Saturday 25 January 2014

भावुक पल में बहुत कुछ कह गये




दानापुर। पड़ोसी प्रदेश झारखंड से 2001 में थोमस पूर्ति आये थे। अपने सेवा कार्य से प्रभावित करने लगे। प्रगति ग्रामीण विकास समिति में 13 साल तक सेवा देने के बाद टा-टा बाई-बाई कर दिये।

सच में आज शनिवार को विदाई समारोह के दौरान भावुक पल उत्पन्न हो गया। भला ऐसा क्यों हो? निष्ठा से कार्य अंजाम देने वालों को लोग आंख में बसा ही लेते हैं। प्रगति ग्रामीण विकास समिति की सेवा से जाने वालों को विदाई देने का परम्परा नहीं रहा है। लिंक से हटकर समिति को विदाई समारोह आयोजित करना ही पड़ा। वह संक्षिप्त अथवा भव्य क्यों हो? आगत लोगों को मुस्कराकर अभिवादन करने वाले जो ठहरे। हां, क्षणभर में ही थोमस पूर्ति स्नेह कर लेता था। अपने व्यवहार से अन्य लोगों के दिल जीत लेने वाले को विदाई देने वालों ने कहा और माना भी। कहा कि झारखंड के छऊवा हरफन में माहिर था। उसे बहुत ही प्रेरणा मिली। उसी के राह पर चलने लगे हैं। इसी क्रम में प्रगति ग्रामीण विकास समिति के सचिव प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि आपके लिए मेरा दिल खुला है। जब कभी भी संस्था में आने का मन करें तो आए और चले जाए। यह द्वार खुला है और खुला ही रहेगा तेरे लिए।

  इसके पहले मंजू डुंगडुंग, सिंधु सिन्हा, वीके सिंह, अनिल पासवान,सन्नी कुमार, दौलत कुमार, संजय कुमार सिन्हा,अनिमेश निरंजन आदि ने थोमस पूर्ति के पक्ष में यशोगान किये। कुल मिलाकर लब्बोलुआब था कि हरफन में माहिर थोमस थे। अपनी सेवा कार्य से आने वाले लोगों को खुश कर देते थे। यहां पर एक बार आने वाले थोमस के कायल हो जाते थे। एक बार आने वाले दूसरी बार आने पर थोमस के ही बारे में पूछ बैठते थे। देश-प्रदेश-विदेश के लोग थोमस से काफी स्नेह किया करते हैं। विदाई समारोह के दौरान थोमस को उपहार भी दिया गया।


आलोक कुमार