जंगल राज
कामय नहीं होने
के लिए अपमानित
होना बेहतर समझा
चुनाव के समय
अधिक सीट पाने
के बाद भी
मुख्यमंत्री पद त्यागा
बीजेपी ने
पटना।
देश के भावी
प्रधानमंत्री की कतार
में खड़े नरेन्द्र
मोदी ने रविवार
को गरीब अल्पसंख्यक
मुसलमानों और बहुसंख्यक
हिन्दुओं का आह्वान
किया कि दोनों
मिलकर गरीबी के
खिलाफ कमर कसकर
मैदान में उतरे।
जो शख्स कोटि
कोटि जनों के
साथ विश्वासघात करता
है उनको चुन
चुनकर उखाड़ फेंकने
को तैयार रहने
पर बल दिया।
सूबे के मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार के
गढ़ में हेलकर
गुजरात के मुख्यमंत्री
और भाजपा के
प्रधानमंत्री के उम्मीदवार
नरेन्द्र मोदी ने
कहा कि बिहार
के विकास में
बीजेपी मंत्रियों का महत्वपूर्ण
योगदान रहा है।
उनके हटते ही
बिहार जंगल राज
की ओर अग्रसर
है। फिर से
जंगल राज कायम
न हो इसके
लिए अपमानित भी
होना पड़ा। इसको
सहर्ष ढंग से
सह लिया। उसी
तरह बिहार के
मित्र भी किया
करते हैं। एक
नहीं दो बार
भी मुख्यमंत्री की
कुर्सी को ठुकरा
कर अपने मित्र
को मुख्यमंत्री का
पद सौंप दिया
गया।
ऐतिहासिक गांधी मैदान में
आयोजित हुंकार रैली में
भाजपा के प्रधानमंत्री
के उम्मीदवार नरेन्द्र
मोदी जमकर खबर
ली। उसने मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार का
नाम तो नहीं
लिये। आपके मुख्यमंत्री
हमारे मित्र ही
कहकर संबोधित किया।
उसने कहा कि
लोहिया की पीठ
में खंजर भोका
और लोकतंत्र के
प्रहरी जयप्रकाश को भी
छोड़ दिये और
अब बीजेपी को
छोड़ दिये हैं।
नीतीश कुमार के
साथ यारी के
समय के बारे
में जिक्र किया
कि 2006-07 में आपके
मुख्यमंत्री,हमारे मित्र गुजरात
आए थे। तो
एक शादी में
आए थे। एक
मेज पर खाना
खा रहे थे।
हमारे मेहमान थे।
हमने उनको जमकर
खाना खिलाया। ढोकले,खमन,गुजराती
कढ़ी, हर प्रकार
की मिठाई। इतना
गौरव हुआ था
कि उनका पेट
भी भर गया
और मन भी।
यही इस देश
की संस्कृति है।
हमने मन से
खिलाया था। वहीं
नहीं मित्रों सार्वजनिक
जीवन के उसूल
होते हैं। आपने
देखा होगा कि
हमारे लालू जी
मुझे गाली देने
में कभी मौका
नहीं छोड़ते। वो
हमेशा कहते थे
कि कभी भी
मोदी को पीएम
नहीं बनने दूंगा। लेकिन
तीन महीने पहले
लालू जी को
अकस्मात हुआ है।
एक्सिडेंट हुआ। हमारे
मित्र रूडी जी
ने बताया। मैंने
उसी वक्त लालूजी
को फोन किया
और उनकी खबर
ली। हालचाल
पूछा। मैंने मीडिया
को नहीं बताया।
लेकिन मैं हैरान
था। लालू जी
ने मीडिया को
बुलाया और कहा
कि देखिए गुजरात
का मुख्यमंत्री। इतनी
गाली देता हूं।
फिर भी एक्सिडेंट
के बाद मेरी
खबर पूछता है।
मैंने
कहा लालू जी,
यदुवंश के राजा
श्री कृष्ण भगवान
हमारे गुजरात के
द्वारका में बसे
थे। यदुवंश से
