Saturday 2 November 2013

ईसाई समुदाय के द्वारा भक्तिभाव से मुर्दों का पर्व मनाया



·                  कुर्जी गायक मंडली के द्वारा मधुर गीत और संगीत पेश किया गया। सिस्टर दीप्ति और क्लारेंस हेनरी के नेतृत्व में शानदार प्रस्तुति की गयी। कुल मिलाकर भक्गिमय माहौल में मुर्दों का पर्व मनाया गया।


पटना। अगर आपका कोई परिजन की मौत हो गयी है। उसको शांति पहुंचाने की जरूरत है। कोई व्यक्ति की मौत होती है। तो तीन जगहों में आत्मा का विचरण होता है। अगर मृत व्यक्ति के द्वारा धरती पर नेक कार्य किया है। तो स्वर्गधाम का पुरस्कार मिलता है। अगर मिलीजुली कार्य किया है तो शोधकाग्नि में अगर बेहतर ढंग से कार्य नहीं किया है। तो उसके नरकधाम प्राप्त हो गया। ईसाई समुदाय के नेतृत्व करने वाले पुरोहितों के द्वारा इसी तरह की जानकारी दी जाती है। कुर्जी कब्रिस्तान में फादर सुशील साह ने एक बार फिर आज मुर्दों का पर्व के अवसर पर व्यक्त कर रहे थे। यह व्यवस्था खुदा के द्वारा तय किया जाता है। हम लोग 2 नवम्बर के दिन शोधकाग्नि में पड़ी मृत आत्माओं को प्रार्थना करके स्वर्ग में पहुंचा सकते हैं।

आज फादर सुशील साह के नेतृत्व में धार्मिक अनुष्ठानः
प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर के परिसर में स्थित कुर्जी कब्रिस्तान में फादर सुशील साह के नेतृत्व में आज धार्मिक अनुष्ठान अदा की गयी। इस अवसर पर फादर अरूण अब्राहम, फादर दीपक, फादर स्कारिया, फादर जोनसन आदि सहयोगी थे। जैसे ही घड़ी की सूई ढाई बजा दी। कुर्जी गिरजाघर वस्त्र पहनकर पुरोहितगण कब्रिस्तान की ओर बढ़ने लगे। सबसे पहले एक बालक के द्वारा सलीब पर लटके महान येसु को लेकर आगे की ओर बढ़ रहा था। इसके अनुशरण करके अन्य चल रहे थे। इसके बाद कब्रिस्तान के मध्य में बेदी बनाया गया। वहीं पर धार्मिक अनुष्ठान शुरू किया गया। इस अवसर पर परमप्रसाद वितरण किया गया। अन्त में पुरोहितों के द्वारा पवित्र जल का छिड़काव किया गया। जब किसी पुरोहित के द्वारा पवित्र जल का छिड़काव किया जाता था। तब लोग क्रूस का चिन्ह बना लेते थे। कुल मिलाकर यह सब 2 घंटे तक चला।

नयना विराम कब्र को बनाने में जोरदार प्रयास किया गयाः
मृतक के परिजनों के द्वारा अधिकांश कब्रों को रौनकदार बनाया गया। गेंदा का फूलों का इस्तेमाल किया गया। उसी फूल से क्रूस का चिन्ह भी बनाया गया। मोमबर्ती और अगरबर्ती जलाया गया। मोमबर्ती को जलाने से कब्रिस्तान जगमग हो उठा। वहीं अगरबर्ती जलाने से वातावरण सुगंधित महक से निहाल हो गया। वहीं श्रद्धालु भी पीछे नहीं रहे। तरह-तरह के पोशाक पहनकर आये। नव जवानों और बच्चों में खासी उमंग देखी गयी। बच्चे आइसक्रीम खाने में पीछे नहीं थे। लगभग मेला की तरह लग रहा था। बैलून बेचने वाले भी गये। एक विकलांग वैशाखी पर चलकर आये थे। बैलून बेच रहे थे।

इस अवसर पर झारखंड विधान सभा के मनोतीत सदस्य आयेः
मौके पर झारखंड विधान सभा में एंग्लो-इंडियन समुदाय से मनोनीत सदस्य जौर्ज जे गोलस्टेन आये थे। इनका पिता जोसेफ पी गोलस्टेन की मौत होने के बाद कुर्जी कब्रिस्तान में ही दफन किये गये। उनको हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करने विधायक जी आये थे। मालूम रहे कि झारखंड के विधायक जौर्ज जे गोलस्टेन के पिता जोसेफ पी गोलस्टेन के द्वारा कुर्जी कब्रिस्तान की चहारदीवारी करायी गयी। इनके अलावे सुशील लोबो, सिसिल साह, एस.के. लौरेंस, स्टेला साह, जेबियर लुइस आदि उपस्थित थे।

जिन कब्रों पर फूल और मोमबर्ती नहीं था उसपर चढ़ा दियाः
संत विन्सेन्ट डी पौल समाज की कुर्जी शाखा की ओर से व्यवस्था की गयी कि जिन कब्रों पर फूल, मोमबर्ती, अगरबर्ती आदि ने चढ़ाया गया था। उसपर कुर्जी शाखा की ओर चढ़ाया गया। वहीं कुर्जी गायक मंडली के द्वारा मधुर गीत और संगीत पेश किया गया। सिस्टर दीप्ति और क्लारेंस हेनरी के नेतृत्व में शानदार प्रस्तुति की गयी। कुल मिलाकर भक्गिमय माहौल में मुर्दों का पर्व मनाया गया।

आलोक कुमार