Thursday 10 October 2013

कई दिनों से जहानाबाद स्टेशन पर नौजवान पड़ा हुआ है




पटना रेलवे जंक्शन पर पानी के लिए हाहाकार

बॉगी के अंदर गंदगी का अम्बार



पटना। अभी-अभी रेल किराये में वृद्धि की गयी है। रेल मंत्री रेलवे सफर मंहगा कर रहे हैं। उनके द्वारा उस अनुपात में यात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी जा रही है। प्लेट फार्म के नलों से पानी गिरता नहीं है। रेल के अंदर गंदगी का अम्बार है। यह कहना अतिशोक्ति नहीं होगी कि पूर्व मध्य रेलवे पटरी से उतर गया है।

पटना-गया रूट पर सवारी गाड़ी में शोचालय को बंद कर दिया गया है। सिंक में गंदगी भर दिया गया है। जब दानापुर डीआरएम निरीक्षण करने आते हैं तब क्षण-क्षण में सफाई कर दी जाती है। उनके प्रस्थान करते ही गंदगी का बोलबाला हो जाता है। डीआरएम महोदय को चाहिए कि बोगी के अंदर में जाकर देखे कि स्थिति क्या है। अंदर जाने से हकीकत का अंदाजा लग सकता है। उम्मीद की जाती है कि महोदय सवारी वाली गाड़ी का मुआयना करेंगे।

केवल आज ही नहीं अधिकांश समय पटना रेलवे जंक्शन के नलों से पानी गिरता ही नहीं है। इस हाल से यात्री बेहाल हो जाते हैं। यहां के नलों से पानी नहीं गिरने से घर से बोतल में लाये पानी का इस्तेमाल करते हैं। अगर घर से पानी नहीं लाये हैं और पानी की जरूरत आन पड़ी है। तो आपको प्लेटफॉम पर सजायी गयी दुकानों से मिनरल वाटर बोटल खरीदना ही पड़ेगा। यह रेलवे और दुकानदारों की मिलीभगत का ही परिणाम है जो आपकी जेब से पैसा निकालने के लिए बनाया गया है।

कई दिनों से एक नौजवान जहानाबाद रेलवे स्टेशन पर पड़ा हुआ है। यहां के कोई रेवले अधिकारी के द्वारा नौजवान के बारे में सोझा नहीं जा रहा है। भूख से विलविलाने से पेट सटक गयी है। अगर नौजवान की मौत हो जाती है। तो निश्चित तौर से भूख से मौत ही होगी। उस हालात में जिला और रेलवे प्रशासन मानने को तैयार नहीं होगा कि उस नौजवान की मौत भूख से हुई है। समय रहते नौजवान की जिदंगी बचाने की जरूरत है। नौजवान का मानवाधिकार भी है। कि वह जीर्वित रहे।

वहीं रेलवे के द्वारा लगातार जानकारी देने के बाद भी लोग ऊपरी पुल का व्यवहार नहीं करते हैं। स्टेशन पर खड़ी गाड़ी के नीचे से आवाजाही करते हैं। अपनी जिदंगी को जोखिम में डाल देते हैं। इसमें केवल पुरूष ही नहीं महिलाएं भी लघु मार्ग को ही अपनाते हैं।

आलोक कुमार