हमारा नाता ह।
गुजरात द्वारका आपकी धरती
है। हम
में प्रेम जगना
स्वाभाविक है। भाइयों,
मैं यदुवंश से
जुड़े सभी भाइयों
बहनों को कहना
चाहता हूं, कृष्ण
भगवान के वंशजों
को कहना चाहता
हूं। मैं
द्वारका नगरी से
कृष्ण भगवान का
आशीर्वाद लेकर आया
हूं। आपकी चिंता
मैं करूंगा ये
मेरा वादा है।
कभी
कभी साल में
दो बार, हमारे
यहां मुख्यमंत्रियों की
मीटिंग होती है।
पीएम उस मीटिंग
को बुलाते हैं।
उसमें दोपहर का
लंच भी उन्हीं
की तरफ से
होता है। पीएम
की टेबल पर
पांच छह सीएम
बैठते हैं साथ।
एक साल पहले
की बात है
कि पीएम की
टेबल पर हम
और हमारे बिहार
के मित्र मुख्यमंत्री
एक ही टेबल
पर आ गए।
भोजन परोसा जा
रहा था, मगर
वह खाना नहीं
खा रहे थे।
इधर उधर देख
रहे थे। मैं
पीएम को देखूं।
उनके सामने देखूं।
परेशान कि बात
क्या है? फिर
समझ आया। मैंने
मेरे मित्र को
कहा। चिंता मत
करो। कोई कैमरे
वाला नहीं है।
खा लो। हिप्पोक्रेसी
की भी सीमा
होती है।
उसके
बाद, जब मैं
कहता हूं कि
किसी भी हालत
में बिहार को
जंगलराज से बचाना
था। उसके बाद
गठबंधन की सरकार
बनी। आज मैं
देश के अर्थशास्त्रियों,
पॉलिटिकल पंडितों का आह्रावन
करता हूं। जितनी
देर जेडीयू भाजपा
सरकार चली, अगर
किसी ने अच्छे
से अच्छे काम
किए, विकास यात्रा
आगे बढ़ाई, तो
भाजपा के मंत्रियों
ने। बिहार के
सुधार की जो
खबरें आने लगी
थीं, वे भी
बीजेपी के मंत्रियों
और विधायकों का
संकल्प था, उसी
के कारण हुआ
था। उसके बावजूद
भी। एक बार
सवाल आया। दो दो
चुनाव हुए। पार्टी के सामने
विषय था। गुजरात
से नरेंद्र मोदी
को चुनाव प्रचार
में लाया जाए।
मीडिया ने भी
बड़ा विषय उछाल
दिया था। हमारे
बिहार के नेता,
उनका मुझ पर
इतना प्यार था।
वे मुझे बुलाने
के लिए इतना
आतुर थे। तब
मैंने सुशील जी
को, नंदकिशोर जी
को कहा था।
मुझे बुलाने का
आग्रह मत करिए। हमारा
मकसद बस एक
है कि बिहार
में जंगलराज न
होने दो। मोदी
अपमानित होता है
तो होने दो।
नरेंद्र मोदी बिहार
के बाहर रहता
है तो रहने
दो। बिहार में
जंगलराज नहीं आना
चाहिए। हमारे लिए दल
से बढ़कर देश
होता है।
इसीलिए
मेरी पार्टी के
लाखों कार्यकर्ताओं की
इच्छा के बावजूद
मैंने जंगलराज न
आए। इसलिए अपमान
सहन किया। लेकिन
उनका इरादा नेक
नहीं था। ये
हमारे मित्र को
चेले चपाटों ने
कह दिया। कांग्रेस के साथ
जुड़ जाओ। प्रधानमंत्री
बनने का अवसर
है। ख्वाब देखने
लगे और उन्होंने
विश्वासघात भाजपा से नहीं
किया है। विश्वासघात
बिहार के कोटि
कोटि जनों से
किया है। ये
विश्वासघात आपके साथ
है।
आपसे
पूछना चाहता हूं
कि क्या ये
विश्वासघात है? (भीड़
चीखती है हां.)
विश्वासघात करने वालों
को आप सजा
दोगे? साफ कर
दोगे (भीड़ फिर
हामी भरती है.)
