पटना। पहले इंडियन ऑयल गैस एजेंसी के द्वारा प्रदत्त इंटरप्राइजेज परेशान होते थे। अब एक के बदले हरेक घरेलू गैस उपभोक्ता कार्डधारक परेशान और हलकान हो रहे हैं। खाघ एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक और इंडियन ऑयल का फरमान हुआ कि भीड़भाड़ से उपभोक्ताओं को निजात दिलाने के लिए मोबाइल से नम्बर लगाने की सुविधा दी जा रही है। इसके साथ हाथ से भी नम्बर नोट किया जा सकता है। तो बाद में बंद कर दिया गया।
घर के अंदर बैठकर एक बार उपभोक्ता मोबाइल से गैस का नम्बर लगाते है। उसके बाद कई बार इंटरप्राइजेज के चक्कर लगाने को मजबूर हो जाते हैं। इस तरह की प्रक्रिया से और अधिक उपभोक्ता परेशान होने लगे हैं। अगर आपके प्रयास से नम्बर लग भी जाता है तो इंडियन ऑयल से मैसेज आता है कि नम्बर को कैंसिल कर दी गयी है। इसको लेकर उपभोक्ता इंटरप्राइजेज के पास फरियाद करने जाते हैं। वहीं जिसको मोबाइल से नम्बर लगाने में दिक्कत होती है तो वह भी इंटरप्राइजेज के द्वार जाने को बाध्य हो जाता है।

जिस प्रकार चेहरा देखकर चिकित्सक खुश हो जाते हैं। उसी तरह आपकी परेशानी को हॉकर मन-मन खुश होने लगता है। आप परेशानी का बखान करने लगते हैं। खाघ एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक से लेकर इंटरप्राइजेज के मालिक के अलावे कर्मचारियों की मनमर्जी के बारे में भला बुरा कहने लगते हैं। तो हॉकर और अधिक प्रंसन्न हो उठता है। हॉकर पूछता है कि आपका घर किधर है? घर का पता बताने पर कहता है कि उस क्षेत्र के हॉकर छुट्टी पर है। तब गैस कैसे मिलेगा? हां गैस उपलब्ध करा सकते हैं। मगर 950 रूपए लगेगा। जहां 450 सौ रूपए में मिलता है। वह दुगुना से 50 रू. अधिक की मांग करता है। यह तो कम है। 1050 रू. चल रहा है। इसकी बात में दम है। दानापुर क्षेत्र के रूपसपुर थाना के आसपास हॉकर 1050 रू. की मांग करता है।
कुर्जी से लेकर दीघा क्षेत्र तक रशोई गैस की कालाबाजारी चरम पर है। कई जगहों पर बड़े सिलिंडर से छोटे सिलिंडर में रिफिलिंग करते देखे जा सकते हैं। वह भी चुपके-छुपाते नहीं। खुलेआम पटना-दीघा मुख्यमार्ग के किनारे अवैध धंधा करते देखा जाता है। इस ओर स्थानीय पुलिस मौनधारण कर लिये हैं।
आलोक कुमार