन्य जरूरी कार्य भी किया जाएगा। अभी युद्धस्तर पर सामाजिक सुरक्षा पेंशन, 103 महादलितों को पर्चा दिया गया, डाक्टर,नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी दवा-दारू वितरण कर रहे हैं, आशा, सेविका और अन्य महिलाकर्मी के द्वारा परिवार सीमित करने के लिए निरोध बांटा जा रहा है , मनरेगा के तहत नाली और गली में सोलिंग कार्य हो रहा है। कार्यरत श्रमिकों को नकद 200 रू. थमाया जा रहा है। विकास मित्र के द्वारा रोजगार करने के लिए सूची तैयार किया जा रहा है। महादलित आजीविका को ध्यान में रखकर बकरी,सूअर, गाय, भैंस पालन आदि के लिए अनुदान सह ऋण के तहत नाम लिखवा रहे हैं। पर के लिए आश्वासन भी बांटे
 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार झंडोत्तोलन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे:

इस समय राजधानी में बैठे अधिकारियों का कार्य बढ़ गया है। आला अधिकारियों में राज्य अनुसूचित जाति आयोग के सचिव एसएन, डीएम एन सरवन, दानापुर एसडीओ अवनीश कुमार सिंह, डीएसपी सुशांत कुमार सरोज, बीडीओ नरेन्द्र प्रसाद सहित कई अधिकारी जोरदार कार्य कर रहे हैं। इनसे निवेदन होगा कि नाच बगीचा मुसहरी, नासरीगंज मुसहरी, कौथवा मुसहरी, शिवालापर, नरगदा, जमसौता आदि मुसहरी पर भी ध्यान दिया जाए। इन महादलितों के साथ भी न्याय किया जाए।
आलोक कुमार