गया।
हुजूर! आपके जिले
में भू माफिया
सक्रिय हो गये
हैं। जमीन पर
काबिज गरीब महादलित
लोगों को डरा
धमकाकर जमीन से
बेदखल कर दिया
जा रहा है।
महादलितों को बेदखल
करने के पहले
जमीन की कीमत
मनमर्जी से लगाकर
औने पौने भाव
में बेचने को
बाध्य कर दे
रहे हैं। कारण
महादलितों के हाथों
में जमीन है
परन्तु जमीन का
पर्चा साथ में
नहीं है। जब
महादलित कार्यालय में जाकर
पर्चा की मांग
करते हैं तो
वहां से सुगम
ढंग से टरका
दिया जाता है।
यहां पर भूदान
यज्ञ कमिटी के
जिला कार्यालय के
भूतपूर्व अमीन ने
भूदानी जमीन का
दस्तावेज उपलब्ध कराने का
गोरखधंधा करने पर
उतर गया है।
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साधन नहीं
रहने
के
कारण
फसल
नुकसानः
पर्याप्त साधनों के लिए
सरकार की ओर
मुंह ताकने के
बाद निराश होने
वाले महादलित लोकल
महाजनों से कर्ज
लेकर खेती करते
हैं। महाजनों से
पूंजी लेकर खेत
में लगाना भी
कम खतरे की
बात नहीं है।
सनद रहे कि
खेती करना भी
जुआ खेलने की
तरह ही है।
मौसम पर निर्भर
होने के कारण
फसल की बर्बादी
भी हो सकती
है। ऐसी स्थिति
में लोकल महाजनों
से कर्ज लेकर
खेती करने का
नुकसान सामने दिखने लगता
है। ऐसी स्थिति
में हमलोग खेत
को ही बंधक
रख देते हैं।
हम तो
मुफ्त
में
हो
जाते
बदनामः
हम तो मुफ्त
में बदनाम हो
जाते हैं। हमलोग
खेत में फसल
ऊपजाने के लिए
महाजनों से कर्ज
लेते हैं। तब
लोग हवाबाजी करने
लगते हैं कि
भूईया जाति के
लोग खेत को
बंधक रखकर दारू
पी जाते हैं।
इसके कारण बहुत
लोग भूदान की
जमीन और सिंलिग
की जमीन को
बहुत लोग बेच
दे रहे हैं।
ऐसा नहीं है।
मेहनत करते हैं।
शाम को कुछ
थकावट दूर करने
के लिए सेवन
किया जाता है।
इस समय
बहुत
महादलितों
का
परवाना
नहीं
हैः
इस समय बहुत
महादलितों को भूदान
यज्ञ कमिटी से
भूदन भूमि और
अंचल कार्यालय से
सिंलिग की भूमि
मिली है। कई
लोगों का जमीन
का पर्चा पानी से
गल गया है।
जब भूदान यज्ञ
कमिटी के जिला
गया कार्यालय
में जाकर जिला
कार्यालय मंत्री से इस बाबत
बातचीत की गयी
तो उनका स्पष्ट
रूप से कहना
है कि कार्यालय
के द्वारा निर्गत
भूदान भूमि का
दस्तावेज उपलब्ध नहीं है।
तो उक्त दस्तावेज
का नकल किस
तरह दे सकते
हैं। वहीं सिंलिग
जमीन के बारे
में अंचल कार्यालय
में किसी तरह
का दस्तावेज नहीं
है। उसी तरह
से भूदान यज्ञ
कमिटी के द्वारा
भी कहा जाता
है। भूदान किसानों
को 1954 में भूदान
की जमीन मिली
थी।
अब कार्यालय
से
पर्चा
निकालना
जी
का
जंजाल
बनाः
महादलितों को कार्यालय
से यह कहकर
टरका दिया जाता
है। मगर भू
माफियाओं को दस्तावेजों
का नकल कोपी
आसानी से मिल
जाता है। आप
समझ रहे होंगे
कि महादलितों को
दस्तावेजों का नकल
नहीं मिल पाता
है। तो उनको
किस तरह से
मिल जाएगा। हां,
भू माफियाओं को
मोटी रकम खर्च
करनी पड़ती है।
इसके बाद दस्तावेज
उपलब्ध हो जाता
है। इसके लिए
आपको भूदान यज्ञ
कमिटी से अवकाश
प्राप्त अमीन जयराम
प्रसाद के पास
जाना होगा। जयराम
बाबू को राम-राम कहकर
हरे रंग के
नोट के दर्शन
कराकर निवेदन करें।
इसके बाद भूदानी
जमीन का दस्तावेज
उपलब्ध करा दिया
जाएगा। इसी लिए
यहां पर लोग
मधुमक्खी की भिनभिनाते
रहते हैं। कार्यालय
में दस्तावेजन नहीं
है। इसके आलोक
में दलाल सक्रिय
हो गये हैं।
अब महादलितों को
डरा और धमकाकर
कम कीमत पर
ही जमीन हथिया
ले रहे हैं।
वहां पर जाकर
कागजात बना ले
रहे हैं।
आलोक कुमार
9939003721