राजस्व
मंत्री ने जमीन
के मुद्दों का
जल्द समाधान करने
का दिया आश्वासन
भोपाल।
आगामी लोक सभा
चुनावों को देखते हुए
एकता परिषद ने
यह निर्णय लिया
है कि राष्ट्रीय स्तर
पर जमीन को
मुद्दे को उठाएगा
और प्रमुख राजनीतिक दलों
से अपनी मांगों
को उनके घोषणा-पत्रों में शामिल
किए जाने का
दबाव बनाया जाएगा।
हाल ही में
संपन्न मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में
भी जमीन के
मुद्दे को सभी
राजनीतिक दलों से उनके
घोषणा-पत्रों में
शामिल करवाने के
लिए आंदोलन किया
गया था। आज
गांधी भवन में
एकता परिषद द्वारा
भूमि सुधार की
चुनौतियां एवं संभावनाएं विषय
पर तीन दिवसीय
राज्य स्तरीय सम्मेलन की
शुरुआत की गई।
एकता परिषद ने
सम्मेलन में घोषणा की
कि गांव वापसी
अभियान चलाया जाएगा,
जिसमें संगठन से
जुड़े कार्यकर्ता गांव
में जाकर वहां
केंद्र एवं राज्य
सरकार द्वारा लागू
जनहितैषी कानून, नीतियों एवं
कार्यक्रमों की जमीनी हकीकत
देखेंगे। वंचित समुदाय को
इसका लाभ दिलाने
एवं युवाओं को
जन सेवा से
जोड़ने का कार्य
करेंगे।
सम्मेलन में
मध्यप्रदेश के राजस्व मंत्री
रामपाल सिंह ने
कहा कि एकता
परिषद द्वारा उठाए
गए जमीन संबंधी
सभी मामलों का
समाधान वे जल्द
से जल्द करेंगे। इस
दरम्यान उन्होंने जमीन से जुड़ी
विभिन्न विसंगतियों के बारे में
कार्यकर्ताओं से जानकारी ली।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता
एवं विधायक मुकेश
नायक ने कहा
कि जंगल एवं
जमीन से जुड़े
सभी समस्याओं को
विधानसभा में उठाएंगे और
सरकार वंचित के
हित में निर्णय
लें, इसके लिए
वे दबाव बनाएंगे। एकता
परिषद के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष रनसिंह
परमार ने कहा
कि अगले एक
साल तक हम
आंदोलन को व्यापक
बनाने के लिए
विमर्श कर रहे
हैं, जो पिछले
सालों के हमारे
अनुभवों के आधार पर
होगा। हम उन जगहों
पर जहां भूमि
से जुड़ा कोई
मुद्दा नहीं हो,
वहां मनरेगा, पेंशन,
राशन, सूचना का
अधिकार आदि जनहितैषी मुद्दों पर
लोगों को लामबंद
करेंगे।
Aneesh Kumar