Friday 17 January 2014

भू माफियों के चंगुल में गरीबों की जमीन स्थानान्तरण न हो



पटना। वर्ष 2020 में अहिंसात्मक आंदोलन को स्वरूप देने में जन संगठन एकता परिषद लग गयी है। इस संदर्भ में एकता परिषद के राष्ट्रीय प्रशिक्षक रवि बदरी का कहना है कि 25 हजार वंचित समुदाय के साथ जनादेश 2007 और जन सत्याग्रह 2012 में अर्जित ख्याति और प्राप्त परिणामों कोचलो गांव की ओर अभियान के तहत गांव में जाकर आम आदमी के साथ बैठक कर जल-जंगल-जमीन के मुद्दों को अवगत कराना है। इसके अलावे केन्द्रीय सरकार के साथ समझौता और राज्य सरकारों को प्रेषित एडवाइजरी के बारे में ज्ञान को साझा करना है। अपने मुद्रा की गंभीरता की तरह रवि बदरी एकता परिषद के मुद्दों को धरती पर उतारना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि टी-20 में न्याय पर आधारित भारत नामक अहिंसात्मक आंदोलन का स्वरूप तैयार किया जा रहा है। इसमें 10 लाख लोगों को शामिल करना है। इस तरह के आंदोलन 2007 और 2012 में किया गया। आंदोलन के पहले और बाद में आम आदमी को कुछ हासिल हुआ है। भूदान भूमि ,वनाधिकार भूमि,आवासीय भूमि और खेती योग्य भूमि प्राप्त हुआ है। इस तरह की भूमि आम लोगों के पास ठहरे और जीविका का साधन बनाएं रखें। इसके प्रति सचेत रहना है। ऐसा हो कि भूमि अधिग्रहण कानून के तहत गरीबों की जमीन का स्थानान्तरण अमीरों के पास हो जाए। उनका स्पष्ट कहना है कि सरकार ने प्राकृतिक प्रदत्त जमीन की कीमत लगा दी है। क्या मां की प्राकृतिक दूध की कीमत लगायी जा सकती है। कहने का मतलब यह है कि आम ग्राम पंचायत से किसी तरह से जमीन बेचने का प्रस्ताव पारित करवा लें। प्रस्ताव पारित करवाने के बाद मोटी राशि दे दें। यह राशि कितने दिनों तक चलेगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और अब गांधीवादी विचारक पी.व्ही.राजगोपाल के ग्राम स्वराज के अवधारणा के खिलाफ सरकार हिंसात्मक कार्रवाई कर रही है। हिंसात्मक कार्रवाई के तात्पर्य यह हैं कि भू माफियों के चंगुल में गरीबों की जमीन स्थानान्तरण कर देना।
  आगे कहा कि सरकार के द्वारा हिंसात्मक कार्रवाई के खिलाफ अहिंसात्मक कार्रवाई के लिए सरकार भूमि सुधार नीति लागू नहीं कर रही है। हम लोगों का प्रयास है कि हम जल-जंगल-जमीन सदृश्य मुद्दों को लेकर अहिंसात्मक आंदोलन चलाकर सरकार पर दबाव बनाएं। वहीं सरकार के द्वारा हिंसात्मक कार्रवाई को नियंत्रित कर सके।
सवाल के जवाब में रवि बदरी ने कहा कि अभी एकता परिषद ने राज्य स्तर पर संचालन समिति बनायी है। इनके जिम्मे 6 राज्य उड़ीसा,झारखंड,बिहार,छतीसगढ़,राजस्थान और मध्यप्रदेश है। राज्य के संचालन समिति के सदस्यों के संग रणनीति चिंतन करने हैं। उड़ीसा और झारखंड के बाद बिहार आए हैं। बिहार के गया, दरभंगा, अररिया, भोजपुर और पटना जिले के 5 लोगों का संचालन समिति है। ये लोग 3 दिनों के लिए तीन माह के अंदर मिलते हैं। सभी तरह के गतिविधियों को अंजाम देते हैं और उसका नेतृत्व करते हैं। फिलवक्त संघर्ष से प्राप्त परिणामों को रचनात्मक क्रिया में बदल रहे हैं। इंदिरा आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि को सही ढंग से लाभान्वितों तक पहुंच जाए। इसके अलावे भूमि एवं स्वास्थ्य क्षेत्र पर भी ध्यान रखते हैं। किसी तरह की धांधली हो। उस पर अंकुश लगाने का प्रयास करते हैं।
आलोक कुमार