Saturday 28 September 2013

महादलित ने अबतक 81 हजार रूपए झोक दिये

ट्रक से टक्कर खाकर गड्ढे में गिरे महादलित की आंख की रोशनी में सुधार नहीं



 फतेहपुर। महादलित मुसहर समुदाय के अमर कुमार भारती हैं। अपने कार्यक्षेत्र गया जिले से फतेहपुर प्रखंड से घर नालंदा जा रहे थे। घर जाते समय ट्रक से मोटर साइकिल के बीच में टक्कर हो गयी। इस पर सवार दो व्यक्ति मोटर साइकिल समेत गड्ढे में जा गिरे। अमर कुमार भारती मोटर साइकिल चला रहे थे। अमर को हेलमेट से चोट लग गयी। दाहिनी आंख से थोड़ी ऊपर चोट लगी। चोट लगे जख्म से रक्त स्त्राव होने लगा। किसी तरह से उठाकर मूर्छित हो गये अमर को बिहारशरीफ स्थित किसी चिकित्सक से दिखाया गया। चिकित्सक ने स्थिति की गंभीरता को भापकर पीएमसीएच रेफर कर दिया।
फिलवक्त अमर कुमार भारती वाटर एड के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति में स्वच्छता विशेषज्ञ सह प्रशिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। इनको फतेहपुर प्रखंड में स्थित कई पंचायतों में कार्य करना होता है। नेपाल से लौटकर आने के बाद स्वच्छता विशेषज्ञ सह प्रशिक्षक अमर कुमार भारती ने बताया कि 19 फरवरी, 2013 को गया से नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड के रामपुर पंचायत के मोहिउद्दीन गांव जा रहे थे। शाम के समय में ट्रक लहरिया कट मारकर रोड की बायीं ओर गया। ऐसा करने से ट्रक और मोटर साइकिल की बीच में हल्की टक्कर लग गयी। टक्कर लगने से गड्ढा में फेंका गए। मेरे जीजाजी जोगिन्दर मांझी को हल्की चोट लगी। यहां से उठाकर बिहार शरीफ के किसी चिकित्सक के पास ले गया। वहां के चिकित्सक ने पीएमसीएच में रेफर कर दिया। यहां पर 17 दिन रहे। 55 हजार रूपए व्यय कर दिये। इसके बाद बीच-बीच में पटना के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा.अरविन्द अखौरी और गया के गोल्ड मेड्लिस्ट डाक्टर अभय सिम्हा से दिखाया। डा. अखौरी को 14 हजार और डाक्टर अभय को 7 रूपए व्यय कर दिये।
उन्होंने आगे बताया कि आंख की रोशनी में सुधार नहीं हो से नेपाल चले गये। यहां विराट आई हॉस्पिटल है। जो पुलिस ट्रेनिंग सेन्टर के निकट रानी,विराटनगर में है। यहां पर 12 हजार रूपए खर्च किया गया। इस समय दाहिनी आंख की 60 प्रतिशत रोशनी गायब हो गयी है। चिकित्सकों का कहना है कि आंख की नस सूख गयी है। इसके कारण आंख की रोशनी चली गयी है।
पटना में महादलित मुसहर समुदाय के अर्जुन मांझी रहते हैं। उनकी बेटी को आंख से दिखायी नहीं देती है। मां-बाप ने सुमन कुमारी को  इंसेफ्लाटिस बीमारी के मुंह से निकालने में सफल हो गए। मगर अनमोल आंख की रोषनी लौटाने में असमर्थ हो रहे हैं। रकम नहीं रहने के कारण आंख का ऑपरेशन करवाने में अक्षम साबित हो रहे हैं। सुमन कुमारी की दोनों आंख की रोशनी गायब हो गयी है। अभी कौन बनेगा सप्त करोड़पति के खेल में आये थे। उनकी बेटी की भी आंख की रोशनी चली गयी। रकम के अभाव में बेटी का ऑपरेशन नहीं करवा पा रहे थे। यहां पर एक करोड़ जीत गये। महानायक अभिताभ बच्चन से वंदा ने कहा कि अब मेरी बेटी देख पायेगी। विदेश में जाकर इलाज कराएंगे। अब यह सवाल उठता है कि इन दोनों महादलितों के पास कहां से राशि आएगी जिससे विदेश जाकर इलाज कराकर आंख की रोशनी वापस ला सके।

आलोक कुमार