चंपारण में गांधी
जी ने अंग्रेज
मुक्त हिंदुस्तान की
बात की थी।
आज गांधी मैदान
से बिगुल बजना
चाहिए कि कांग्रेस
मुक्त भारत का
हिंदुस्तान का सपना
साकार हो।
कल
रात मैं टीवी
देख रहा था।
कांग्रेस के मित्र
परेशान हैं। मोदी
शहजादा क्यों कह रहे
हैं। ये नौबत
क्यों आई है।
अगर मैं शहजादे
कहता हूं तो
आपको बुरा लगता
है, तो इस
देश को भी
इस वंशवाद से
बुरा लगता है।
कांग्रेस वादा करे,
वह वंशवाद छोड़
देगी। मैं शहजादा
कहना छोड़ दूंगा।
जेपी
लोकतंत्र के लिए
जिए, जूझते रहे,
उसके लिए जेल
में जिंदगी गुजारने
को तैयार रहे।
लोकतंत्र के चार
दुश्मन होते हैं।
एक दुश्मन है।
परिवारवाद, वंशवाद, जातिवाद का
जहर, सत्ता का
भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता
(परिवारवाद, सम्प्रदायवाद, अवसरवाद, जातिवाद ) ।
देश का दुर्भाग्य
है मित्रों कि
आज बिहार की
राजनीति में ये
सभी दुश्मन उभर
कर सामने आ
रहे हैं।
भारत
सरकार, यूपीए सरकार के
दस साल पूरे
होने जा रहे
हैं। मैं पूछना
चाहता हूं। जब
पिछली बार चुनाव
में कांग्रेस के
नेता आए थे।
उन्होंने कहा था
कि 100 दिन में
महंगाई हटाएंगे। कांग्रेस ने
वादा किया था।
जरा जोर से
जवाब दो। महंगाई
हटी। महंगाई घटी।
महंगाई बढ़ी...
भाइयों
जिस कांग्रेस ने
आपके साथ वादाखिलाफी
की। आज दस
साल हो गए।
वे दिल्ली के
तख्त पर बैठे
हैं। क्या उन्हें
घर भेजने की
नौबत आई है।
क्या आप उनको
विदा करोगे। आज
मैं सार्वजनिक रूप
से आह्वान करता
हूं। आपने 2004 में
2009 में सरकार बनाई। कॉमन
एजेंडा के तहत
आपने देश की
भलाई के लिए
बात कही थी।
पहले सौ दिन
में जो काम
करने को कहे
थे, उसके भी
अस्सी फीसदी नहीं
किए। ऐसे लोगों
को माफ करना
चाहिए क्या।
ये
कांग्रेस ने सत्ता
पाते ही कहा
था कि गंगा
की सफाई करेंगे।
आज पूरा गंगा
का पट देख
लीजिए। एक प्रकार
से बीमारियों का
गढ़ बनाकर रख
दिया है। क्या
हमारी प्राण प्रिय
गंगा साफ होनी
चाहिए कि नहीं?
कांग्रेस को ये
वादा पूरा करना
चाहिए था कि
नहीं। मेरे
नौजवान दोस्तों, ये कांग्रेस
ने कहा था
कि वे सत्ता
में आएंगे और
नौजवानों को रोजगार
देंगे। वो तो
दिया नहीं, महंगाई
बढ़ा दी।
आज
गरीब के घर
चूल्हा नहीं जलता।
बच्चे रात रात
रोते हैं। मां
आंसू पीकर सुलाती
है। ये पाप
किसका है? क्या
गरीब की थाली
में रोटी नहीं
होनी चाहिए? भाइयों
बहनों, मेरा किसान
आज महंगाई की
मार से वो
भी मर रहा
है। जिस तरह
से खाद की
कीमतें बढ़ रही
हैं । और
ये सरकार देखिए
। किसान को
खाद मिल नहीं
रहा है ।
लेकिन आपके बरौनी
में खाद का
जो कारखाना लगा
है, उस पर
ताले लगे हुए
हैं । देश
को नुकसान हो
रहा है ।
लेकिन ये दिल्ली
की सरकार ।
इसे न किसान
की परवाह है,
न गरीब की
परवाह है ।
