Thursday 24 October 2013

जब पुजारी ने नई नवेली दुल्हन की पिटायी कर दी



बंद मंदिर को खोलकर पूजा करने की कीमत 1000 रू. देने की मांग की गयी। श्रद्धालुओं के द्वारा 100 रू. की पेशकश करने पर पुजारी ने रकम को ठुकरा दिया था। तब जाकर मंदिर के दक्षिण तरफ बाहर में पूजा अर्चना की जा रही थी। इससे पुजारी का अंदर का स्वाभिमान और पोरूषत्व जाग उठा। उसने दुल्हन की पिटायी कर दी। चुनरी से गला दबाकर मारने का प्रयास करने लगा। बीच बचाव करने वालों को भी पिटायी कर दी गयी।

पटना। दलित हरेन्द्र मांझी (जाति दुसाध) और उनकी पत्नी राजकुमारी देवी ने बड़े अरमान से अपने पुत्र राजकुमार मांझी की शादी 7 जून,2013 को शिल्पी देवी के संग की थी। अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेने वाली शिल्पी देवी को महज सात दिन के अंदर ही अपमानित होने पड़ा। जन सुनवाई के समय आपबीती सुनाने के समय असहज महशूस करने लगी और आंखों से आंसू छलहा उठी। अपने श्वसुर के सहयोग से बयान पूर्ण कर सकी।

    ऑक्सफोम इंडिया, वाटर एड और यूके एड ने मिलकर दलित महिलाओं पर उत्पीड़न और न्याय व्यवस्था पर जन सुनवाई आयोजित की थी। यह आयोजन पटना में स्थित अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान में किया गया। इसी अवसर पर जिला छपरा, प्रखंड दिघवाड़ा, पंचायत झउवा और गांव झउवा से आकर नई   नवेली दुल्हन शिल्पी देवी आपबीती बयान कर रही थी। जहां एक दलित होने का दर्द बयान कर रही थी। जहां पुजारी की असली चेहरा को बेनकाब कर रही थी। जहां अपने ऊपर लगाये गये कल्पोलकल्पित एफआईआर के संबंध में जिक्र कर रही थी। क्या है सब माजरा जरा गौर देकर पढ़े और समझे।

 मजदूर वर्ग के दलित हरेन्द्र मांझी (जाति दुसाध) और उनकी पत्नी राजकुमारी देवी ने बड़े अरमान से अपने पुत्र राजकुमार मांझी की शादी 7 जून,2013 को शिल्पी देवी के संग की थी। जब अमिका मां भवानी स्थान में पूजा करने 14 जून को नई नवेली दुल्हन शिल्पी देवी गयी तो पुजारी ने दिन के 1 बजे ही मंदिर बंद होने की बात कहकर पुजारी पूजा करने से वंचित कर दिया। बंद मंदिर को खोलकर पूजा करने की सहुलियत देने की कीमत पुजारी ने एक हजार रू. निर्धारित कर दिया। पूजा करने गयी नई नवेली दुल्हन की सास राजकुमारी देवी ने पुजारी से आरजू मिन्नत करके 100 रू. लेकर पूजा करने का आग्रह की मगर पुजारी का दिल पसीसा नहीं और अपने निर्धारित मांग 1000 पर अड़ा रहा। यह देखकर राजकुमारी देवी ने शिल्पी देवी को बंद मंदिर के दक्षिण तरफ बाहर में भगवान की पूजा करनी शुरू कर दी। यह मंदिर के पुजारी को बर्दाश्त नहीं हुआ और पुजारी ने वास्तविक अमानवीय कदम उठाकर शिल्पी देवी की पिटायी कर थी। पूजा की थाली में लातमार गिरा दिया। इस तरह से अप्रत्याशित मारपिटायी और इस सदमे से प्रभावित होकर शिल्पी को चक्कर आने लगा और बेहोश हो गयी। उसको उठाकर तुरंत दिघवाड़ा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों और परिचारिकाओं के त्वरित कार्रवाई करने के बाद शिल्पी देवी को होश आया।  


दलित हरेन्द्र मांझी की ओर से पुजारी के खिलाफ स्थानीय थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया है। इसमें नई नवेली दुल्हन शिल्पी देवी को मंदिर के अंदर और बाहर में पूजा करने से रोकने, दुल्हन के पति राजकुमार मांझी,सास राजकुमारी देवी आदि की पीटायी के बारे में जिक्र किया गया है। जब पुजारी ने नई नवेली दुल्हन की पिटायी कर दी रने वाले पहले 1 थे और उसके बाद अनेक हो गये। कोई 8 पुजारियों पर मिलकर हादसा का अंजाम देने का आरोप लगाया गया है।

वहीं पुजारी ने भी 16 जून, 2013 को  नई नवेली दुल्हन के साथ अन्य के ऊपर एफआईआर दर्ज कराया है। इसमें प्रतिमा में जड़ा सोने की आंख चुरा लेने का आरोप गढ़ दिया गया है। वास्तविकता यह है कि दिन के 1 बजे मंदिर को बंद कर दिया जाता है। बंद मंदिर को खोलकर पूजा करने की कीमत 1000 रू. देने की मांग की गयी। श्रद्धालुओं के द्वारा 100 रू. की पेशकश करने पर पुजारी ने रकम को ठुकरा दिया था। तब जाकर मंदिर के दक्षिण तरफ बाहर में पूजा अर्चना की जा रही थी। इससे पुजारी का अंदर का स्वाभिमान और पोरूषत्व जाग उठा। उसने दुल्हन की पिटायी कर दी। चुनरी से गला दबाकर मारने का प्रयास करने लगा। बीच बचाव करने वालों को भी पिटायी कर दी गयी।

Alok Kumar