Friday 8 November 2013

जिला प्रशासन और स्थानीय पूजा समिति के सदस्यों ने की विशेष व्यवस्था


     

*अर्घ्यदान देने के बाद वाहनों निकले सड़क पर तो जाम की स्थिति बन गयी। इसे स्वयंसेवकों ने संभाल लिया। रेंगकर चलने वाली गाड़ियों को गति देने में सफल हो गए।

पटना। लोक आस्था के चार दिसवीय महापर्व के तीसरे दिन भगवान भास्कर को अर्घ्यदान दिया गया। जिला प्रशासन और स्थानीय पूजा समिति के सदस्यों ने विशेष व्यवस्था बनाकर रखे। दोनों के सहयोग से गंगा नदी में भी अवरोद्धक लगा दिया गया था। बांस से घेराबंदी कर दी गयी। इसके अंदर ही लोग रहकर अर्घ्यदान दिये। इस अवरोद्धक को लोगों ने नहीं तोड़ा। यह साबित करता है कि लोग अनुशासन में रहना ही बेहतर समझे। इसके अलावे सभी जगहों पर सफाई की विशेष व्यवस्था की गयी। इस पर विशेष ध्यान दिया गया। इस ओर आम लोग भी सचेत थे। इन लोगों ने भी सफाई पर खास ध्यान दिये। अगर प्रदेश में ऐसा ही माहौल रहा तो हमलोग अनेक प्रतिरोधक बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं।
खैर, जिला प्रशासन के द्वारा घाटों पर विशेष ध्यान दिया गया। इस बार जिला प्रशासन भी किसी तरह से जौखिम लेने के मूड में नहीं था। प्रशासन के द्वारा गंगा नदी में नाव चालन पर पाबंदी लगाने के कारण निजी नाव नहीं चलते देखा गया। सिर्फ गंगा नदी में तैनात सुरक्षाकर्मी ही नाव पर बैठकर सुरक्षा का जायजा लेते देखे गये। वहीं जल के साथ थल पर भी काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहे। स्थानीय पुलिस ने गंगा नदी के किनारे तक पार्किग करने पर पाबंदी लगा दी थी। इसके आलोक में पुलिस ने बांस से अवरोद्धक बना रखा था। यह कई चरण में था। इस तरह के वाहनों को चरणबद्ध तरीके से रोकने से आम लोगों को परेशानी नहीं हुई। वाहन के कारण घाट पर थलथल भी नहीं बना। हालांकि कई घाटों पर जाने वाले राह पर लोगों को चलने से थलथल बन गया था। जो खतरा को दावत नहीं देने वाला है।
श्री श्री छठ पूजा समिति नवयुवक संघ, बाजितपुर, गेट नम्बर 92 में जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष संजय कुमार ने दीघा घाट पर विशेष प्रबंध कर रखा था। इसमें पी.आई.पी. किस्म को ठहराया गया। कुर्जी मस्जिद गेट नम्बर 74 के सामने गंगा किनारे उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत के मुखिया सुधीर कुमार सिंह और महेन्द्रा ट्रैक्टर्स के रोहित कुमार सिंह के द्वारा चचड़ी का पुल बनाया गया। यहां पर एक साथ तीस आदमी आवाजाही कर सकते हैं। कुल मिलाकर व्यवस्था संतोषजनक ही रहा। हां, अर्घ्यदान देने के बाद वाहनों निकले सड़क पर तो जाम की स्थिति बन गयी। इसे स्वयंसेवकों ने संभाल लिया। रेंगकर चलने वाली गाड़ियों को गति देने में सफल हो गए।

आलोक कुमार