भाइयों बहनों, हिंदुस्तान
में गरीबों की
भलाई के लिए
एक बीस सूत्री
प्रोग्राम चलता है
। हर सरकार
उसे लागू करती
है । और
भारत सरकार हर
छह महीने में
उसका लेखा जोखा
लेती है ।
और उसका रिपोर्ट
प्रकट करती है
। उसको लागू
करने वाले पहले
पांच स्थान पर
राज्य भाजपा शासित
राज्य हैं ।
लेकिन बिहार का
नंबर । ये
हमारे मित्र गरीबों
की बातें करते
हैं । बीसवें नंबर पर
खड़ा है ।
ये गरीबों के
नाम पर रोटी
सेंकने वाले लोग
। मजाक बना
रखा है ।
जिस प्लानिंग कमीशन
के अध्यक्ष पीएम
हैं । वह
कहता है कि
अगर आपकी घर
की आय दिन
भर की 26 रुपये
है । वह
गरीब नहीं है
। क्या
आप सहमत हैं
। अरे 26 रुपये
में परिवार को
चाय नहीं मिलती
। उनका
एक नेता कहता
है कि पांच
रुपये में खाना
मिल जाता है
। इन्हें गरीबी
और भूख का
पता नहीं है
। इन्होंने गरीबी
नहीं देखी ।
हमने गरीबी देखी
है । उसमें पैदा हुए
हैं । जिया है
।
मित्रों
बिहार ने ढेर
सारे रेल मंत्री
दिए । भाइयों
बहनों मैं रेल
मंत्री सोच भी
नहीं सकता हूं
। मैं तो
रेलवे के डिब्बे
में चाय बेचते
यहां आया ।
और चाय बेचने
वाले को रेल
की मुसीबतों का
जितना पता होता
है, उतना रेल
मंत्री को भी
नहीं पता होता
। टीटी को
संभालना पड़ता, गार्ड को
संभालना पड़ता ट्रेन
में कैसे भी
करके चढ़ना पड़ता.
मैंने सब संभाला
है ।ये लोग
गरीबी की बात
कर रहा हूं
। हिंदुस्तान की
सीमा पर मेरे
बिहार के जमीन
वतन की रक्षा
कर रहे थे।
पाकिस्तानियों ने उन्हें
मौत के घाट
उतार दिया। वे
शहीद हुए. हिंदुस्तान
का हर बच्चा,
शहीदों के लिए
गौरवगान करता है। प्रेरणा
लेता है। लेकिन
यहां एक ऐसी
सरकार बैठी है।
जिसका मंत्री कहता
है कि सेना
में तो मरने
के लिए ही
जाना जाता हो। डूब
मरो मेरी सेना
का अपमान करने
वाले।
अरे
दुश्मन जो सेना
के जवानों को
मारते हैं, उनके
खिलाफ आवाज उठनी
चाहिए और आप
कह रहे हो
कि वो सेना
में मरने के
लिए जाते हैं।
बिहार के मेरे
भाइयों। अपमान सहन करोगे।
नहीं होने का
शोर होने लगा।
इनको हमेशा के
लिए ऐसा सबक
सिखाओ कि कभी
आने वाले समय
में अपमान करने
की हिम्मत न
जुटा सकें। देश
आज परिवर्तन चाहता
है। चारों तरफ
से हम पर
कीचड़ उछाला जा
रहा है। कोई बाकी
नहीं रहा। पूरे देश
में ऐसा माहौल
बनाया गया है। लेकिन
इनको मैं कह
रहा हूं कि
जितना ज्यादा कीचड़
उछालोगे, कमल उतना
ही खिलेगा। इसलिए आपसे
अनुरोध कहने आ
रहा हूं कि
आज एक नए
संकल्प के साथ
लोग कहते हैं
कि आज यहां
पर ऐतिहासिक रैली
हुई है। मैं
कहता हूं कि
ये सिर्फ ऐतिहासिक
रैली नहीं है। ये
नए इतिहास की
नींव रखने वाली
घटना है। और
उसी घटना को
लेकर हम जब
आगे पढ़ रहे
हैं। नए
उमंग और उत्साह
के साथ। भारत के
भाग्य को बदलने
के लिए हम
आगे बढ़ें। आप सबका
मैं बहुत बहुंत
