Thursday 24 October 2013

कोई मेरा सुहाग की रक्षा करा दें




घरभरनी देवी के वकील अधिवक्ता विनय कृष्ण ने कहा कि घरभरनी देवी ने अपने पति पर भरण पोशण, मारपीट और जलाने का मामला दर्ज कर रखा है। वहीं सागर दास ने भी फौजदारी मुकदमा ठोंक रखा है। घरभरनी देवी का कहना है कि सुहाग की रक्षा करने में जान की कीमत लगा दी है। इधर-उधर से हाथ मारकर मुकदमा लड़ रही हैं। अब देखना है कि मियां-बीबी की लड़ाई में ऊंट किस तरफ करवट लेता है?

पटना। फिल्मी दुनिया में एक कलाकार गीत गाता है। फिल्मी कलाकार ने नायिका को अपनी ओर  मोहित करने के लिए गीत गाता है। चांदनी मेरी चांदनी बस लिख दिया है तेरा नाम चांदनी। रियल लाइफ में खुद पत्नी ने अपने हाथ में पति का नाम गोदना गोधवा लिया है। फिर भी पति ने अपनी  पत्नी के साथ अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लगाने वाली पर विश्वासघात कर बैठता है। खुद को महिला को पत्नी मानने से इंकार कर देता है और किसी अन्य व्यक्ति को सामने खड़ा करके उक्त महिला का पति करार दे रहा है। वहीं खुद वह किसी महिला के साथ मटरगश्ती करने पर उतारू है।

ऑक्सफैम, वाटर एड और यूके एड के संयुक्त तत्तावधान में दलित महिलाओं पर उत्पीड़न और न्याय व्यवस्था पर जन सुनवाई आयोजित की गयी। गांधी मैदान, पटना के बगल में अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान है। इसी में जन सुनवाई आयोजित की गयी। इस अवसर पर भागलपुर जिले के मोजाहिदपुर थानान्तर्गत अलीगंज के निकट महेशपुर गांव में घरभरनी देवी रहती हैं। घरभरनी की शादी सागर दास से साथ हुई थी। दोनों के हाथ से एक बेटा कार्तिक कुमार और एक बेटी सुनैना देवी है। दुर्भाग्य से कार्तिक कुमार की मौत हो गयी। वहीं सुनैना देवी शादी के बाद श्सुराल में जाकर रहती हैं। इसके बाद घरभरनी देवी और सागर दास के बीच में दीवार खड़ी हो गयी। सागर दास ने बड़ी चालाकी से राह में कांटा बने घरभरनी देवी को मृत करार दिया। बाजाप्ता प्रमाण-पत्र भी बनवा लिया। उसी प्रमाण-पत्र के बल पर सागर दास ने मीना देवी को रखैल कहे अथवा पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। जब सच्चाई सामने आयी तो घरभरनी देवी ने बगावत करनी शुरू कर दी। घरभरनी देवी के भूत से सागर दास परेशान हो उठा। उसने नया नाटक बनाया कि घरभरनी देवी के पतिदेव रघु दास हैं। शादी के बाद हाथ में गोदना गोदवा रखी घरभरनी देवी ने सागर दास के नाटक को झूठलाने के लिए हाथ को दिखाते चलती है। जब घरभरनी देवी ने बायें हाथ में पति सागर दास का नाम से गोदना गोदवायी थी। उसको सागर दास ने गोदना से लिखे स्थान को आग से दागकर साक्ष्य को मिटा पाने में सफल हो गया। इस अत्याचार से घरभरनी देवी सहमी और रूकी उसने दाहिने हाथ में अपने पति सागर दास का नाम लिखवा लिया है। सभी लोगों को सागर दास के कुकर्म को हाथ से दिखाती रहती हैं।
 इस समय सागर दास अपनी पहली पत्नी घरभरनी देवी को त्यागकर द्वितीय पत्नी मीना देवी के साथ रहता है। अभी सागर दास इंडियन बैंक, भागलपुर में कैशियर पद पर कार्यरत हैं। मोटी रकम में हिस्सेदारी की मांग को लेकर घरभरनी देवी प्रयासरत हैं। घरभरनी देवी ने बेवफा बन गये पतिदेव सागर दास पर तीन मुकदमा ठोंक दी है। यह मामला सिविल कोर्ट, भागलपुर में चल रहा है। घरभरनी देवी के वकील अधिवक्ता विनय कृष्ण ने कहा कि घरभरनी देवी ने अपने पति पर भरण पोशण, मारपीट और जलाने का मामला दर्ज कर रखा है। वहीं सागर दास ने भी फौजदारी मुकदमा ठोंक रखा है। घरभरनी देवी का कहना है कि सुहाग की रक्षा करने में जान की कीमत लगा दी है। इधर-उधर से हाथ मारकर मुकदमा लड़ रही हैं। अब देखना है कि मियां-बीबी की लड़ाई में ऊंट किस तरफ करवट लेता है?
 आलोक कुमार