Saturday 19 October 2013

पेंशन पुत्री और दामाद पर आश्रित जिंदगी



दानापुर। जमसौत ग्राम पंचायतान्तर्गत जमसौत मुसहरी में चनारिक मांझी (80 साल) और उनकी पत्नी सकलवासी देवी (70 साल) की जिंदगी पेंशन,पुत्री और दामाद पर जाकर आश्रित हो गयी है। इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा पेंशन चनारिक मांझी को मिलता है। सकलवासी देवी को नहीं मिलता है। अपनी पुत्री लालमति देवी और दामाद विट्टेश्वर सौरभ पर चनारिक मांझी और सकलवासी देवी की जिंदगी थम गयी है। दुखद बात यह है कि कुछ माह पूर्व चनारिक मांझी की पुत्री लालमति देवी की सड़क दुघर्टना में घायल हो गयी है। इसके इलाज में काफी रकम खर्च हो रहा है। पति विट्टेश्वर सौरभ और पत्नी लालमति देवी राज्यकर्मी हैं। दोनों को हालफिलहाल में मानदेय पर नौकरी लगी है। इसी में गुजारा करना पड़ता है।

इंदिरा आवास गिरने पर उतारूः
जहां दोनों बुर्जुग रहते हैं। वह इन्दिरा आवास योजना से बनी है। जो अबतब में गिरने पर उतारू है। जमसौत ग्राम पंचायत की मुखिया बेदामो देवी के द्वारा बुर्जुग को पुनः राशि विमुक्त नहीं किया जा रहा है। इसी श्रेणी वालों को फिर से इन्दिरा आवास योजना के तहत राशि मिल रही है। इस समय बीपीएल सूची के स्कोर के अनुसार होता है। इस समय मुखिया जी के हाथ में इन्दिरा आवास योजना की स्वीकृति अथवा अस्वीकृति नहीं है। फिर भी इन दोनों बुर्जुगों के समर्थन में खड़ी होकर प्रखंड विकास पदाधिकारी, दानापुर से पैरवी तो कर सकती हैं। अपनी शक्ति तो लगा सकती ही है। अब देखना है कि मुखिया जी कुछ कर पा रही हैं कि इसी तरह के जीर्णशीण अवस्था वाले मकान में बुर्जुगा रहने को बाध्य ही रहेंगे।
आलोक कुमार