Friday, 22 November 2013

संयुक्त अधीक्षक शैलेश कुमार झा ने केस स्ट्डी पर लिया संज्ञान

  


कई जगहों के चक्कर लगाने के बाद 12 मई,2012 को डाक्टर नरेश प्रसाद से दुर्गा लाल को देखा। आवश्यक जांच करवाने के बाद घर भेज दिया। उनको अगले दिन 13 मई को आकर भर्ती होने का परामर्श दिया। मरीज दुर्गा लाल 4 बजे गणिनाथ हॉस्पिटल में आकर भर्ती हो गया। भर्ती होने के तीन घंटे के बाद डाक्टर नरेश प्रसाद ने दुर्गा लाल का शाम 7 बजे ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के बाद मरीज ठीक ठाक रहे। मगर अगले दिन 14 मई को 4 बजे दुर्गा लाल की मौत हो गयी।

पटना। श्रम विभाग के संयुक्त अधीक्षक शैलेश कुमार झा ने कहा कि दुर्गा लाल की मौत के बारे में खत लिखकर जिलाधिकारी, भोजपुर से जानकारी देने की मांग करेंगे। साथ में दुर्गा लाल की पत्नी पार्वती देवी को तत्काल तीस हजार रू. की राशि निर्गत किया जाएगा। इसके लिए पार्वती देवी को आवेदन पेश करना होगा। जिलाधिकारी से जांच रिपोर्ट आने के बाद असंगठित कामगार एवं शिल्पकार षताब्दी योजना से लाभान्वित करा दिया जाएगा।

 स्थानीय अनुग्रह नारायण समाज अध्ययन संस्थान के सभागार में पूअरेस्ट एरिया सिविल सोसायटी के सहयोग से प्रगति ग्र्रामीण विकास समिति ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के ऊपर एक दिवसीय राज्य स्तरीय जन संवाद आयोजित किया था। श्रम विभाग के संयुक्त अधीक्षक शैलेश कुमार झा ने भोजपुर जिले से प्राप्त एक केस स्ट्डी के मामले में संज्ञान लिये।

 संपूर्ण इस प्रकार है।भोजपुर जिले के संदेश प्रखंड में कन्हैया लाल के पुत्र दुर्गा लाल (45 साल) रहते हैं। संदेश पंचायत के संदेश गांव से संदेशा है कि दुर्गा लाल को पेशाब की थैली में पत्थरी हो गयी थी। दुर्गा लाल को 15 दिनों से पेशाब रूक गया था। उनकी पत्नी पार्वती देवी ने संदेश के ही किसी चिकित्सक से दुर्गा लाल को दिखाया। उन्हें पाइप लगाकर पेशाब उतार दिया गया। 5 दिनों के बाद संदेश से दुर्गा लाल को टेम्पो पर बैठाकर आरा शहर लिया गया। डा.टी.पी.सिंह से रहरहकर पेशाब बंद होने जाने संबंधी इलाज 8 दिनों तक कराया गया। दुर्गा लाल की मर्ज में सुधार नहीं होने के बाद बिहटा ले गये। यहां के ही चिकित्सक ने डायग्नोसिस किये कि रोगी के पेशाब की थैली में पत्थरी हो गयी है। इसका ऑपरेशन करने के लिए नकद 14 हजार रूपए लगेंगे। इस पर पार्वती देवी ने कहा कि मेरे पास तत्काल राशि नहीं है। गरीबी रेखा के नीचे रहने के कारण पार्वती देवी के पति दुर्गा लाल के नाम से स्मार्ट कार्ड बना हुआ है। पी.एम.सी.एस.के एक्स सीनियर रेजिडेंट और सदर अस्पताल,आरा के सी.एम.. डाक्टर नरेश प्रसाद ने नहर ऑफिस रोड,नवादा, भोजपुर के पास गणिनाथ हॉस्पिटल, लेप्रोस्कोपी एवं लिथोट्रेपसी(स्टोन) सेंटर खोल रखा है। इस धरती के भगवान समझे जाने वाले चिकित्सक डाक्टर नरेश प्रसाद के सेंटर पर कवाड़ी का धंधा करने वाले दुर्गा लाल इलाज कराने आये थे। आने साथ स्मार्ट कार्ड भी लाये थे। स्मार्ट कार्ड की संख्या 0036177210311360 5 है।