आभारी हू।
बिहार
की बीजेपी ने
दिल्ली सरकार से पचास
हजार करोड़ का
पैकेज मांगा है। ये
मांग पूरी होनी
चाहिए। आप लिखकर
रखिए, अगर दिल्ली
जीत ली हमने,
तो 200 दिन का
सवाल है। जो प्यार
बिहार ने हमें
दिया है। जो
पलक पांवडे बिछाकर
स्वागत किया है। मित्रों
मेरे जीवन में
कभी ऐसा सौभाग्य
नहीं मिला। मैं
आपके प्यार को
ब्याज समेत चुकाऊंगा। हमारा
मंत्र है विकास।
सारी समस्याओं का
समाधान है। जो
लोग मुसलमानों की
बात करते हैं।
उनको भी कहना
चाहता हूं। मेरे
मुसलमान भाई हज
यात्रा के लिए
जाते हैं। हर
एक राज्य का
कोटा तय हुआ। गुजरात
के मुसलमानों के
लिए कोटा है
चार हजार आठ
सौ का। बिहार के लिए
सात हजार पांच सौ से कुछ
ज्यादा। बिहार
में ये जो
सांप्रदायिक सदभाव की बातें
कर रहे हैं। बिहार
का कोटा है
सात हजार पांच
सौ का, जाने
वालों की एप्लिकेशन
आती हैं सिर्फ
छह हजार। क्यों
क्योंकि बिहार के गरीब
मुसलमान के पास
पैसे नहीं हैं।
जाएगा कैसे। और
गुजरात में हज
का कोटा साढ़े
चार हजार है।
लेकिन अर्जी आती
है चालीस हजार
की। ये
क्यों आती हैं?
क्योंकि वहां का
मुसलमान सुखी है।
गुजरात
में कच्छ औऱ
भरूच का जिला,
जहां सबसे ज्यादा
मुसलमानों की सबसे
ज्यादा आबादी है। अगर
पूरे गुजरात में
किसी जिले की
सबसे ज्यादा प्रगति
हो रही है,
तो वह इन्हीं
दोनों जिलों की
हो रही है।
ये लोगों के
हाथ में हमारे
विरोधी धूल झोंक
रहे हैं। मैं
गरीब मुसलमानों से।
मैं गरीब हिंदू
भाइयों से पूछ
रहे हैं। मेरा
गरीब हिंदू भाई
बताए कि आपको
मुसलमानों के खिलाफ
लड़ना है। या
गरीबी के खिलाफ? (भीड़
गरीबी के खिलाफ)
मैं गरीब मुसलमान
से पूछना चाहता
हूं कि आपको
हिंदू के खिलाफ
लड़ना है। या
गरीबी के खिलाफ
(भीड़ गरीबी के
खिलाफ) आओ हम
दोनों मिलकर गरीबी
के खिलाफ लड़ाएं।
आज
ये देश को
उल्टी सलाह दे
रहे हैं। मैं
आपको वादा करने
आया हूं। मैं
कहने आया हूं।
हमारी सरकार का
एक ही मजहब
है और ये
मजहब है इंडिया
फर्स्ट। नेशन फर्स्ट।
भारत सबसे आगे।
सरकार की एक
ही भक्ति है,
भारत भक्ति, एक
ही शक्ति है। सवा
अरब लोगों की
शक्ति। इसी
मंत्र के साथ
आगे बढ़ना है।
मेरे
साथ दोनों मुट्ठी
बंद कर पूरी
ताकत से बोलिए।
भारत माता की
जय...पूरा हिंदुस्तान
आपको देख रहा
है। बोलिए वंदे
मातरम। मेरी एक
छोटी सी प्रार्थना
है। आप
यहां से जाएंगे।
कोई जल्दबाजी नहीं
करेगा। गांव तक
सलामत जाएँगे। किसी
कार्यकर्ता को नुकसान
नहीं पहुंचना चाहिए। शांति
से जाओगे। जल्दबाजी
नहीं करोगे, और
दूसरी बात हमें
शांति और एकता
को बनाए रखना
है। किसी भी
हाल में शांति
पर चोट नहीं
आनी चाहिए। हिंदुस्तान में कहीं
भी शांति पर
चोट नहीं आनी
चाहिए। ये संकल्प
लेकर जाइए। पूरी
ताकत से बोलिए...वंदे मातरम।
आलोक
कुमार