Tuesday 29 October 2013

आतंकवादियों के कारण तबाह होने वाले बोधगया के दुकानदारों ने सवाल किया






मुख्यमंत्री पश्चाताप करके महाबोधि मंदिर परिसर से हटाये गये दुकानदारों को दुकान सजाने की व्यवस्था करेंगे? यह सवाल महाबोधि मंदिर के आसपास के लोगों का है। जिनके अभिभावक दुकान सजाते थे। इसी दुकान से जीवन चल पा रहा था।

बोधगया। ऐतिहासिक गांधी मैदान के आसपास बम बराबद होने की खबर है। इससे जाहिर होता है। आतंकवादी पूरी तैयारी से आये थे। मगर अपने मकसद में सफल नहीं हो सकें। पटना जंक्शन के प्लेटफॉम नम्बर 10 पर बम ब्लास्ट हो जाने से समीकरण ठीक से नहीं बैठ सका। जिस उम्मीद से आतंकवादी आंतक फैलाना चाहते थे। उसमें कामयाब नहीं हो सकें।

खैर,अभी भी बम बरामद हो ही रहा है। देखना है कि कब यह मामला शांत हो पाता है? वहीं अब महाबोधि मंदिर में सीरियल ब्लास्ट करने से परेशान दुकानदार मुखर होने लगे हैं। उनका कहना है कि सीरियल ब्लास्ट के आलोक में महाबोधि मंदिर के परिसर में दुकान सजाने वालों को हटाकर लम्बी-चौड़ी चहारदीवारी खड़ा कर दी गयी है। इसके कारण दुकान से आजीविका चलाने वाले लोग सड़क पर गये हैं।

बिहार के गौरवशाली महाबोधि मंदिर के परिसर में दुकान सजाने वालों को सीरियल ब्लास्ट के बाद परिसर में दुकान सजाने की मनाही कर दी गयी थी। इसके कारण सड़क पर गए हैं। अब पटना जंक्शन और ऐतिहासिक गांधी मैदान में सीरियल ब्लास्ट की गयी है। अब मुख्यमंत्री पटना जंक्शन और गांधी मैदान के दुकानदारों को हटाकर लम्बी-ऊंची चहारदीवारी उठाने की घोषणा करते हैं।
 मियां बिगहा की श्रीमती माला श्री का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महाबोधि मंदिर के व्यवस्थापकों के दबाव में गये। इसके कारण मंदिर के व्यवस्थापकों की मनोकामना पूर्ण हो गयी। ये लोग चाहते ही थे कि स्थानीय लोगों के चंगुल से महाबोधि मंदिर मुक्त हो। बस आतंकवादी कारमाने से मंदिर व्यवस्थापकों को मौका मिल गया। लगे हाथ सभी दुकानदारों को मंदिर परिसर से खदेड़कर चहारदीवारी कर दी गयी। आज सभी दुकानदारों की माली हालत खस्ता हो गयी है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गया जिले के लोग सवाल पूछ रहे हैं। जिनको महाबोधि मंदिर में सीरियल ब्लास्ट के मंदिर के परिसर में दुकान सजाने पर मनाही कर दी गयी थी। कि महाशय जवाब दें कि पटना जंक्शन और गांधी मैदान की लम्बी-ऊंची चहारदीवारी कब बनाने की घोषणा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पश्चाताप करके महाबोधि मंदिर परिसर से हटाये गये दुकानदारों को दुकान सजाने की व्यवस्था करेंगे? यह सवाल महाबोधि मंदिर के आसपास के लोगों का है। जिनके अभिभावक दुकान सजाते थे। इसी दुकान से जीवन चल पा रहा था।


आलोक कुमार