 उनको पेशाब की थैली में पत्थरी हो गयी थी। कई जगहों के चक्कर लगाने के बाद 12 मई,2012 को डाक्टर नरेश प्रसाद से दुर्गा लाल को देखा। आवश्यक जांच करवाने के बाद घर भेज दिया। उनको अगले दिन 13 मई को आकर भर्ती होने का परामर्श दिया। मरीज दुर्गा लाल 4 बजे गणिनाथ हॉस्पिटल में आकर भर्ती हो गया। भर्ती होने के तीन घंटे के बाद डाक्टर नरेश प्रसाद ने दुर्गा लाल का शाम 7 बजे ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के बाद मरीज ठीक ठाक रहे। मगर अगले दिन 14 मई को 4 बजे दुर्गा लाल की मौत हो गयी। मौत होने से घबराड़े डाक्टर नरेश प्रसाद ने खुद एम्बुलेंस कॉल करके मरीज को सदर अस्पताल ले जाने का आदेश दुर्गा लाल की पत्नी को कहने लगे। वह अकेली होने के अलाप लगाने लगी। वह अपने रिश्तेदारों को खबर कर दी।  डाक्टर नरेश प्रसाद के बुलावे पर आया एम्बुलेंस से सदर अस्पताल चले गये। तबतक रिश्तेदार सदर अस्पताल पहुंच गये। रातभर सदर अस्पताल में ठहरे रहे। शव को घर ले जाने में दिक्कत होगी। इसको समझकर रिश्तेदारों ने 15 मई को सुबह करीब साढ़े नौ बजे हंगामा किये। हंगामा के बाद डाक्टर नरेश प्रसाद ने अपने लेटर पैड पर रेफर टू पी.एम.सी.एच. लिखकर दिया। पहले डाक्टर नरेश प्रसाद ने दिनांक 15.5.12 लिखा। उसके बाद 15 तारीख को बदलकर 14 बना दिया। यहां से मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया गया। हॉस्पिटल से मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत नहीं होने से बिहार सरकार (योजना एवं विकास विभाग) सांख्यिकी एवं मूल्यांकन निदेशालय से मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवा लिया गया है। इसकी संख्या 724183 है। पंजीयन संख्या-12 है। जो 18.5.2012 को सतीश कुमार सिंह के द्वारा जारी किया गया है। इस प्रमाण-पत्र से बीमा योजना में जमा की गयी राशि नहीं निकाली जा सक रही है। इससे के कारण परेशानी बढ़ गयी है। 7 वीं कक्षा छोड़कर जय गोविन्द कुमार(16 साल) बाल मजदूर बन गया है। अभी वह समुन्द्र(अरब सागर) वाले प्रदेश केरल में काम कर रहा है। प्रीति कुमारी (12 साल) 5 वीं में और काजल कुमारी (6 साल) अध्ययनरत है। मां बावली बनकर न्याय की भीख मांगने के लिए दौड़ लगाती रहती है।

  श्री कन्हैया लाल के पुत्र दुर्गा लाल की मौत की न्यायिक जांच करने की मांग की जा रही है। चिकित्सक की लापरवाही के कारण दुर्गा लाल हो गयी मौत के मुआवजा के तौर पर 10 लाख रूपए दिया जाए। हॉस्पिटल के द्वारा मृत्यु प्रमाण-पत्र निर्गत किया जाए ताकि उनकी बेवा पार्वती कुवंर बीमा कम्पनी प्रमाण-पत्र देकर बीमा कम्पनी से राशि निकाल सके। पार्वती कुवंर को लक्ष्मी बार्द सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत किया जाए। बाल मजदूर बन गये पार्वती कुवंर के पुत्र जय गोविन्द कुमार और उसकी बहनों को पढ़ाने की व्यवस्था सरकारी स्तर से की जाए।

Alok Kumar